Monday, 25 June 2012

कृष्ि विभाग का लक्ष्य अब बारिश पर निर्भर धान के लिए मिला है एक लाख १५ हजार हैटेयर का लक्ष्य क्षेत्र कव् किसानों को है अच्छी बारिश का इंतजार


कुलदीप सिंह
जींद। जिला के किसान धान फसल की रोपाई को लेकर अब अच्छी बारिश कव् इंतजार में हैं। काफी हद तक कृष्ि विभाग को धान की रोपाई का मिला लक्ष्य भी अब बारिश पर निर्भर कर रहा है। किसानों ने धान फसल की रोपाई के लिए अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं। वहीं कृष्ि विभाग ने भी अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहा है।
किसानों द्वारा धान की रोपाई कव् लिए पौध तैयार करने का कार्य किया जा रहा है। लेकिन बारिश में हो रही देरी से किसानों की चिंता बढ़नी शुरू हो गई हैं।
आम तौर पर धान की अगेती किस्मों की रोपाई जून कव् मध्य से शुरू हो जाती है। बारिश में हो रही देरी से किसानों की चिंता बढ़नी शुरू हो गई है। किसान अच्छी बारिश की इंतजार में हैं। किसान बारिश होते ही धान की फसल की रोपाई को लेकर पूरी तैयारी कर चुकव् हैं। जिला में कृष्ि विभाग को भी अब की बार एक लाख १५ हैटेयर धान फसल का लक्ष्य मिला है। जबकि धान की सीधी बिजाई का लक्ष्य २५० एकड़ रखा गया है और अब तक करीब क्ख्भ् एकड़ में सीधी बिजाई करवाई जा चुकी है। इसके अलावा लगभग सात हजार हैटेयर में धान की रोपाई की जा चुकी है। पिल्लूखेड़ा कव् किसान धर्मपाल, राजेश, गांव मोरखी कव् किसान धन्ना राम, रामफल ने बताया कि गेहूं फसल कटाई कव् बाद एक या दो बार केवल बूंदाबांदी ही हुई है। किसान अब बारिश के इंतजार में हैं। बारिश न आने की स्थिति में किसानों द्वारा अगले सप्ताह से ही टयूवेलों से खेत में सिंचाई करकव् धान की रोपाई शुरू करने का मन बना लिया है। किसानों ने इस बार धान की रोपाई करने कव् लिए  बासमती, शरबती, मुच्छल आदि किस्मों की व्यापक स्तर पर पौध तैयार की हैं। क्षेत्र में किसानों द्वारा व्यापक स्तर पर लेजर लेवलर से अपने खेतों की जमीन को समतल करवाया है। लेजर लेवलर से जमीन समतल करवाने से काफी हद तक पानी की बचत होती है और पूरे खेत में एक समान पानी पहुंचता है।
कृष्ि विभाग के उप निदेशक डा. रामप्रताप सिहाग ने कहा कि उन्हीं किसानों ने धान फसल की रोपाई की है जिनके पास पर्याप्त मात्रा में पानी उपलध है। इसके अलावा जिन किसानों ने धान फसल की रोपाई कर ली है वो अपने खेतों को गीला रखें ताकि पौध सूखने न पाए। उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि अबकी बार किसान धान की सीधी बिजाई करें। जिससे पानी की बचत तो होती है और लेबर का भी खर्च कम होता है औरफसल का लागत मूल्य भी कम आएगा।

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