Saturday, 28 July 2012

पेड़-पौधों से हरियाणा की पहचान

हरियाणा प्रदेश को हरित प्रदेश के रूप में इसलिए जाना जाता था, क्योंकि यहा हर तरफ हरियाली थी। पेड़-पौधों की अधिक संख्या से प्रदेश हरित प्रदेश था। आज कम हो रही पेड़-पौधों की संख्या से प्रदेश अपनी छवि निरतर खोता जा रहा है। दोबारा से प्रदेश को फिर से हरित प्रदेश करने के लिए अधिक से अधिक पौधे लगाने होंगे। हय बात पंजाब नैशनल बैंक के मैनेजर एसएल अग्रवाल ने कही। वह खापड़ रोड पर प्लस प्वाइंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल में आयोजित पर्यावरण विषय पर कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। अग्रवाल ने कहा कि पर्यावरण बचाने के लिए अधिक से अधिक पौधरोपण करना चाहिए। विद्यार्थियों को चाहिए कि वो स्वयं इसको लेकर जागरूक होने के साथ-साथ अपने माता-पिता, आस-पड़ोस में भी जागरूक करे ताकि हर कोई पौधरोपण के लिए आगे आए। पर्यावरण के लिए पेड़-पौधे होने जरूरी है। प्रिंसिपल राममेहर सागवान ने कहा कि प्रदेश को दोबारा से हरित प्रदेश बनाने के लिए विशेषकर युवा वर्ग को आगे आना होगा। सामाजिक संगठनों को चाहिए कि वो भी पर्यावरण को बचाने के लिए जागरूकता अभियान चलाएं। इस मौके पर जितेंद्र, ब्रहमदत्त शर्मा, रमेश चंद, सुनील, अंजू शर्मा, अंजू श्योकंद, रोहताश खटकड़ आदि उपस्थित थे।

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