अखिल भारतीय किसान सभा के राज्य प्रधान फूल सिंह श्योकंद ने प्रदेश में सूखे की मार झेल रहे किसानों की स्थिति पर चिंता व्यक्त की है। इस साल मानसून की खराब स्थिति से बाजरे की बिजाई नहीं हो सकी है और कपास व धान फसल को बचाने के लिए महंगे डीजल का प्रयोग किया जा रहा है। न तो किसानो को शेडयूल अनुसार बिजली मिल रही है और न ही किसानों को खाद। गन्ना किसानों की करोड़ों रुपये का भुगतान आज भी शुगर मिलों में जमा है, लेकिन उसे रिलीज नहीं किया जा रहा है। उन्होंने माग की कि बिजल व्यवस्था संपूर्ण रूप से की जाए। धान की फसल को बचाने के लिए सरकार विशेष कदम उठाए। विशेष गिरदावरी करा कर प्रदेश को सूखाग्रस्त घोषित किया जाए।
केंद्र सरकार से प्राकृतिक आपदा राहत पैकेज की माग की जाए। गन्ना किसानों की पेमेंट दिलवाई जाए। सरकार ने इस तरफ कोई कदम नहीं उठाया तो किसान सभा को मजबूरन आदोलन करना पड़ेगा। किसान सभा कार्यकर्ता 30 जुलाई को किसानों और मजदूरों के साझे मुद्दे के लिए जंतर-मंतर पर दिल्ली पहुंचने का फैसला लिया।
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