एसएफआई ने छात्र समस्याओं पर किया मंथन
सेमेस्टर सिस्टम को रिव्यू करने, छात्र संघ चुनाव बहाल करने की मांग
हर रूट पर चलाई जाएं बसें, छात्राओं से छेड़छाड़ पर लगे रोक
अशोक कुमार बने जिला कमेटी प्रधान
जींद। सेमेस्टर सिस्टम को रिव्यू कर दोबारा लागू करने, लोकल रूटों पर बसें चलाने, लड़कियों के साथ बढ़ते छेड़छाड़ के मामलों पर रोक लगाने, छात्र संघ चुनाव बहाल करने सहित कई मुद्दों को लेकर स्टूडेंट फेडरव्शन ऑफ इंडिया (एसएफआई) का जिला स्तरीय समेलन अक्षर भवन में संपन्न हुआ। जिसकी अध्यक्षता जिला कमेटी सदस्य दिप्ती ने की। इस अवसर पर जिला कमेटी का गठन भी किया गया। जिसमें अशोक को प्रधान तथा मानव प्रदीप को जिला सचिव नियुक्त किया गया।
समेलन को संबोधित करते हुए नवनियुक्त प्रधान अशोक ने कहा कि सेमेस्टर प्रणाली में बहुत सी खामियां है। छात्र लगातार पढ़ाई के बोझ तले दबे रहते हैं। जिसका प्रभाव छात्रों पर पड़ रहा है। पिछले लंबे समय से सरकार शिक्षा पर करोड़ों रुपये खर्च कर रही है। लेकिन शिक्षा में सुधार के नाम पर लगातार प्राइवेट शिक्षा को बढ़ावा दिया जा रहा है। पिछले दस वर्षे में हजारों प्राइवेट स्कूल, कालेज खुल चुके हैं। जो छात्रों का आर्थिक शोष्ण कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि महाविनालयों में न तो टीचिंग स्टाफ है और न ही छात्रों को सुविधाएं उपलध करवाई जा रही हैं। छात्रों पर जबरदस्ती समेस्टर प्रणाली थोंपी गई है। उन्होंने कहा कि स्कूल, कालेज आने जाने वाले छात्रों के लिए अलग से बसों की कोई व्यवस्था नहीं है। जिसके चलते छात्र बसों पर लटक कर या छत पर बैठ कर यात्रा करने को मजबूर होते हैं। इसके अलावा कई बार लंबे रूट के बस चालक बस में भीड़ अधिक होने के कारण बसों को स्टोपेज पर नहीं रोकते। जिसके चलते छात्रों तथा रोडवेज कर्मियों में टकराव की स्थिति हमेशा बनी रहती है।
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