भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष महेंद्र सिंह ने कहा कि भारतीय किसान यूनियन किसानों की समस्याओं को लेकर 13 जुलाई को अधीक्षक अभियंता बिजली विभाग के कार्यालय के सामने धरना देगी। यदि धरने के बाद भी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो भाकियू धरने से कोई कठोर कदम उठाने पर मजबूर होगी।
भाकियू ने चेतावनी दी है कि यदि इस दौरान कोई जान व माल का नुकसान होता है तो उसकी सारी जिम्मेदारी अधीक्षक अभियंता बिजली प्रशासन की होगी। वह राजपुरा भैण गांव में भाकियू कार्यकर्ताओं की बैठक को संबोधित कर रहे थे। किसानों ने ट्रंकी स्कीम के तहत चार-पांच साल से पूरे पैसे भरे हुए हैं, उनको आज तक कोई कनेक्शन नहीं दिए गए। पूछने पर जवाब मिलता है कि ठेकेदार नहीं है और न ही सामान है। इससे किसानों को लाखों रुपये का नुकसान हर साल हो रहा है। वाटर लेवल नीचे जाने से किसानों ने अपने ट्यूबवेलों पर बड़ी मोटरें लगवानी पड़ी और अपना लोड बढ़वा लिया, लेकिन बिजली विभाग ने ट्रांसफार्मर बडे़ नहीं किए। ट्रांसफार्मर ओवरलोड होने से ट्यूबवेल नहीं चल पा रहे।
किसान छह माह से दफ्तरों के चक्कर लगा रहे हैं। किसी गांव में सेंटर के ऊपर कोई ड्यूटी वाले नहीं है। न ही शिकायत लिखने के लिए रजिस्टर है। चलती लाइन को फाल्ट आ जाता है तो या तो खुद जान पर खेलकर ठीक करनी पड़ती है या एसडीओ को कहना पड़ता है। जिन गांव में ट्यूबवेल के पुराने तार हैं, जो बार-बार टूटते हैं, वह बदले नहीं गए जबकि भाकियू कई साल से यह मांग करती रही है। इससे कई गांवों में पशु और आदमियों की मौत हो चुकी है। इस अवसर पर सुरेंद्र, छजू, रामफल, लख्मी, हवा सिंह, वजीर, कृष्ण, रामफल आदि मौजूद थे।
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