जींद। जाट धर्मशाला में रविवार को राष्ट्रीय जाट महासंघ की बैठक राष्ट्रीयध्यक्ष भलेराम बैनीवाल की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में जाटों को ओबीसी कोटे से आरक्षण, जाटों के इतिहास को पाठ्यक्रम में शामिल करने, शहीदे आजम भगत सिंह के नाम पर पंजाब में विश्र्वविनालय का नामकरण करने सहित अन्य मुद्दों पर गहन मंथन हुआ। बैठक में प्रदेश तथा केंद्र सरकार को २३ सितंबर तक का अल्टीमेटम दिया गया। मांगे स्वीकार न किए जाने पर २३ सितंबर को जींद जाट धर्मशाला में बैठक बुला कर आंदोलन का बिगुल फूंक दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जाटों का मुチय व्यवसाय खेतीबाड़ी है। समय के साथसाथ कृष्ि योग्य जमीन घटती जा रही है और जाट समाज लगातार पिछड़ता जा रहा है। जाटों को ओबीसी में शामिल किया जाना बहुत जरूरी है। उन्होंने मांग की कि जाटों को आरक्षण के अलावा उनके इतिहास को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए। वैदिक धर्म का को समवर्ती सूची में शामिल किया जाए। शहीदे आजम भगत सिंह के नाम पर पंजाब में विश्र्वविनालय का नामकरण किया जाए। राजा महेंद्र प्रताप सिंह के नाम पर भी उार प्रदेश में विश्र्वविनालय खोला जाए। बैठक में रणबीर सिंह बामल को राष्ट्रीय महासचिव, प्रदीप माथुर को दिल्ली राष्ट्रीय युवा विं का अध्यक्ष, सत्यवान मलिक को प्रदेशाध्यक्ष, सरदार त्रिलोचन सिंह को प्रदेश महासचिव, सुरव्शपाल को राष्ट्रीय अध्यक्ष लीगल सेल, शमशेर कुंडू को प्रदेश उपाध्यक्ष, वीरव्ंद्र सिंह को राष्ट्रीय महासचिव, सुरव्श चहल को राष्ट्रीय प्रवक्ता नियुक्त किया गया। बैठक में राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष ओमपाल राठी, उार भारत के प्रभारी डा. गुरमुख सिंह, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जसबीर सिंह लाठर, गोबिंद सिंह बैनीवाल, धर्मबीर श्योराण, किसान सेल के राष्ट्रीयध्यक्ष रणबीर सिंह पूनिया ने विचार व्यक्त किए।
Sunday, 1 July 2012
जाट महासंघ ने मांगों पर किया मंथन २३ सितंबर तक का दिया सरकार को अल्टीमेटम जाट महासंघ के पदाधिकारियों की घोष्णा
जींद। जाट धर्मशाला में रविवार को राष्ट्रीय जाट महासंघ की बैठक राष्ट्रीयध्यक्ष भलेराम बैनीवाल की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में जाटों को ओबीसी कोटे से आरक्षण, जाटों के इतिहास को पाठ्यक्रम में शामिल करने, शहीदे आजम भगत सिंह के नाम पर पंजाब में विश्र्वविनालय का नामकरण करने सहित अन्य मुद्दों पर गहन मंथन हुआ। बैठक में प्रदेश तथा केंद्र सरकार को २३ सितंबर तक का अल्टीमेटम दिया गया। मांगे स्वीकार न किए जाने पर २३ सितंबर को जींद जाट धर्मशाला में बैठक बुला कर आंदोलन का बिगुल फूंक दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जाटों का मुチय व्यवसाय खेतीबाड़ी है। समय के साथसाथ कृष्ि योग्य जमीन घटती जा रही है और जाट समाज लगातार पिछड़ता जा रहा है। जाटों को ओबीसी में शामिल किया जाना बहुत जरूरी है। उन्होंने मांग की कि जाटों को आरक्षण के अलावा उनके इतिहास को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए। वैदिक धर्म का को समवर्ती सूची में शामिल किया जाए। शहीदे आजम भगत सिंह के नाम पर पंजाब में विश्र्वविनालय का नामकरण किया जाए। राजा महेंद्र प्रताप सिंह के नाम पर भी उार प्रदेश में विश्र्वविनालय खोला जाए। बैठक में रणबीर सिंह बामल को राष्ट्रीय महासचिव, प्रदीप माथुर को दिल्ली राष्ट्रीय युवा विं का अध्यक्ष, सत्यवान मलिक को प्रदेशाध्यक्ष, सरदार त्रिलोचन सिंह को प्रदेश महासचिव, सुरव्शपाल को राष्ट्रीय अध्यक्ष लीगल सेल, शमशेर कुंडू को प्रदेश उपाध्यक्ष, वीरव्ंद्र सिंह को राष्ट्रीय महासचिव, सुरव्श चहल को राष्ट्रीय प्रवक्ता नियुक्त किया गया। बैठक में राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष ओमपाल राठी, उार भारत के प्रभारी डा. गुरमुख सिंह, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जसबीर सिंह लाठर, गोबिंद सिंह बैनीवाल, धर्मबीर श्योराण, किसान सेल के राष्ट्रीयध्यक्ष रणबीर सिंह पूनिया ने विचार व्यक्त किए।
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