जींद। अदालत ने नियमों को ताक में रखकर तथा फर्जी कागजातों के आधार पर महिला बाल एवं विकास विभाग में आंगनवाड़ी सहायका को नियुक्ति देने पर आंगनवाड़ी सहायका, बाल विकास प्रोजेट अधिकारी, सर्कल सुपरवाइजर के खिलाफ शहर थाना पुलिस को धोखाधड़ी का मामला दर्ज करने के आदेश दिए है। साथ ही शहर थाना पुलिस को २२ अगस्त तक मामले की जांच का अदालत में रिर्पोट पेश करने के लिए कहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार पिल्लूखेड़ा मंडी निवासी प्रदीप कुमार ने अदालत में याचिका दायर कर कहा था कि गांव सिवाहा निवासी सुदेश ने महिला बाल एवं विकास विभाग में आंगनवाड़ी साहयिका का पद फर्जी कागजातों के आधार पर पाया है। महिला एवं बाल विकास निदेशक ने १३ मार्च २००६ को आंगनवाड़ी साहयिका के विज्ञप्ति जारी की थी। जिसमें उसकी योग्यता पांचवी पास रखी गई थी। गांव सिवाहा निवासी सुदेश ने साक्षात्कार कमेटी में शामिल बाल विकास प्रोजेट अधिकारी सुष्मा बीरमानी, विभाग की सर्कल सुपरवाइजर मुनीष् कुमारी के साथ मिलीभगत कर पद को हथिया लिया। जबकि सुदेश अनपढ़ है। प्रदीप ने बताया कि सुदेश की नियुक्ति से संबंधित आरटीआई के माध्यम से सूचना मांगी गई थी। नियुक्ति पत्र में सुदेश को पांचवी पास दिखाया गया है। जबकि सुदेश ने आरटीआई के माध्यम से स्वयं स्वीकार किया है कि वह अनपढ़ है। उसने आरोप लगाया कि विभाग को गुमराह कर फर्जी कागजातों के आधार पर अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर आंगनवाड़ी साहयिका का पद हथिया लिया है। याचिका पर संज्ञान लेते हुए अदालत ने शहर थाना पुलिस को आंगनवाड़ी साहयिका सुदेश कुमारी, बाल विकास प्रोजेट अधिकारी सुष्मा बीरमानी, विभाग की सर्कल सुपरवाइजर मुनीष् कुमारी के खिलाफ धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज करने के आदेश दिए। साथ ही अदालत ने शहर थाना पुलिस को निर्देश दिए कि २२ अगस्त तक जांच कर रिर्पोट अदालत में पेश करव्।
Tuesday, 12 June 2012
सीडीपीओ सहित तीन पर मामला दर्ज करने के आदेश आंगनवाड़ी साहयिका नियुक्ति में फर्जीवाड़े का मामला अदालत ने पुलिस को जांच कर रिर्पोट पेश करने के लिए कहा
जींद। अदालत ने नियमों को ताक में रखकर तथा फर्जी कागजातों के आधार पर महिला बाल एवं विकास विभाग में आंगनवाड़ी सहायका को नियुक्ति देने पर आंगनवाड़ी सहायका, बाल विकास प्रोजेट अधिकारी, सर्कल सुपरवाइजर के खिलाफ शहर थाना पुलिस को धोखाधड़ी का मामला दर्ज करने के आदेश दिए है। साथ ही शहर थाना पुलिस को २२ अगस्त तक मामले की जांच का अदालत में रिर्पोट पेश करने के लिए कहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार पिल्लूखेड़ा मंडी निवासी प्रदीप कुमार ने अदालत में याचिका दायर कर कहा था कि गांव सिवाहा निवासी सुदेश ने महिला बाल एवं विकास विभाग में आंगनवाड़ी साहयिका का पद फर्जी कागजातों के आधार पर पाया है। महिला एवं बाल विकास निदेशक ने १३ मार्च २००६ को आंगनवाड़ी साहयिका के विज्ञप्ति जारी की थी। जिसमें उसकी योग्यता पांचवी पास रखी गई थी। गांव सिवाहा निवासी सुदेश ने साक्षात्कार कमेटी में शामिल बाल विकास प्रोजेट अधिकारी सुष्मा बीरमानी, विभाग की सर्कल सुपरवाइजर मुनीष् कुमारी के साथ मिलीभगत कर पद को हथिया लिया। जबकि सुदेश अनपढ़ है। प्रदीप ने बताया कि सुदेश की नियुक्ति से संबंधित आरटीआई के माध्यम से सूचना मांगी गई थी। नियुक्ति पत्र में सुदेश को पांचवी पास दिखाया गया है। जबकि सुदेश ने आरटीआई के माध्यम से स्वयं स्वीकार किया है कि वह अनपढ़ है। उसने आरोप लगाया कि विभाग को गुमराह कर फर्जी कागजातों के आधार पर अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर आंगनवाड़ी साहयिका का पद हथिया लिया है। याचिका पर संज्ञान लेते हुए अदालत ने शहर थाना पुलिस को आंगनवाड़ी साहयिका सुदेश कुमारी, बाल विकास प्रोजेट अधिकारी सुष्मा बीरमानी, विभाग की सर्कल सुपरवाइजर मुनीष् कुमारी के खिलाफ धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज करने के आदेश दिए। साथ ही अदालत ने शहर थाना पुलिस को निर्देश दिए कि २२ अगस्त तक जांच कर रिर्पोट अदालत में पेश करव्।
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