Wednesday, 27 June 2012

कीटों पर महिलाओं का अध्ययन शुरू गांव ललितखेड़ा में चार गांव की महिलाएं ले रही है ट्रेनिंग



जींद। गांव ललितखेड़ा में कीट साक्षर खेत पाठशाला में बुधवार को विधिवत रूप से नरमा के खेत में महिलाओं की कीट पहचान की ट्रेनिंग शुरू हो गई है। बुधवार को गांव ललिताखेड़ा, निडाना, भैरोखेड़ा व ईगराह की महिलाओं ने भाग लिया। ट्रेनिंग में शामिल होने वाली सभी महिलाएं औसत रूप से बहुत कम पढ़ी लिखी हैं, लेकिन कीट तंत्र में रूची रखती हैं। महिलाएं लगभग पांच माह तक ट्रेनिंग लेंगी। कीट साक्षरता खेत पाठशाला के लिए गांव ललितखेड़ा निवासी पूनम मलिक के खेत का चयन किया गया है। कृष्ि विभाग के कृष्ि विकास अधिकारी डा. सुरव्ंद्र दलाल महिलाओं को कीटों के बारव् में जानकारी उपलध करवायेंगे। इससे पूर्व डा. सुरव्ंद्र दलाल गांव निडाना, रामराये, रूपगढ़, ईगराह में किसानों को कीटों की पहचान तथा बिना कीट नाशक के फसलों को पैदा करने की सफलतापूर्वक ट्रेनिंग दे चुके हैं। इसके अलावा हरियाणा कृष्ि विश्र्वविनालय हिसार के क्षेत्रीय अध्ययन केंद्र करनाल से डा. सरोज जयपाल भी कीट साक्षर खेत पाठशाला में महिलाओं को कीटों के बारव् में जानकारी देंगी। कीट साक्षरता खेत पाठशाला में महिलाएं यह जानने की कोशिश करव्ंगी की किसान मित्र कीट कौन से हैं और फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले कीट कौन से हैं। इसके अलावा कीट तंत्र के पारिस्थितिक जीवन चक्र के बारव् में जानकारी हासिल करव्ंगी। 
कृष्ि विकास अधिकारी डा. सुरव्ंद्र सिंह दलाल ने बताया कि महिलाओं को पांच महीने तक ट्रेनिंग दी जाएगी। ट्रेनिंग के लिए करनाल से कीट विशेष्ज्ञा डा. सरोज जयपाल को भी बुलाया गया है।

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