पानी की व्यर्थता कम करने के लिए उठाया कदम
एक मीटर की कीमत ७०० से ८०० रुपये तक
१६ अक्तूबर तक लगवाना होगा मीटर
मीटर रीडिंग के अनुसार भेजा जाएगा बिल
मीटर खरीद के बिल को जमा करवाना होगा बिल ब्रांच में
कुलदीप सिंह
जींद। पीनी की व्यर्थता को कम करने के लिए जनस्वास्थ्य विभाग ने कड़ा कदम उठाया है। अब हर उपभोक्ता को अपने घर में पानी कनेशन पर मीटर लगवाना होगा। जिस तरह बिजली का बिल मीटर रीडिंग अनुसार आता है उसी तरह अब पानी का बिल भी कनेशन पर लगे मीटर रीड़िंग के अनुसार उपभोक्ता को भुगतान करना होगा। उपभोक्ताओं को यह मीटर १६ अक्तूबर तक लगाने होंगे। एक मीटर की कीमत ७०० से ८०० रुपये तक है। पानी के कनेशन पर मीटर लगवाने के बाद उपभोक्ता को मीटर के खरीद बिल को विभाग की पुरानी सजी मंडी मोड़ स्थित बिल ब्रांच में जमा करवाना होगा। तय समय सीमा में बिल न लगवाने पर उपभोक्ता के खिलाफ विभागीय निर्देशानुसार कार्रवाई की जाएगी।
असर घरों में पानी का व्यर्थ बहता रहता है। लोग पानी के लिए मोटर चला कर छोड़ देते हैं। जिससे टंकी भरने के बाद पानी व्यर्थ बहता रहता है। इसी तरह गाड़ी, कपड़े व अन्य सामान धोने के लिए जहां एक बाल्टी पानी का प्रयोग होना चाहिए वहां हम दर्जनों लीटर पानी व्यर्थ गवां देते हैं। पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने पानी की इसी व्यर्थता को कम करने के लिए पानी जनस्वास्थ्य विभाग को पानी के कनेशनों पर मीटर लगवाने के निर्देश दिए हैं। इस समय लगभग १७ हजार वाटर तथा १२ हजार सीवरव्ज कनेशन हैं। माननीय पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के सीडल्यूपी नंबर ५८४६ ऑफ २०१० के आदेशानुसार पानी की व्यर्थता रोकने हेतु सभी पानी के कनेशन जो बिना मीटर के हैं उन्हें मीटर युक्त कनेशनों में बदला जाना है। कनेशनों पर मीटर आईएसआई मार्का के १६ अक्तूबर तक लगवाने होंगे। एक मीटर की कीमत लगभग ७०० रुपये से ८०० रुपये तक है। मीटर के खरीद बिल को पुरानी सजी मंडी मोड़ स्थित बिल ब्रांच में जमा करवाना होगा। मीटर रीडिंग के अनुसार ही पानी का बिल भेजा जाएगा। तय समय सीमा में मीटर न लगवाने पर विभागीय निर्देशानुसार उपभोक्ता के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
जनस्वास्थ्य विभाग के कार्यकारी अभियंता विक्रम मोर ने कहा कि पानी की व्यर्थता को कम करने के लिए पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के निर्देश पर जनस्वास्थ्य विभाग ने यह कदम उठाया है। १६ अक्तूबर तक प्रत्येक उपभोक्ता को मीटर लगवाना होगा। मीटर में रीडिंग अनुसार ही पानी का बिल उपभोक्ता को भेजा जाएगा। मीटर लगने से जहां पानी की व्यर्थता कम होगी वहीं लोग पानी का सदुपयोग भी करव्ंगे।
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