प्रदेश की पंचायतें अब हाइटेक गांव बीबीपुर की राह पर चलेंगी। अब प्रदेश की हर ग्राम पंचायत भ्रूणहत्या के खिलाफ अपने गांवों में मुहिम चलाएंगी और महिला ग्राम सभाएं करके महिलाओं को जोडे़गी। यही नहीं गांव में वार्ड स्तर पर कमेटियों का गठन किया जाएगा, जो गर्भवती महिलाओं पर नजर रखेगी। यह पूरी कार्रवाई ग्राम पंचायत को अपने पंचायती कार्रवाई रजिस्टर में भी चढ़ानी होगी। इसके लिए पंचायती राज मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव ने प्रदेश के पंचायती राज विभाग के वित्तायुक्त एवं प्रधान सचिव को पत्र जारी किया है।
बीबीपुर गांव की उपलब्धियों को देखते हुए पंचायती राज मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव डॉ. ऋषिकेश पांडा ने 29 मई को बीबीपुर गांव का दौरा किया था। यहां उन्होंने महिलाओं के समक्ष पंचायत में अपनी भागीदारी करने और महिला ग्राम सभा की बैठक करने की बात कही थी। अतिरिक्त सचिव के दिशा-निर्देशों पर गांव के सरपंच सुनील जागलान ने 18 जून को देश की पहली महिला ग्राम सभा का आयोजन गांव में किया था। इसमें भ्रूणहत्या के खिलाफ महिलाओं को जोड़ा गया था और गांव में वार्ड स्तर पर गर्भवती महिलाओं पर नजर रखने, उनकी पंजीकरण करने के लिए कमेटियां गठित की गई थी।
इससे पूरा गांव देश भर में सुर्खियों में गया था। भ्रूणहत्या के खिलाफ बीबीपुर गांव द्वारा चलाई गई मुहिम को अब पंचायती राज मंत्रालय ने पूरे हरियाणा प्रदेश की ग्राम पंचायतों को चलाने के निर्देश दिए हैं। पंचायती राज मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव डॉ. ऋषिकेश पांडा ने प्रदेश के पंचायती राज विभाग के वित्तायुक्त एवं प्रधान सचिव को पत्र लिखकर कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए पंचायतों की मुख्य भूमिका निभाने की जिम्मेदारी देने के लिए कहा है। इसके तहत पंचायतें अपने गांवों में ग्राम सभाएं करेंगी, जिसमें महिलाएं भी भाग लेंगी। इन महिलाओं की गांवों में वार्ड स्तर पर कमेटियां बनेंगी, जो गर्भवती महिलाओं पर नजर रखेंगी। यह पूरी रिपोर्ट पंचायत को अपने कार्रवाई रजिस्टर में चढ़ानी होगी।
बीबीपुर गांव के सरपंच सुनील जागलान का कहना है कि उनके गांव की तर्ज पर पूरे प्रदेश में भ्रूण के खिलाफ जो अलख जगाने के निर्देश मिले हैं, वह सराहनीय हैं। भ्रूणहत्या के खिलाफ सभी को आगे आना चाहिए। आज प्रदेश में लिंगानुपात कम होता जा रहा है, जिसे देखते हुए इस प्रकार के अभियानों में ग्राम पंचायतों की भूमिका जरूर होनी चाहिए।
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