जींद। जींद, कैथल, कुरूक्षेत्र पुलिस के लिए सिरर्दद बना ५० हजार रुपये का ईनामी कुチयात गैंगेस्टर विरव्ंद्र उर्फ काणा के गुड़गांव में एसआईटी टीम द्वारा एनकाउंटर में मार गिराये जाने के बाद पुलिस ने ही नहीं, बल्कि लोगों ने भी राहत की सांस ली है। जिला जींद में विरव्ंद्र उर्फ काणा के खिलाफ चोरी, डकैती, लूट, हत्या, जानलेवा हमला के दर्जनभर से ज्यादा मामले दर्ज थे। वारदात के बाद पुलिस से बच निकलने में उसे महारत हासिल थी। कई बार पुलिस से घिरा लेकिन पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ा। मूल रूप से गांव मांडी निवासी विरव्ंद्र उर्फ काणा राजकीय महाविनालय जींद से खातक था। छात्र जीवन २००३ में ही अपराध की दुनिया में कदम रख लिया था। कॉलेज में गुट बनाकर असर झगड़े करता रहता था। १९ मई २००३ को काणा के खिलाफ शहर थाना पुलिस ने चोरी का मामला दर्ज किया था।
१७ जून २००३ को शहर थाना में चोरी का मामला दर्ज हुआ था। पांच दिसबर २००३ को शहर थाना में फिर विरव्ंद्र के खिलाफ हमला करने का मामला दर्ज हुआ। सात जुलाई २००३ को थाना पेहवा में डकैती को अंजाम दिया। छह दिसबर २००५ को शहर थाना जींद पुलिस ने शस्त्र अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर गिरतार किया था। २५ जनवरी २००९ को उचाना थाना में जानलेवा हमला तथा शस्त्र अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया था। १४ जुलाई २००९ को शहर थाना क्षेत्र में लूट की वारदात को अंजाम दिया। नौ जुलाई २००९ को अलेवा थाना क्षेत्र में एक व्यक्ति पर जानलेवा हमला किया। १४ जुलाई २००९ शहर थाना नरवाना क्षेत्र में हत्या का मामला दर्ज हुआ। २६ अगस्त २०११ को सदर थाना जींद के क्षेत्र में फिर एक व्यक्ति पर जानलेवा हमला किया। २७ जनवरी २०१२ को गांव लुदाना के निकट कैथल सीआईए स्टाफ कर्मियों की कारबाइन छीनकर फरार होने में कामयाब हुआ था। अटूबर २०११ में छात्र नेता गांव काकड़ोद निवासी वीरव्ंद्र की हत्या में नामजद हुआ। इससे पूर्व कुरूक्षेत्र में ही गांव धमतान निवासी जोगेंद्र की हत्या में भी नामजद हुआ था। कुチयात बदमाश झबल किठाना के साथ भी विरव्ंद्र उर्फ काणा का ३६ का आंकड़ा था। २७ जनवरी २०१२ को गांव लुदाना के पास कैथल सीआईए के साथ हुई मुठभेड़ में विरव्ंद्र उर्फ काणा झबल की होने वाली दुल्हन के अपहरण की कोशिश में थे। विरव्ंद्र उर्फ काणा की गैंग में गांव खेडी शेरखां निवासी विजय, परमजीत, मांडी कलां निवासी सुभाष्, मोहनगढ़ छापड़ा निवासी संदीप, गांव जाजवान निवासी विजेंद्र, गांव बालु निवासी राकेश, गांव घोघड़िया निवासी राजेश, गांव चाबरी निवासी विकास उर्फ बिल्लू शामिल रहे हैं। जिनमें से कुチयात अपराधी गांव खेड़ी शेरखां निवासी विजय, विकास, परमजीत, संदीप, राजेश पुलिस के हत्थे चढ़ चुके हैं।
पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार ने बताया कि गैंगस्टर विरव्ंद्र उर्फ काणा पर जिले में एक दर्जन से ज्यादा अपराधिक मामले दर्ज थे। जिला पुलिस की स्पेशल टीम विरव्ंद्र के पीछे लगी हुई थी। जनवरी माह में भी विरव्ंद्र पुलिस को चकमा देने में कामयाब हो गया था।
गांव मांडी के सरपंच सुरव्श ने बताया कि विरव्ंद्र उर्फ काणा भले ही पुलिस रिकार्ड में मोस्ट वांटेड रहा हो, लेकिन ग्रामीणों के प्रति उसका रवैया खराब नहीं था। पिछले एक साल से गांव में दिखाई नहीं दे रहा था। विरव्ंद्र का छोटा भाई सुरव्ंद्र लगभग एक साल पहले आत्महत्या कर चुका है। अब परिवार में विरव्ंद्र के पिता प्रताप तथा मां ही रह गई हैं। विरव्ंद्र के एनकाउंटर में मारव् जाने की सूचना से हर कोई हैरान है।
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