मछली पालन किसानों के लिए बन रहा है लाभ का सौदाभ्त्त्फ् हैटेयर से अधिक जलक्षेत्र में मछली पालन किया जाने लगा है
जींद। जिला में मछली पालन को किसानों के लिये लाभकारी बनाने के लिये प्रयास किये जा रहे हैं। जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर लोगों को मिश्रित मछली पालन के लिये प्रेरित किया जा रहा है। जिला के किसानों को खेतीबाड़ी के साथसाथ मछली पालन करने के लिये प्रेरित किया जा रहा है। जिला के किसानों को मछली पालन के लिये मछली बीज जिला में ही उपलध हो जाये, इसके लिये किसानों के निजी तालाबों में पर्याप्त मछली बीज तैयार करवाया जा रहा है। किसानों को यह भी सलाह दी जा रही है कि वे मिश्रित मछली पालन करव्ं। जिला में राहू, मिरगल, कतला, कॉमन कॉर्प किस्म की मछली पालन का धंधा आय उपार्जन का अच्छा जरिया बन सकता है। तालाब के पानी में कुछ मछली उपरी सतह पर रहती हैं, कुछ गहरव् पानी में तथा कुछ किस्म की मछली मध्यम पानी स्तर पर रहती है । इस प्रकार एक तालाब में ही तीन किस्म की मच्छली पालन का कार्य किया जा सकता है । मछली पालन के मामले में पंजाब के बाद हरियाणा का नंबर आता है। जिला के अनेक ऐसे किसान हैं जिन्होंने अव्वल किस्म की मछली पालन का कार्य शुरू किया है। पहले अच्छी नस्ल का मछली बीज बाहर से मंगवाना पड़ता था। अब जिला के किसान ही पर्याप्त मछली बीज तैयार कर लेते हैं। अब तक जिला में भ्त्त्फ् हैटेयर से अधिक जलक्षेत्र में मछली पालन किया जाने लगा है, जबकि क्०क्० हैटेयर क्षेत्र में मछली पालन शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है। जिला में क्म्ख् लाख मछली बीज तैयार किया गया है। अबतक क्ब्स्त्रम् टन मछली पैदा की जा चुकी है। पंचायती तालाबों को पट्टे पर देने से पंचायतों को भी आमदनी हो रही है। इस पट्टे से प्राप्त राशि को गांव के विकास पर खर्च किया जा रहा है। इस वर्ष् भ्० हैटेयर तालाब क्षेत्र को पट्टे पर देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है और अब तक चार हैटेयर क्षेत्र तालाब पट्टे पर दिए जा चुके है। नए तालाबों के विस्तार को भी प्राथमिकता दी जा रही है। इस साल दस हैटेयर नए तालाब विस्तार की योजना है। इसी प्रकार क्० हैटेयर जल क्षेत्र के पुराने तालाबों का नवीनीकरण किया जाएगा। मछली पालन को आय उपार्जक व्यवसाय बनाने के लिए विभाग द्वारा प्रशिक्षण शिविरों का ाी आयोजन किया जाता है। जिनमें किसानों को मछली पालन से जुड़ी साी प्रकार की जानकारी दी जाती है। इस साल ख्० प्रशिक्षण शिविर आयोजित कर लोगों को मछली पालन की ओर आकृष्ट किया जाएगा। ख्० सूत्रीय कार्यक्रम के तहत अनुसूचित जाति के म् परिवारों को लाभ दिया गया है।जिला मत्स्य अधिकारी युद्धबीर सिंह सांगवान ने बताया कि मछली पालक किसानों द्वारा फ्० लाख मछली बीज निजी क्षेत्र में तैयार किया गया है। उन्होंने जिला के किसानों को सलाह दी है कि वे खेती को साथसाथ प्रथम चरण में छोटे स्तर पर मच्छली पालन करव्ं तथा धीरव्धीरव् इस काम को बड़े पैमाने पर किया जा सकता है।
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