Tuesday, 12 June 2012

डायरव्ट सोविंग राईस मशीन से होगी धान की रोपाई किसानों के पैसे तथा समय दोनों की होगी बचत मशीन से धान की नर्सरी तैयार करने व रोपाई करने की आवश्यकता नहीं मशीन की कीमत ६५ हजार रुपये


नरवाना। धान बिजाई का सीजन शुरू होते ही किसानों को सबसे ज्यादा समस्या पानी की होती है। शेडयूल अनुसार बिजली न मिलने के कारण पानी की सप्लाई नहीं हो पाती और न ही टयूवैल चल पाते हैं। किसानों की इसी परव्शानी को देखते हुए कृष्ि अधिकारी लगातार प्रयास कर रहे थे। आखिरकार उनकी मेहनत रंग लाई है। अब किसानों को धान की रोपाई के लिए दोचार नहीं होना पड़ेगा। किसानों को धान की सीधी बिजाई डायरव्ट सोविंग राईस मशीन द्वारा करने से पानी की बचत होगी तथा किसानों को फिजूल खर्चे से काफी हद तक छुटकारा मिल सकेगा। कृष्ि विभाग जींद अधिकारी एएई जिले सिंह ने धान की सीधी बिजाई करने के लिए मशीन उपलध करवाई है जोकि मठाडू एग्री वर्कश, टोहाना नामक फर्म द्वारा बनाई गई है। किसानों का कहना है कि इस मशीन से उनको मजदूरों, फिजूल खर्च व पानी की अधिक मात्रा से छुटकारा मिल सकेगा है और इससे उनको समय की भी बचत होगी। मंगलवार को मशीन के इंजीनियर जगदीश मलिक, डा. कुलदीप शर्मा द्वारा नरवाना क्षेत्र के खेतों में प्रदर्शन किया गया है। इस तकनीक को किसानों द्वारा खूब सरहाना की गई।
कैसें करव् बिजाई

धान की सीधी बिजाई मशीन से करते समय बीज की गहराई का ध्यान रखें कि ख्फ् इंच से अधिक गहरी बिजाई ना करव्ं। अंकुरित बीज की बिजाई सुखे खेत में भी कर सकते है सुखे में बिजाई के क्०क्ख् घंटे तक सिंचाई करने पर सारा बीज का जमाव हो जाएगा और यह मशीन ब्भ् मिनट में एक एकड़ की बिजाई करती है। बिजाई के तुरंत बाद टॉप स्टार ब्०भ्० एमएल दवाई का स्प्रे करव्ं तथा बिजाई के ख्०ख्क् दिन बाद नोमिनी गोल्ड का स्प्रे करव्ं।
धान फसल की रोपाई की जरूरत नही
मशीन के साथ बिजाई करने से किसान को धान की नर्सरी तैयार करने व रोपाई करने की आवश्यकता नहीं पड़ती। इस धान बिजाई मशीन से लगभग फ्००० रुपये प्रति एकड़ पैसे की व पानी की भी प्रर्याप्त मात्रा में बचत हुई है। इस मशीन द्वारा बिजाई करने पर पौधों की संチया पूरी होने के कारण पैदावार में भी क्० प्रतिशत बढ़ाोरी हुई है।
धान बिजाई मशीन का निरीक्षण करते एडीओ जगदीश मलिक।
कृष्ि विभाग के एडीओ जगदीश मलिक ने बताया कि इस मशीन द्वारा धान के बीज को उसी तरह से बिजा जाता है। जिस तरह से मशीन द्वारा गेहूं की बिजाई होती है। इसके लिए खेत को तैयार करके मशीन द्वारा सिफारिश सुदा खाद के साथसाथ धान का म्त्त् किलोग्राम बीज बोया जा सकता है। इस मशीन का नाम डीएसआर यानि डायरव्ट सोविंग राईस है। यह मशीन लगभग म्भ् हजार रुपये में बन कर तैयार हुई है। उन्होंने कहा उच्च अधिकारियों से मांग की जाएगी कि ऐसी मशीने किसानों को छूट पर उपलध हो ताकि किसान कम समय व कम खर्च में धान की बिजाई कर सके।

No comments:

Post a Comment

खुद को पर्यावरण के लिए महिला वकील ने कर दिया समर्पित

अब तक लगवा चुकी 177 त्रिवेणी जींद। महिला एडवोकेट संतोष यादव ने खुद को पर्यावरण की हिफाजत के लिए समर्पित कर दिया है। वह जींद समेत अब तक...