Friday, 15 June 2012

अल्ट्रासाऊंड मशीनें इंतजार कर रही हैं रव्डियोलाजिस्टों का अस्पतालों में धूल फांक रही लाखों रुपये की अल्ट्रासाऊंड मशीनें जिले में स्थापित तीन मशीनों पर एक भी नहीं रव्डियोलाजिस्ट महंगे दामों अल्ट्रासाउंड करवाने को मजबूर मरीज नरवाना सामान्य अस्पताल में पिछले डेढ़ वर्षें से नहीं है रव्डियोलाजिस्ट


जींद सामान्य अस्पताल।


कुलदीप सिंह
जींद। एक तरफ प्रदेश सरकार लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं उपलध करवाने के दावे कर रही हैं वहीं जींद जिले के सरकारी अस्पतालों में रव्डियोलाजिस्ट न होने के कारण लाखों रुपये की अल्ट्रासाऊंड मशीनें धूल फांक रही हैं। जिससे आम आदमी को सस्ते दामों पर उपलध होने वाली चिकित्सा सेवाओं पर सीधा असर पड़ रहा है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिला में तीन अल्ट्रासाउंड मशीनें स्थापित की गई हैं। लेकिन किसी भी मशीन पर रव्डियोलाजिस्ट न होने के कारण मरीजों को निजी अस्पतालों की शरण लेनी पड़ रही है। जहां पर उनसे भारी भरकम फीस वसूली जाती है। इससे लोगों को जहां मानसिक परव्शानी का सामना करना पड़ रहा हे वहीं आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ रहा है। नरवाना अस्पताल में जहां पिछले डेढ़ वर्षें से रव्डियोलाजिस्ट नहीं है वहीं जींद तथा जुलाना अस्पताल में दोदो वर्षें से रव्डियोलाजिस्ट नहीं है। हालांकि स्थानीय अधिकारियों द्वारा रव्डियोलाजिस्ट की डिमांड स्वास्थ्य विभाग को भेजी गई है।

लेकिन न तो विभाग इस तरफ कोई ध्यान दे रहा है और न ही सरकार द्वारा इस तरफ कोई कदम उठाया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जींद, जुलाना तथा नरवाना सामान्य अस्पतालों में अल्ट्रासाऊंड मशीनें स्थापित की गई हैं। लेकिन तीनों मशीनों पर कहीं भी रव्डियोलाजिस्ट मौजूद नहीं है। जिसके चलते अल्ट्रासाउंड करवाने आने वाले मरीजों को निजी अस्पतालों का सहारा लेना पड़ रहा है। सामान्य अस्पताल में आए दिन ५० से ७० मरीज अल्ट्रासाउंड करवाने आते हैं। जिसकी एवज में उनसे अस्सी रुपये फीस वसूली जाती है। लेकिन रव्डियोलाजिस्ट न होने के कारण अब मरीजों को निजी अस्पतालों में फ्००  से ४०० रुपये देकर अल्ट्रासाउंड करवाना पड़ रहा है। वहीं अल्ट्रासांऊड के मामले में जुलाना के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीन आने वाले मरीजों की स्थिति काफी दयनीय है। इसी तरह के हालात अन्य अस्पतालों के हैं। जहां पर सरकार द्वारा अल्ट्रासाऊंड मशीनें तो दे रखी हैं, परंतु कोई रव्डियोलोजस्ट नहीं होने के कारण ये केवल सफेद हाथी बनकर रह गई हैं।
सीएमओ राजेंद्र चौहान ने कहा कि कहा कि जिले के अस्पतालों में अल्ट्रासाऊंड मशीनें तो हैं, परंतु इन मशीनों पर कोई भी रव्डियोलोजिस्ट नियुक्त नहीं है। जींद अस्पताल के लिए डा. मंजुला के आर्डर हुए हैं। लेकिन वे पंचकूला में ट्रेनिंग में व्यस्त होने के कारण ज्वायन नहीं कर पा रही है। रव्डियोलोजिस्टों की नियुक्ति के लिए स्वास्थ्य विभाग तथा सरकार को लिखा जा चुका है।
नरवाना के एसएमओ राजकुमार सिंगला ने कहा कि अस्पताल में पिछले डेढ़ वर्ष् से रव्डियोलाजिस्ट नियुक्त नहीं है। जिससे मरीजों को आर्थिक  तथा मानसिक परव्शानी का सामना करना पड़ रहा है। रव्डियोलाजिस्ट की नियुक्ति के लिए उच्च अधिकारियों को अवगत करवाया जा चुका है।

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