ऑल इंडिया रोड ट्रांसपोर्ट वर्कर्स फेडरेशन के राष्ट्रीय नेता एवं सीआइटीयू के राष्ट्रीय महासचिव कामरेड तपनसेन ने कहा कि केंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों से देश का परिवहन उद्योग खतरे में है। इसे जान-बूझकर निजी क्षेत्र में धकेला जा रहा है। उन्होंने देश भर के परिवहन मजदूरों की एकजुटता बनाकर मजबूत संयुक्त संघर्ष करने पर जोर दिया।
वह सैनी धर्मशाला में हरियाणा रोडवेज वर्कर्स यूनियन के राज्य प्रतिनिधि सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इससे पूर्व उन्होंने ध्वजारोहण कर सम्मेलन का विधिवत उद्घाटन किया। सम्मेलन में राज्य परिवहन के सभी 23 डिपो, 14 सब डिपो के इलावा आइएसबीटी दिल्ली, मंत्री कार सेक्शन चंडीगढ़ एवं एचआरईसी गुड़गांव के लगभग 470 चुने हुए प्रतिनिधियों ने भाग लिया। महासचिव सरबत पूनिया ने पिछले दो साल की गतिविधियों की रिपोर्ट और राज्य कोषाध्यक्ष जसवीर सिंह ने कैश रिपोर्ट प्रस्तुत की। सम्मेलन की अध्यक्षता यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष जयप्रकाश बैनीवाल ने की। उन्होंने पांच सदस्यीय अध्यक्ष मंडल, पांच सदस्यीय संचालन कमेटी, मिनट्स कमेटी तथा प्रेस कमेटी का गठन किया जबकि मंच संचालन महासचिव सरबत पूनिया ने किया। सम्मेलन में सबसे पहले जनता के लिए परिवहन सेवा विषय पर खुला अधिवेशन किया गया। इस अवसर पर मुख्य वक्ता सत्यपाल सिवाच ने कहा कि प्रदेश के परिवहन विभाग में बसों की भारी कमी है। हरियाणा गांव में बसने वाला प्रदेश है और राज्य के 70 प्रतिशत गांव आज सरकारी बस सुविधा से वंचित हैं। जब राज्य की जनसंख्या एक करोड़ थी, उस समय प्रदेश में चार हजार सरकारी बसें थी तथा शत-प्रतिशत गांव में सरकारी बस चलती थी। आज जब जनसंख्या अढ़ाई करोड़ हो गई है तो बसें 3500 ही रह गई हैं। दूर-दराज के ग्रामीण जनता इसकी मार झेल रही है तथा आए दिन रोडवेज कर्मचारियों के साथ झगडे़ हो रहे हैं। सिवाच ने कहा कि यदि सरकार चाहे तो तमाम जनता को सरकारी बस की यात्रा सुविधा दी जा सकती है। इसके लिए जनता के तमाम संगठित हिस्सों को आवाज उठानी होगी। अखिल भारतीय किसान सभा के अध्यक्ष एवं स्वागत समिति के संयोजक कामरेड फूल सिंह श्योकंद ने राष्ट्रीय नेताओं का स्वागत किया। उन्होंने पिछले दिनों संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले किए गए संघर्षो के लिए रोडवेज के सभी कर्मचारियों का आभार जताया। इस अवसर पर पंजाब रोड ट्रांसपोर्ट के प्रदेशाध्यक्ष कॉमरेड सुच्चा सिंह, राजस्थान परिवहन निगम के प्रदेशाध्यक्ष सोहन सिंह भांभू, सकसं के प्रदेशाध्यक्ष धर्मवीर फौगाट सीआइटीयू के प्रदेशाध्यक्ष सतवीर सिंह, बाबूलाल यादव आदि मौजूद थे।
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