कीट चाहे शाकाहारी हों या मांसाहारी दोनों ही किस्म के कीटों ने कीट मित्र महिलाओं के साथ दोस्ती कर ली है। जैसे ही महिलाएं महिला किसान पाठशाला में पहुंचती है, वैसे ही कीट महिलाओं के पास आकर बैठ जाते है। बुधवार को ललितखेड़ा गांव की महिला किसान पूनम मलिक के खेत पर जैसे ही महिलाओं का आगमन शुरू हुआ, वैसे ही कीटों ने भी पाठशाला में दस्तक दे दी।
पाठशाला शुरू होने से पहले ही सुमित्रा के हाथ पर कातिल बुगड़ा तथा सुषमा के हाथ पर मटकु बुगड़ा आकर बैठ गया। पाठशाला का आरंभ खाप पंचायतों के संचालक कुलदीप ढांडा ने कैप्टन लक्ष्मी सहगल की मृत्यु पर दो मिनट का मौन धारण कर उन्हे श्रद्धांजलि अíपत कर की। ढांडा ने बताया कि कैप्टन लक्ष्मी सहगल नेताजी सुभाष चंद्र बोस की रानी झांसी रेजीमेंट की कैप्टन थी और इन्होंने देश की आजादी के बाद गरीबों के इलाज का बीड़ा उठाया था। सहगल ने मृत्यु के तीन दिन पहले तक कानपुर में मरीजों का इलाज किया था। अंग्रेजों ने कहा कि देश को जहर से बचाने के लिए छेड़ी गई इस लड़ाई को वे आखिरी सांस तक जारी रखेंगी और यही कैप्टन लक्ष्मी सहगल को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। इसके बाद महिलाओं ने कपास के खेत में कीटों का सर्वेक्षण किया। सर्वेक्षण में पाया कि कोई भी कीट पूनम मलिक के कपास के इस खेत में अगले एक सप्ताह हानि पहुंचाने की स्थिति में नहीं है।
सुमित्रा ने बताया कि कातिल बुगड़ा अपने बराबर व अपने से छोटे आकार के कीटों का खून पीकर अपनी वंशवृद्धि करता है। कातिल बुगड़ा शिकार को पकड़े ही उसका कत्ल कर देता है। सुषमा ने बताया कि मटकु बुगड़ा कपास में पाए जाने वाले लाल बनिए का खून पीकर अपना गुजारा करता है। सुषमा ने बताया कि अभी कपास में एकाध ही लाल बनिया आया है, लेकिन लाल बनिए की दस्तक के साथ ही मटकु बुगड़े ने भी कपास में दस्तक दे दी है। गीता ने कपास की फसल में फलेरी बुगड़े के ब“ो व प्रौढ़ देखा। शीला ने सर्वेक्षण के दौरान डायन मक्खी तथा सविता ने गोब की चितकबरी सुंडी के प्रौढ़ को पकड़ा।
No comments:
Post a Comment