दुल्हा साढ़े 13 वर्ष का, दुल्हन साढ़े 17 वर्ष की
जींद
जिले में बाल विवाह का एक अजीबो गरीब मामला सामने आया है जहां बडे दुल्हा-दुल्हन बालिग थे वहीं छोटे दुल्हा-दुल्हन नाबालिग निकले। जिले के हैबतपुर गांव में देर शाम को जिला महिला संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी कार्यालय द्वारा नाबालिग दुल्हा-दुल्हन की शादी को रुकवाया गया है। इस शादी में जहां दुल्हन की उम्र साढे 17 वर्ष वहीं उससे शादी करने आए दुल्हे की उम्र मात्र साढ़े 13 वर्ष पाई गई और वह गांव के ही सरकारी स्कूल में नौंवी कक्षा का छात्र मिला। ऐसे में हिसार जिले के बालक गांव से आई बारात को एक दुल्हन के साथ ही वापस घर लौटना पड़ा। विभाग द्वारा परिजनों से लिखित में दोनों के बालिग होने तक शादी नहीं करवाने का ब्यान लिया गया। जिला महिला संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी करमिंद्र कौर को को सूचना मिली थी कि जिले के हैबतपुर गांव मेेंं दो नाबालिग बच्चों की शादी बड़ी धूमधाम से करवाई जा रही है व दोनों की बारात भी अभी पहुंची है और फेरों की तैयारी जारी है। इस पर कार्यवाही करते हुए सहायक बाल विवाह निषेध अधिकारी रवि लोहान, एएसआई राजबीर सिंह, हैड कांस्टेबल कुलबीर, एसपीओ सुरेशकुमार, महिला हैड कांस्टेबल राजेश, कांस्टेबल सरिता, चाईल्ड हैल्पलाइन से विनोद, सुरेश सिविल लाईन थाना पुलिस के साथ मौके पर पहुंचे तो बाराती नाच-गा रहे थे। इस पर टीम ने विवाह स्थल पर परिवार के लोगों से दोनों के जन्म पत्र मांगे तो दोनों लड़कियों की उम्र साढे 17 वर्ष व 20 वर्ष मिली। इसके बाद जब बारात लेकर आए दोनों लड़क ों के बालिग होने का प्रमाण पत्र मांगा गया तो बालक गांव से आई बारात में हडकंप मंच गया और नाच-गाना बंद हो गया। पहले तो बारातियों ने कोई भी प्रमाण पत्र दिखाने में आना कानी की लेकिन जब सख्ती की तो लगभग दो घंटे के बाद लगभग जो सर्टिफिकेट पत्र दिखाए उसमें बड़े दूल्हे की उम्र 27 वर्ष निकली और दोनों लड़के सगे भाई मिले व छोटे लडके की उम्र तो मात्र साढे 13 वर्ष पाई गई और जिस लड़की के साथ उसकी शादी हो रही थी उसकी उम्र साढ़े 17 वर्ष थी। छोटे लड़के को देखकर टीम भी दंग रह गई। उससे जब बातचीत की गई तो वह कुछ नहीं बोल पाया। इस पर उसके परिजनों ने बताया कि उनके पिता बीमार रहते हंै। इसलिए खर्चा बचाने के लिए ही बडे लड़के के साथ ही छोटे लड़के की शादी कर रहे थे। इस पर कार्यवाही करते हुए टीम ने छोटे लड़के व लड़की का विवाह रोकने को कहा और तब तक शादी न करने को कहा जब तक दोनों बालिग नहीं हो जाते। इस मामले में जब दोनों के परिवारजनों से बातचीत की गई और दूल्हा-दुल्हन व उनके परिवार के लोगों को मौके पर ही समझाया गया कि यह विवाह नहीं हो सकता क्योंकि कानूनन लड़के की शादी की उम्र 21 वर्ष व लड़क ी की उ
म्र 18 वर्ष निर्धारित हैै और छोटी लड़की की उम्र भी कम है और छोटे लड़के की उम्र तो मात्र 14 वर्ष है इसलिए आप इनके बालिग होने तक का इंतजार करें ताकि कोई कानूनी अड़चन न आए। इसके बावजूद भी अगर आप नाबालिग बच्चों की शादी करते हैं तो आप सभी के खिलाफ भी कानूनी कार्यवाही की जाएगी। तब कहीं जा कर परिवार के लोग माने और दोनों परिवारों ने इस पर विवाह स्थगित कर दिया तथा और दोनों परिवारों द्वारा महिला संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध विभाग के अधिकारियों को लिखित ब्यान दिये कि वह कानून की पालना करेंगे तथा दोनों लड़कोंंंके बालिग होने पर ही उनकी शादी करेंगे। जिस कारण गाजे बाजे के साथ बारात लेकर गए दुल्हों को एक दुल्हन के साथ ही वापिस गांव बालक लौटना पड़ा।
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