Sunday, 5 August 2012

हरियाली पर भी मंडरा रहा सूखा


 जिले की हरियाली पर भी बरसात न होने का खतरा मंडराने लगा है। बरसात न होने से वन विभाग द्वारा लगाए जाने वाले नए पौधे का लक्ष्य अब तक आधे से भी कम पूरा हुआ है, जिससे वन विभाग के अधिकारियों की चिंताएं बढ़ गई हैं। वन विभाग भी इंद्र देवता के मेहरबान होने का इंतजार कर रहा है, वहीं नए पौधे भी नर्सरियों की शोभा बढ़ा रहे हैं। वन विभाग ने इस साल जिले में सात लाख पौधे विभिन्न स्थानों पर लगाने का निर्णय लिया था। इसके अलावा 10 लाख पौधे सरकारी और प्राइवेट संस्थाओं को बांटने का निर्णय लिया था। वन विभाग द्वारा यह कार्य हर साल जून और जुलाई माह में किया जाता था। इस अवधि के दौरान बरसात काफी अच्छी होती थी, लेकिन इस बार बरसात 52एमएम से अधिक नहीं हो सकी है। इससे वन विभाग के पौधे लगाने के कार्यक्रम को धक्का लगा है। वन विभाग जिले में अब तक मात्र डेढ़ लाख पौधे ही लगा सका है। यह पौधे भी ऐसे स्थानों पर लगाए गए हैं, जहां पर पानी की उपलब्धता थी। जहां पानी की कमी थी, वहां पौधे नहीं लगाए गए हैं। यदि वन विभाग ऐसे स्थानों पर पौधे लगाता है तो वह पानी की कमी के कारण सूख जाते।
वन विभाग ने अब एक लाख पौधे विभिन्न सरकारी व निजी संस्थाओं को बांटे हैं। इसके पीछे भी सबसे बड़ा कारण बरसात न होना है। इसके मद्देनजर वन विभाग फिलहाल बरसात का इंतजार कर रहा है। यदि बरसात नहीं होती है तो वन विभाग के लिए संकट खड़ा हो जाएगा। बरसात न होने से नर्सरी में तैयार पौधे अब तक नहीं लग सके हैं। अब तक जिले में केवल डेढ़ लाख पौधे ही लगाए जा सके हैं जबकि एक लाख से अधिक विभिन्न संस्थाओं को बांटे गए हैं। बरसात न होना चिंता का विषय है। यदि बिन बरसात पौधे लगाए गए तो वह खराब हो जाएंगे।
सुनील कुंडू, रेंज फोरेस्ट ऑफिसर, जींद

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