भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव जिले में शुक्रवार को धूमधाम व श्रद्धा के साथ मनाया गया। जन्माष्टमी पर्व पर शहर व गांवों के सभी मंदिरों में झांकियां सजाई हुई थी। झांकियों को देखने के लिए शुक्रवार शाम को श्रद्धालुओं की भीड़ लगनी शुरू हो गई थी, जो मध्यरात्रि तक भगवान के श्रीकृष्ण के जन्म लेने तक जारी रही।
श्रद्धालुओं ने मध्यरात्रि तक भगवान श्रीकृष्ण के जन्म लेने तक व्रत रखा। जन्माष्टमी के पर्व पर पटियाला चौक स्थित स्वर्ग आश्रम, रानी तालाब स्थित भूतेश्वर मंदिर, सोमनाथ मनसा देवी, जयंती देवी, रघुनाथ मंदिर, शिव मंदिर, माता वैष्णवी धाम, रघुनाथ मंदिर, रामा-कृष्ण मंदिर, सोहम आश्रम आदि मंदिरों के अलावा शहर के सभी मंदिरों को दुल्हन की तरह सजाया गया।
सुबह से ही भगवान कृष्ण के दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़नी शुरू हो गई। मंदिरों में श्री कृष्ण-सुदामा, कृष्ण-राधा, मक्खन चोर कृष्ण, भगवान शिव की झांकियां बनाई गई थी। लोगों में भगवान कृष्ण को झूला देने की होड़ लगी हुई थी। जन्माष्टमी पर्व को देखते हुए प्रशासन ने असामाजिक तत्वों से निपटने के लिए पुलिस कर्मियों को मंदिर में तैनात किया गया। इसके अलावा पुलिस पीसीआर प्रत्येक मंदिर में गश्त करती नजर आई। नरवाना, सफीदों, जुलाना, उचाना, अलेवा, पिल्लुखेड़ा, नगूरा में स्पेशल वर्किग टीम ड्यूटियों पर तैनात की गई थी। चार पुलिस उपाधीक्षक, 10 एसएचओ, पांच इंस्पेक्टर, 15 पीसीआर, 10 राइडर मौके पर तैनात किया गया था।
वहीं नरवाना संवाद सूत्र के अनुसार क्षेत्र में श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर सभी मंदिरों को बड़ी धूम-धाम से मनाया गया। सुबह से ही मंदिरों में भक्तों व श्रद्धालुओं का ताता लगा हुआ था। महिलाओं व बच्चों ने जन्माष्टमी के पर्व पर उपवास रखा। महिलाओं ने मंदिरों में जाकर श्री कृष्ण जी की पूजा-अर्चना की। शहर के मुख्य मंदिरों सनातन धर्म मंदिर, हनुमान मंदिर, बख्शी सिनेमा स्थित शनि देव मंदिर, आनंदपुर कुटिया, बीरबल नगर स्थित दुर्गा मंदिर, माडल टाउन स्थित बाल्टी वाला मंदिर, बालाजी मंदिर, धौला कुआ स्थित प्राचीन शिव मंदिर आदि ने अपने मंदिरों में सुंदर-सुंदर झांकिया सजाई गई, जिसकी शोभा देखती ही बनती थी।
वहीं उचाना संवाद सूत्र के अनुसार क्षेत्र में कृष्ण जन्माष्टमी के पर्व पर मंदिरों को दुल्हन की तरह से सजाया हुआ था। सबसे अधिक भीड़ जींद बाईपास पर स्थित जय मा अन्नपूर्णा क्षेत्र में रही। यहा पर भगवान कृष्ण की सुंदर-सुंदर झाकी को देखने के लिए आसपास के गावों से भी श्रद्धालु पहुचे। लाल चौक पर स्थित लाला प्रभुदयाल चौधरी धर्मशाला, लाला भगत राम धर्मशाला, अनाज मंडी में महाराज अग्रसेन मंदिर, अन्न क्षेत्र आदि में भी सुंदर-सुंदर भगवान कृष्ण की झाकी बनाई हुई थी। यहा भरत के तीर कमान पर बैठे हनुमान, पहाड़ को उगली पर उठाए बाल कृष्ण, अंधे माता-पिता के साथ श्रवण की झाकी दर्शनीय थी। मंदिर में सुबह से ही नंदलाल को पालने में झूलने के लिए महिला, पुरुष, अविवाहिताएं, युवा मंदिरों में सज-धज कर पहुचने शुरू हो गए थे।
मंदिरों को पर्व के चलते दुल्हन की तरह से सजाया हुआ था। सुरक्षा की दृष्टि से समय-समय पर पुलिस गश्त कर रही थी। मंदिरों के कीर्तन के माध्यम से भगवान कृष्ण का गुणगान श्रद्धालुओं ने किया।
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