शोधार्थी भी पहुंचे महाखाप महापंचायत देखनेमहापंचायत की बनाई डायुमेंटरी फिल्म
कन्या भ्रूण हत्या पर महापंचायत की पहल को सबने सराहा
महापचांयत में लिए निर्णय भविष्य में होंगे कारगर साबित
कुलदीप सिंह
जींद। गांव बीबीपुर में शनिवार को एक अलग ही नजारा था। मौका था कन्या भ्रूण हत्या को लेकर भारत की पहली महाखाप महापंचायत का। ऐसा देश में पहली बार हुआ जब महिलाएं किसी पंचायत में हिस्सेदारी करने जा रही थी। महिलाएं नाचती गाती हुई पंचायत स्थल तक पहुंची और महापंचायत की कार्रवाई का हिस्सा बनी। आयोजन स्थल से कुछ ही दूरी पर महिलाओं ने गीत गाए और जमकर नृत्य किया। जैसे ही महापंचायत की कार्रवाई शुरू हुई तो वक्ताओं ने अपने विचार रखने शुरू किए। इस दौरान कन्या भ्रूण हत्या पर कटाक्ष करता हुआ गांव बीबीपुर की महिलाओं द्वारा नाटक भी प्रस्तुत किया गया। जिसने महिलाओं में कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ आवाज बुलंद करने के लिए जोश भर दिया। महापंचायत के बारव् में जानकारी जुटाने और उस पर थीसिसि लिखने के लिए दिल्ली विश्र्वविनालय तथा पंजाब विश्र्वविनालय से शोधार्थी भी जुटे। जिन्होंने पंचायती कार्रवाई का आंकलन किया और नोटस बनाए। महापंचायत कार्रवाई के दौरान डायुमेंटरी फिल्म भी बनाई गई। दिल्ली से आई रिंकी ने बताया कि वो हरियाणा में मनरव्गा योजना के तहत महिलाओं की भागीदारी पर शोध कर रही हैं। उन्हें अखबारों तथा चैनलों के माध्यम से गांव बीबीपुर में हो रही पंचायत के बारव् में पता चला और उन्होंने पहली बार किसी खाप महापंचायत में भाग लिया है। ऐसे आयोजनों से निश्चित रूप से महिलाओं को आगे आने का अवसर मिलेग और कन्या भ्रूण हत्या तथा अन्य सामाजिक बुराई को दूर करने के लिए भविष्य में कामगर साबित होगा। दिल्ली से ही आई शोधार्थी नीलम जैन ने कहा कि वो खाप पंचायत पर शोध कर रही हैं। ऐसा पहली बार हो रहा है कि महिलाएं खाप पंचायत की कार्रवाई में भाग ले रही हैं। उन्होंने अब तक कई खाप पंचायतों में भाग लिया है। लेकिन किसी भी खाप पंचायत में महिलाओं की हिस्सेदारी नहीं देखी। गांव बीबीपुर में महापंचायत में महिलाओं की भागीदारी भविष्य के लिए नए आयाम स्थापित करव्गी और कन्या भ्रूण हत्या को जड़ से खत्म किया जा सकेगा। पंजाब विश्र्वविनालय से आई शोधार्थी देहरादून निवासी निर्मला ने कहा कि वो खाप पंचायत एवं उनके फैसलों पर शोध कर रही हैं। यहां आयोजित महापंचायत को देख कर लग रहा है कि खाप प्रतिनिधिम सौ प्रतिशत महिलाओं को त्वज्जो नहीं दे रहे हैं। इतना जरूर है कि कन्या भ्रूण हत्या को लेकर जो यह पहल हुई है उससे आने वाले समय में देशभर में कन्या भ्रूण हत्या को जड़ से समाप्त किया जा सकता है।
बॉस के लिए
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