कम उम्र होने के बावजूद सांठ-गांठ करके पेंशन बनाने वाली कमेटियों के खिलाफ कार्रवाई होगी। इसके लिए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने समाज कल्याण विभाग ने गलत पेंशन बनाने वाली कमेटियों की सूची मांगी है ताकि उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सके। उम्मीद जताई जा रही है कि इस मामले में होने वाली अगली सुनवाई में सूची प्रस्तुत होने के बाद कार्रवाई पर कोई निर्देश जारी हो सकते हैं। सरकार ने इस वर्ष पूरे प्रदेश में बुढ़ापा पेंशन सर्वे के लिए अभियान चलाया था। इसके तहत सभी पात्रों की जांच की गई थी ताकि सही पात्र को ही बुढ़ापा पेंशन का लाभ मिल सके। प्रदेश में पांच से अधिक बार बुढ़ापा पेंशन के लिए का सर्वे कराया गया। सर्वे कराने के बाद 18 हजार से अधिक ऐसे लोग पाए गए, जो बुढ़ापा पेंशन के लिए योग्य तक नहीं थे। यानी इन लोगों की कम उम्र होने के बावजूद पेंशन बनाई गई थी।
यह रिपोर्ट पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में दाखिल की गई। उसके बाद हरियाणा हाईकोर्ट ने निर्देश जारी करते हुए गलत पेंशन बनाने वाली कमेटियों के सदस्यों की सूची मांगी है ताकि ऐसी कमेटियों के सदस्यों के खिलाफ उचित कार्रवाई हो सके। यह निर्देश हाईकोर्ट ने समाज कल्याण विभाग को जारी किए हैं। वहीं माननीय हाईकोर्ट के निर्देश आने के बाद समाज कल्याण विभाग ने सभी सभी जिला समाज कल्याण अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं कि उनके जिलों में कम उम्र होने के बावजूद पेंशन बनाने वाली कमेटियों के सदस्यों के नाम और पद लिखकर सूचना दी जाए ताकि यह सूची माननीय हाईकोर्ट में प्रस्तुत की जा सके।
यदि जींद जिले की बात की जाए तो अकेले जींद जिले में 870 लोग ऐसे मिले थे, जिनकी कम उम्र होने के बावजूद भी बुढ़ापा पेंशन बनाई गई थी जबकि पूरे प्रदेश में यह आंकड़ा 18 हजार से अधिक है। यह रिकॉर्ड हाईकोर्ट में प्रस्तुत होने के बाद ही संबंधित कमेटियों के खिलाफ कार्रवाई पर कोई निर्णय होगा।
कम उम्र होने के बावजूद पेंशन बनाने वाली कमेटियों के सदस्यों की सूची उच्चाधिकारियों ने नाम व पदों सहित मांगी है। इसका रिकार्ड एकत्रित किया जा रहा है। माननीय हाईकोर्ट के आदेश पर यह हो रहा है। कम उम्र वाले लोगों की गलत पेंशन बनाने वालों के खिलाफ माननीय हाईकोर्ट ने कार्रवाई करने का मन बनाया है।
ओपी यादव, जिला समाज कल्याण अधिकारी
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