वराह तीर्थ में मनरव्गा योजना के तहत काम करते ग्रामीण। |
जींद। गांव बराह कलां के लोगों के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना जहां गरीब परिवारों के लोगों को गांव में ही रोजगार मुहैया करवा रही है, वहीं गांव में ऐसे निर्माण कार्य करवाए गए हैं, जिनका लोगों को सीधा लाभ मिला है और गांव की समृद्धि में ये कार्य कारगर सिद्ध हुए है। मनरव्गा योजना गांव के लोगों के लिए रोजगार का अच्छा जरिया बन रही है। गांव के लोगों को गांव में ही रोजगार के अवसर उपलध हुए है। वहीं गांव में पक्के कार्यो के लिए क्० लाख रुपये से अधिक की राशि से राजीव गांधी भवन के लिए राशि स्वीकृत हुई है। इसके साथसाथ गांव के पशु अस्पताल, वाल्मीकि चौपाल, मन्दिर वाली गली, शमशान घाट को जाने वाले रास्ते में मिट्टी भरत करवाकर रास्ते को समतल बनवाया गया है। बारिश के दिनों में इन रास्तों पर से गुजरना संभव नहीं था। मनरव्गा स्कीम से गांव के माता वाला नए तालाब की खुदवाई करवाई गई है। इसी प्रकार सूरजकुंड वाले तालाब की खुदवाई से निकाली गई मिट्टी से भरत करवाया गया है। उन्होंने बताया कि मनरव्गा स्कीम के तहत तीन गलियां पक्की करवाई गई हैं और दो तालाबों की खुदाई का कार्य करवाया गया है। ऐतिहासिक भगवान वाराह तीर्थ की खुदाई ने इस समय लगभग त्त्भ् मजदूर मनरव्गा स्कीम के तहत कार्य में लगे हैं।
या कहना है श्रमिकों का
मनरव्गा के तहत गांव में कार्य कर रही कमलेश ने बताया कि वे इस पवित्र तीर्थ की खुदाई कर जहां पुण्य की भागी बन रही है, वहीं उन्हें क्ऽक् रुपये प्रतिदिन के हिसाब से गांव में ही मजदूरी मिल रही है। इस गांव में जब लोगों के पास काम नहीं होता तो ब्रहाण, सैनी, राजपूत, जोगी तथा अनुसूचित जाति के लोग मिलकर मनरव्गा स्कीम के तहत काम करते हैं। पिछले दिनों तालाबों की खुदाई तथा रास्तों में मिट्टी भरत के कार्य में लगभग सभी जातियों के लोगों में काम किया।
वराह तीर्थ में मनरव्गा योजना के तहत काम करते ग्रामीण। |
वाराह तीर्थ पर काम कर रहे मजदूरों के लिए पीने के पानी की व्यवस्था कलाशो देवी संभाले हुए है। वही मजदूरों के लगभग ख्म् बच्चों की देखभाल के लिए नीलम लगी हुई है। उन्होंने माना की उन्हें गांव में ही मनरव्गा स्कीम के तहत काम मिल गया है। इस योजना की विशेष्ता को स्वीकार करते हुए राकेश नामक युवा ने कहा कि वे जब चाहें अपना काम शुरू कर सकते हैं। दिन में अधिक गर्मी होने के कारण वे दोपहर को दो तीन घंटे रैस्ट करते है, इसके बाद देर सांय तक मिट्टी निकालने का कार्य अपनी सुविधानुसार करते है।
वाराह तीर्थ पर मजदूरों की उपस्थित का काम देख रहे मेट नरव्श कुमार ने बताया कि गांव में लगभग क्भ्० जॉब कार्ड बने हैं। लोगों को उनकी मांग के अनुसार काम उपलध करवायाा जा रहा है। कई ऐसे परिवार है जिनका क्०० दिन के रोजगार का टारगेट भी पूरा कर लिया है।
गांव की सरपंच मूर्ति देवी ने कहा कि मजदूरी का पैसा सीधा मजदूर के बैंक खाते में चला जाता है, इसलिए मनरव्गा योजना मजदूरों की पसंद बनती जा रही है।
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