Sunday, 10 June 2012

जींद इतिहास को लेकर विचार किया जिले में प्राप्त हुए पांच हजार वर्ष् पुराने महाभारत कालीन लेख अंगिरा शोध संस्थान के पास है लेखों से संबंधित जानकारी


जींद। अंगिरा शोध संस्थान के प्रभारी जितेंद्र अहलावत ने बताया कि पांडवों को जलाकर मारने के लिए बनाए गए महाभारत कालीन लाक्ष्य गृह के प्रमाण जींद जिला में मिले है। जिले में एक स्थान से पांच हजार वर्ष् पुराने महाभारत कालीन लेख प्राप्त हुए हैं, जिनमें श्लोकों एवं लेखनी के पढऩे से इस बात की पुष्टि हुई है। जींद में ऐतिहासिक कार्यों की खोज में जुटी अंगिरा शोध संस्थान के पास इस संबंध में पूरी जानकारी उपलध है। डॉ. जयदेव द्वारा जुटाई गई जानकारी के अनुसार जींद शहर के पास स्थित एक स्थान से पांच हजार वर्ष् पुराने लेख प्राप्त हुए हैं, जिनसे यह स्पष्ट होता है कि कौरवों द्वारा पांडवों को जलाकर मारने के लिये लाक्ष्य गृह का निर्माण यहीं पर करवाया गया था। आज यह लेख अंगिरा शोध संस्थान के पास मौजूद है।

प्राप्त हुए प्राचीन इन लेखों के आधार पर संस्थान द्वारा विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के लिए आगामी कार्रवाई भी शुरू कर दी है। अंगिरा शोध संस्थान के प्रभारी जितेंद्र अहलावत ने रविवार को यह रहस्योद्‌घाटन राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विनालय में संस्थान द्वारा आयोजित कार्यक्रम के उपरांत किया। उन्होंने बताया कि अंगिराशोध संस्थान जींद जिला के प्राचीन इतिहास के बारे में तथा इसकी संस्कृति के संबंध में संपूर्ण जानकारी एकत्रित करने के क्षेत्र में काफी समय से कार्य कर रहा है। जींद के इतिहास एवं इससे संबंधित जानकारी प्राप्त करने वाले लेखकों एवं साहित्यकारों से अब तक ब्ऽ लेख प्राप्त हो चुके हैं। प्राप्त हुए लेखों सं जिला के संबंध में गहन जानकारी प्राप्त हुई है। एक लेख के अनुसार यह पता चला है कि मगध के राजा धनानंद के राज्य की सीमाएं जींद तक फैली हुई थी। उन्होंने बताया कि इन लेखकों द्वारा लिखे जा रहे लेखों के आधार पर संस्थान शीघ्र ही जींद जिला से सांंधित प्राचीन कालीन जानकारियां जुटाने के लिए एक पुस्तक तैयार कर रहा है। इस पुस्तक में वो हर प्रकार की जानकारी उपलध होगी, जिसमें जींद जिला के उद्‌भव एवं विकास के साथसाथ तथ्यात्मक पौराणिक बातें भी होंगी। अंगिरा शोध संस्थान द्वारा आयोजित कार्यक्रम में आज उन लेखकों एवं साहित्यकारों को भी समानित किया गया, जिन्होंने जींद के संबंध में पर्याप्त जानकारी उपलध कराई।
उन्होंने बताया कि संस्थान द्वारा तैयार की जा रही यह पुस्तक भविष्य में शोधार्थियों के लिए काफी कारगर साबित होगी। उन्होंने बताया कि शोधार्थियों को शोध से संबंधित जानकारी उपलध करवाने के लिए संस्थान द्वारा हर प्रकार की सहायता उपलध करवाई जा रही है।

No comments:

Post a Comment

खुद को पर्यावरण के लिए महिला वकील ने कर दिया समर्पित

अब तक लगवा चुकी 177 त्रिवेणी जींद। महिला एडवोकेट संतोष यादव ने खुद को पर्यावरण की हिफाजत के लिए समर्पित कर दिया है। वह जींद समेत अब तक...