जींद। गांव निडाना में की कीट साक्षरता पाठशाला में अब पंजाब के किसान तथा कृष्ि विशेष्ज्ञ कीट प्रबंधन के गुर सिखेंगे। पेस्टी साइड रहित खेती और थाली को जहर मुक्त करने के लिए प्राकृतिक ढंग से खेतीबाड़ी की बीमारियों पर नियंत्रण पाने की कोशिश की जाएगी। पंजाब के कृष्ि चीफ एग्रीकल्चर आफिसर डा. सरबजीत सिंह खंडधारी व होशियारपुर जिले के किसान अशोक कुमार ने शनिवार को गांव निडाना कीट साक्षर पाठशाला का दौरा किया। कृष्ि विशेष्ज्ञ डा. सुरव्ंद्र दलाल की देखरव्ख में चलाई जा रही पाठशाला में अनपढ़ महिलाओं की कीट प्रबंधन पर पकड़ को देखकर चीफ एग्रीकल्चर आफिसर हैरान रह गए। महिलाओं ने नरमा के खेत में पंजाब से आये कृष्ि अधिकारी को कीटों के बारव् में प्रत्यक्ष रूप से प्रयोग कर दिखाया। महिलाओं ने न केवल कीटों को देशी नाम से पुकारा, बल्कि उनके वैज्ञानिक नाम ाी बताये। खेत किसान पाठशाला की महिला बिमला ने उन्हें नरमा के पौधे पर क्रिप्टो प्रोढ़ तथा बच्चों को दिखाया और साथ ही बताया क्रिप्टो अपने जीवन काल में तीन हजार से पांच हजार मिलीभग को खा जाता है। छोटे पौधों पर मिलीभग की भरमार मिली। जबकि तीसरव् चौथे पौधे पर मकड़ी दिखाई दी, लेकिन चौरड़ा दिखाई नहीं दिया। महिला अंग्रेजो ने कृष्ि विशेष्ज्ञों को बीटी कॉटन पर पांच किस्म के कीड़े दिखाये। साथ ही बताया कि गांव निडाना के लोग फसलों में लगे कीटों से नहीं घबराते बल्कि मित्र कीटों की सहायता से उन पर नियंत्रण पाते हैं।
पंजाब के कृष्ि विशेष्ज्ञ डा. सरबजीत सिंह खंडधारी ने बताया कि निडाना की कीट साक्षरता पाठशाला में महिलाओं ने कीट प्रबंधन पर गजब पकड़ बनाई हुई है। महिलाएं खेत में मौजूद कीटों को पहचान रही हैं। जिनके बारव् में कृष्ि विशेषज्ञों को पूरी जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि जल्द ही पंजाब के होशियारपुर से किसानों का दल गांव निडाना में कीट प्रबंधन के गुर सिखने भेजा जाएगा। कीट साक्षरता पाठशाला के संयोजक डा. सुरव्ंद्र दलाल को भी होशियारपुर में बुलाकर किसानों से रूबरू करवाया जाएगा। ताकि जहर मुक्त खेतीबाड़ी हो और पर्यावरण स्वच्छ रहे। जो समय की जरूरत है।
किसान रणबीर तथा राममेहर मलिक ने लैस बोर्ड के माध्यम से पंजाब से आये अधिकारियों को कीट तंत्र के बारव् में बताया। बाद में उन्हें कीट साक्षरता पाठशाला की तरफ से स्मृति चिन्ह देकर समानित किया गया।
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