जीवनी से संबंधित फिल्म दिखाई
शहीद मदन लाल की तस्वीर संसद में लगाने की मांग
जींद। पटियाला चौक स्थित पंजाबी धर्मशाला में रविवार को अमर शहीद मदनलाल धींगड़ा पंजाबी धर्मशाला सेवा समिति द्वारा शहीद मदनलाल धींगड़ा का शहीदी दिवस मनाया गया। कार्यक्रम में मौजूद लोगों को शहीद मदन लाल की जीवनी से संबंधित फिल्म भी दिखाई गई और उनके साहसिक कारनामों का उल्लेख किया गया। वक्ताओं ने मांग की कि शहीद मदन लाल धींगड़ा की तस्वीर संसद भवन में लगाई जाए। उनकी जीवनी को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए। प्रदेश में किसी भी एक संस्थान का नाम उनके नाम पर रखा जाए। समिति के प्रेस प्रवक्ता डा. धमेंद्र सिंह बारा ने कहा कि मदन लाल धींगडा का जन्म क्त्त् फरवरी, क्त्त्त्त्फ् को पंजाब प्रांत में एक समृद्ध हिंदू परिवार में हुआ था। उनकव् पिता दिाा मल एक अमीर सिविल सर्जन थे। ढींगडा विチयात भारतीय स्वतंत्रता और राजनीतिक विनायक दामोदर सावरकर और श्यामजी कव् संपर्क में आए और स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई में कूद गए। दोनों ही उनकी दृढ़ता और तीव्र देशभक्ति से प्रभावित थे। इस अवधि कव् दौरान उन्होंने देशक ो आजाद कराने के लिए अनेक कार्य किए। उनमें देशभक्ति का जज्बा कूटकूट कर भरा हुआ था। उन्होंने बताया कि एक जुलाई, क्ऽ०ऽ की शाम को भारतीय और अंग्रेज बड़ी संチया में भारतीय राष्ट्रीय एसोसिएशन की वार्ष्कि दिवस समारोह में भाग लेने कव् लिए एकत्र हुए थे। जब सर कर्जन विल्ली भारत कव् लिए राज्य कव् सचिव कव् लिए राजनीतिक सैन्या देशवाहक, कव् अपनी पत्नी कव् साथ हॉल में प्रवेश कर रहे थे तो ढींगड़ा ने उसकव् चेहरे पर सही पांच शॉट निकाल दिया। जिनमें से चार उनकव् निशाने पर लगे। जिसका अभियोग अदालत में चला। आखिरकार ढींगडा को क्स्त्र अगस्त क्ऽ०ऽ को फांसी की सजा दी गई और उन्होंने हंसतेहंसते फांसी के फंदे को चूम लिया। इस मौके पर पंजाबी समाज के गणमान्य लोग मौजूद थे।
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