उचाना। कन्या भू्रण हत्या जैसी सामाजिक बुराई को जड़ से समाप्त करने के लिए हर किसी को मुहिम चला कर सहयोग करना होगा। सरकार को भी इसको लेकर सチत कानून बनाने होंगे। कन्या भू्रण हत्या में दोष्ी पाएं जाने वालों पर हत्या का मामला दर्ज होना चाहिए। बेटी को गर्भ में मारकर उसके जीवन को समाप्त करना उसकी जन्म से पहले हत्या करना है। जींद जिले के बीबीपुर गांव में हुई कन्या भू्रण हत्या पर रोक लगाने के लिए महापंचायत सराहनीय है। इसमें महिलाओं ने भी हिस्सा लेकर साबित किया है कि वो भी कन्या भू्रण हत्या के खिलाफ डट कर खापों के साथ हर मुहिम में साथ होंगी। यह बात गृहणियों ने परिचर्चा में कही। चार लड़कियों की मां कांता शर्मा भौंगरा ने कहा कि बेटी कोई अभिशाप नहीं है। लेकिन रूढीवादी सोच के चलते वंश को चलाने के लिए बेटा जरूरी माना जा रहा है। इस सोच को तभी बदला जा सकता है। जब शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा। आज कन्या भू्रण हत्या को बढ़ावा देने में स्वयं महिलाओं की सबसे अधिक भूमिका होती है। जब महिलाएं इसका डट कर विरोध करव्ंगी तो यह सामाजिक बुराई जड़ से समाप्त हो जाएगी। लड़कों के मुकाबले कम हो रही लड़कियों की संチया बढ़ेंगी।
लॉक समिति सदस्य सिक्कम देवी ने कहा कि महिलाओं को चाहिए कि वो स्वयं कन्या भू्रण हत्या का डट कर विरोध करव्ं। महिलाओं को इस बात का पता होना चाहिए कि वो किसी घर की बहु बनने से पहले मां की बेटी थी। आज इस सामाजिक बुराई को समाप्त करने के लिए हर महिला को बीबीपुर की महिला की तरह आगे आना होगा। बिना बेटी के समाज में रिश्तेनाते नहीं होते है। कन्या भू्रण हत्या जैसी बुराई को जड़ से समाप्त करने के लिए इसमें दोष्ी पाएं पर हत्या का केस दर्ज होने का कानून होना चाहिए।
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