बीबीपुर गांव में आयोजित हुई सर्व खाप महापंचायत को लेकर दूसरे जिलों से आई युवतियों के साथ-साथ गांव की युवतियों और महिलाओं में खासा उत्साह दिखा। गांव की महिलाएं नाच-गाकर महापंचायत में पहुंची तो मानो जैसे तीज का त्यौहार मना रही हो। भ्रूणहत्या जैसी सामाजिक बुराई के प्रति युवतियों ने अपने खासे विचार व्यक्त किए।
12वीं कक्षा की छात्रा ज्योति ने कहा कि सरकार को चाहिए कि भ्रूण जांच करने वाले चिकित्सकों के खिलाफ सख्त कदम उठाए ताकि ऐसे चिकित्सक जो कुछ रुपयों के लालच में भ्रूण जांचने का काम करते है वो सजा के डर से ऐसा काम न करें। भ्रूणहत्या तब जाकर खत्म होगी, जब कानून भ्रूणहत्या करने वालों को सख्त सजा देगा।
12वीं कक्षा की छात्रा सीमा ने कहा कि शहरों की अपेक्षा ग्रामीण क्षेत्रों से ज्यादा भ्रूणहत्या की घटनाएं सुनने को मिलती है। जब तक ग्रामीणों को भ्रूणहत्या के प्रति जागरूक नहीं किया जाएगा। तब तक ग्रामीण क्षेत्रों से इस प्रकार की घटनाएं होती रहेंगी। भ्रूणहत्या करने वालों के खिलाफ कानून में कड़ी सजा का प्रावधान होना चाहिए ताकि लोग इस अपराध को करने से पहले इसके परिणाम को सोच कर डरे।
बीबीपुर गांव के सरपंच सुनील जागलान की बहन रितु जागलान ने कहा कि जब तक मां स्वयं अपनी बेटी को बचाने के लिए आगे नहीं आएगी तब तक भ्रूणहत्या की भयंकर बीमारी को खत्म नहीं किया जा सकता है। जब तक ग्रामीण क्षेत्र में मां स्वयं जागरूक नहीं होगी तक भ्रूणहत्या जैसी सामाजिक बुराई को समाप्त नहीं किया जा सकता। सबसे पहले हमें ग्रामीण क्षेत्र में लड़का लड़की एक समान के नारे को फलीभूत करना होगा।
12वीं कक्षा की छात्रा मरजीना ने कहा कि भ्रूण की जांच करने पर अभी तक सरकार ने केवल कागजों में सख्ती दिखाई है। जिस दिन यह सख्ती कागजों से बाहर आ जाएगी। भ्रूणहत्या के मामलों में कमी आ जाएगी। भू्रण की जानकारी ही नहीं मिलेगी तो यह गंभीर समस्या अपने-आप ही खत्म हो जाएगी। इस समस्या की जड़ भ्रूण की जांच होना ही है।
गांव की 75 वर्षीय बुजुर्ग महिला बिमला ने कहा कि वह भी देखने आई है कि पंचायत की कार्रवाई कैसे होगी और किस प्रकार भ्रूणहत्या के खिलाफ कदम उठाए जाएंगे। भ्रूणहत्या के खिलाफ ठोस कदम उठाए जाने चाहिए ताकि औरतों की जाति बच सके।
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