खाद्य सुरक्षा बिल को लेकर वामपंथी पार्टियों के आह्वान पर बुधवार को नेहरू पार्क से सीपीआइएम और सीपीइ के कार्यकर्ताओं ने लघु सचिवालय तक प्रदर्शन किया और प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा। इससे पूर्व कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए सीपीआइएम के राज्य सचिव मंडल सदस्य सुरेंद्र मलिक ने कहा कि खाद्य सुरक्षा बिल के नाम पर बडे़ हिस्से को बाहर किया जा रहा है और अनाज के बदले कूपन योजना शुरू करना चाहते हैं।
इससे सरकार किसान को लाभकारी दाम देने की बजाय बाजार के हवाले करना चाहती है। नकद सब्सिडी से सार्वभौम सार्वजनिक वितरण प्रणाली को तहस-नहस करने की योजना है। माकपा राज्य कमेटी सदस्य फूल सिंह श्योकंद ने कहा कि रोजाना बिजली, पानी की समस्या को लेकर लोग रोड जाम कर रहे हैं। प्लॉट कटे हुए के कब्जे नहीं मिले। मनरेगा को लागू करने में कोई रुचि नहीं है। 80-90 साल के बुजुर्गो की बुढ़ापा पेंशन काटी जा रही है।
वक्ताओं ने कहा कि दो रुपये किलो 35 किलोग्राम अनाज दिया जाए, सभी जरूरतमंद को अनाज दिया जाए, नरेगा को ईमानदारी से लागू किया जाए। इस अवसर पर वीरभान जांगड़ा व सतपाल सरोहा, सुशील कुमार, कश्मीर सिंह, कपूर सिंह ने 30 जुलाई को दिल्ली पहुंचने का आह्वान किया। सुरेंद्र मलिक ने कहा कि 30 जुलाई से तीन अगस्त तक दिल्ली में वामपंथी पार्टियां खाद्य सुरक्षा बिल के खिलाफ पड़ाव डालेंगी।
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