हरियाणा स्कूल शिक्षक भर्ती बोर्ड द्वारा निकाली गई भर्तियों में निजी, एडिड स्कूलों और सरकारी स्कूलों में कार्यरत अतिथि अध्यापकों को दिए गए चार साल अनुभव की रियायत के बाद शिक्षा विभाग गंभीर हो गया है। शिक्षा विभाग ने सभी अध्यापकों को मिलने वाले अनुभव प्रमाण पत्रों का पूरा ब्योरा अलग से रजिस्टर लगाकर रखने के अलावा प्रमाणपत्र देने से पूर्व उसकी वेरीफिकेशन के लिए मुख्यालय को ई-मेल के जरिये प्रमाण पत्र भेजने के निर्देश दिए हैं ताकि मुख्यालय भी इसकी जांच कर सके।
सात जून को हरियाणा स्कूल शिक्षक भर्ती बोर्ड ने शिक्षा विभाग में अध्यापकों के विभिन्न पदों के लिए आवेदन मांगे है। इसमें निजी, एडिड स्कूलों के अलावा सरकारी स्कूलों में कार्यरत अतिथि अध्यापकों को (जिन्होंने एच.टेट,एस.टेट न किया हो) चार साल अनुभव की रियायत प्रदान की है।
यह छूट देने के बाद अध्यापक लगने वाले कुछ उम्मीदवारों ने फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र तैयार करने की तैयारी शुरू कर रखी है। हालांकि यह काम होना मुश्किल है, लेकिन उसके बावजूद कुछ आवेदक इसकी तैयारी में है। इसी फर्जीवाडे़ को रोकने के लिए शिक्षा विभाग ने कड़ा कदम उठाया है।
स्कूल शिक्षा निदेशालय ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र क्रमांक-15/28-2012 सीओ (1) जारी किया है। निर्देशों में स्पष्ट किया है कि जो अनुभव प्रमाण पत्र किसी अध्यापक को जारी किया जाए, उसका पूरा रिकॉर्ड अलग से रजिस्टर में चढ़ाया जाए और अनुभव प्रमाणपत्र की फोटो कापी भी ली जाए। अनुभव प्रमाणपत्र में डीईओ कार्यालय की तरफ से डिस्पेच नंबर भी दिया जाए ताकि जरूरत पड़ने पर डिस्पेच नंबर के जरिये पड़ताल भी की जा सके। यही नहीं अनुभव प्रमाण पत्र बनने के बाद उसकी वेरीफिकेशन के लिए उसी दिन तुरंत निदेशालय को ई-मेल के जरिये भेजी जाए ताकि किसी प्रकार की गड़बड़ी से बचा जा सके।
कार्यकारी जिला शिक्षा अधिकारी वंदना गुप्ता का कहना है कि अध्यापकों को अनुभव प्रमाण पत्र देते समय उसके पूरे रिकार्ड की जाती होती है। विभाग के निर्देश मिल चुके हैं और उसी अनुसार कार्य किया जा रहा है। जहां तक डिस्पेच नंबर की बात है तो वह पहले से ही जींद जिले में दिए जा रहे हैं।
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