Thursday, 14 June 2012

गायत्री मंत्र की महिमा पर प्रकाश डाला


जींद। असमर्थ महिला कल्याण समिति के संस्थापक पंडित रामनिवास अहिरका ने नरवाना रोड पर समिति की बैठक में गायत्री मंत्र की महिमा पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार किसी पेड़ को साी विशेषताएं उसके छोटे से बीज में सूक्ष्म रूप में मौजूद रहती है, इसी प्रकार गायत्री मंत्र ाी वेदों का मूलमंत्र है और इसमें हमारे अंतःकरण को निर्मल करने की अपार शति है। गायत्री मंत्र में परमात्मा से बुरे कर्मों को छोड़ ाले कर्मों में लगाने की प्रार्थना की गई है। गायत्री मंत्र के उपासक या तो बुरे कर्मों को छोड़ ाले काम करने लग जाते हैं या गायत्री मंत्र के जाप को ही छोड़ देते हैं। गायत्री मंत्र का जाप और बुरे कर्म साथसाथ नहीं चल सकते। अमोध अस्त्र की तरह गायत्री मंत्र का जाप काी निष्फल नहीं जाता। गायत्री मंत्र का जाप अटल प्रारध वश यदि किसी के दुर्ााग्य को सौााग्य में नहीं बदल सके तो किसी अन्य रास्ते से अनंत गुण लाा जरूर पहुंचता है। गायत्री मंत्र की एक माला का ाी नित्य जाप करने वाले को रेल, कार, जीप, मोटर आदि किसी ाी वाहन से दुर्घटना में अकाल मृत्यु नहीं होती। गायत्री मंत्र के उपासक से ाूत, प्रेम, जिन्न, गंर्धव, यम, काल तक दूर रहते हैं। गायत्री मंत्र के उपासक पर दरिद्रता अधिक दिन नहीं रहती। गायत्री मंत्र के जाप से बुद्धि जीव्र होती है, तेज बढ़ता है, रोग कम होते हैं और मृत्यु होने पर सद्‌गति प्राप्त होती है। आदि काल से इसी की शति से हमारे देश को जगत गुरु होने का दर्जा प्राप्त था, जब से हम इसके महत्व को ाूलने लगे हैं। पिछड़ते ही जा रहे हैं। इस मौके पर समिति के राज कुमार शास्त्री, वेद शास्त्री ने ाी अपने विचार रチो।

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