Monday, 30 October 2017

देवोत्थान एकादशी आज

31 अक्टूबर को देव उठेंगें तो बरसाएंगे कृपा, शुरु होंगे मांगलिक कार्य
देव उठनी एकादशी पर शालीग्राम के साथ होगा तुलसी का विवाह

 जींद 
देवशयनी एकादशी के बाद भगवान श्री हरि यानि भागवान विष्णु चार माह के लिए सो जाते हैं। आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को वे निद्रा में चले जाते हैं उसे देवशयनी कहा जाता है और जिस दिन निद्रा से जागते हैं वह कहलाती है देवोत्थान एकादशी। अबकी बार ये एकादशी 31 अक्टूबर को है। कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को भगवान विष्णु के बाद मांगलिक कार्यों की शुरुआत हो जाएगी। इसी दिन अपने पितरों की पूजा करने से पितृ दोष से भी मुक्ति मिलेगी। 
आज जागेंगे भगवान विष्णु
जयंती देवी मंदिर के पुजारी नवीन शास्त्री ने बताया कि देव उठनी एकादशी के दिन ही भगवान श्री हरि के शालीग्राम रूप का विवाह तुलसी के साथ किया जाता है। तुलसी को विष्णुप्रिया भी कहा जाता है। मान्यता है कि जब श्री हरि जागते हैं तो वे पहली प्रार्थना हरिवल्लभा तुलसी की ही सुनते हैं। देवोत्थान एकादशी का व्रत 31 अक्तूबर को है। साधु सन्यासी, विधवाओं एवं मोक्ष की इच्छा रखने वालों के लिये वैकल्पिक एकादशी एक नवंबर को रखा जाएगा। इसे वैकल्पिक एकादशी को वैष्णव एकादशी भी कहा जाता है।
देवोत्थान एकादशी की व्रत कथा
एक बार की बात है माता लक्ष्मी ने भगवान श्री विष्णु से कहा कि प्रभु आप या तो दिन रात जागते रहते हैं या फिर लाखों करोड़ों वर्ष तक सोते रहते हैं और सृष्टि का भी विनाश कर डालते हैं। इसलिये हे नाथ आपको हर साल नियमित रूप से निद्रा लेनी चाहिये। तब श्री हरि बोले देवी आप ठीक कहती हैं। मेरे जागने का सबसे अधिक कष्ट आपको ही सहन करना पड़ता है आपको क्षण भर के लिये भी मेरी सेवा करने से फुर्सत नहीं मिलती। आपके कथनानुसार मैं अब से प्रतिवर्ष वर्षा ऋतु में चार मास तक के लिये शयन किया करूंगा ताकि आपको और समस्त देवताओं को भी कुछ अवकाश मिले। मेरी यह निद्रा अल्पकालीन एवं प्रलयकारी महानिद्रा कहलायेगी। मेरी इस निद्रा के दौरान जो भी भक्त भावना पूर्वक मेरी सेवा करेंगें और मेरे शयन व जागरण को उत्सव के रूप में मनाते हुए विधिपूर्वक व्रत, उपवास व दान-पुण्य करेंगें।  उनके यहां मैं आपके साथ निवास करूंगा।
देव उठनी एकादशी व्रत पूजा विधि
पुजानी नवीन शास्त्री ने बताया कि एकादशी के दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर सर्वप्रथम नित्यक्रिया से निपट कर स्नानादि कर स्वच्छ हो लेना चाहिए। स्नान किसी पवित्र धार्मिक तीर्थ स्थल, नदी, सरोवर अथवा कुएं पर किया जाए तो बहुत बेहतर अन्यथा घर पर भी स्वच्छ जल से किया जा सकता हैं। स्नानादि के पश्चात निर्जला व्रत का संकल्प लेकर भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिये। सूर्योदय के समय सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिये। इस दिन संध्या काल में शालिग्राम रूप में भगवान श्री हरि का पूजन किया जाता है। तुलसी विवाह भी इस दिन संपन्न करवाया जाता है। 
गुरु अस्त रहने के चलते नहीं हो सकेगा विवाह आदि मंगल कार्य 
इस बार देव प्रबोधिनी एकादशी पर गुरु अस्त रहेगा। इसके चलते अबूझ मुहूर्त में से एक माने जाने वाली इस तिथि पर विवाह आदि मंगल कार्य नहीं हो पाएंगे। 10 अक्टूबर को अस्त हो चुके गुरु का उदय 11 नवंबर होगा लेकिन विवाह के शुभ मुहूर्त 19 नवंबर से हैं। पंडित नवीन शास्त्री के अनुसार ग्रह के देर से उदय होने के कारण विवाह के मुहूर्त 19 नवंबर से 10 दिसंबर तक रहेंगे। इसके बाद 14 दिसंबर को शुक्र सुबह 8.38 बजे अस्त हो जाएगा, जिससे एक बार फिर विवाह समेत शुभ कार्यों पर विराम लग जाएगा। वहीं 16 दिसंबर को सूर्य के धनु राशि में प्रवेश के साथ खर मास भी शुरू होगा जिसका समापन मकर संक्रांति को होगा।
नवंबर में नौ मुहुर्त - 19 से 24, 28 से 30 तक।
दिसंबर में छह मुहुर्त -3, 4, 5 व 8 से 10 तक।

सूचना के अधिकार अधिनियम 2००5 की दी जानकारी

सूचना अधिकार के बारे में हर किसी को होनी चाहिए जानकारी : दयानंद

जींद 
सूचना के अधिकार अधिनियम 2००5 की जानकारी देने के लिए हिपा द्वारा स्थानीय डीआरडीए के सभागार में दो दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार का उद्घाटन हिपा हिसार डिविजन कार्यालय के प्राचार्य दयानंद चहल ने विधिवत रूप से किया। इस अवसर पर आरटीआई गुरुग्राम सैल के इंचार्ज राजबीर ढाका तथा जिला प्रशासन की ओर से कई विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे। सेमिनार में उपस्थित एसपीआईओ, एएसपीआईओ तथा एफएए को संबोधित करते हुए प्राचार्य दयानंद चहल ने कहा कि अधिकारियों को आरटीआई अधिनियम 2००5 की जानकारी देने के लिए हिपा द्वारा दो दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है। इस दो दिवसीय कार्यक्रम में विभिन्न विभागों के 15० प्रतिभागी अधिकारियों को इस अधिनियम की विस्तार से जानकारी दी जाएगी। उन्होंने बताया कि आरटीआई के 31 नियम है, उनके संबंध में अधिकारियों को एक-एक कर विस्तार से जानकारी दी जाएगी। सेमिनार में एसपीआईओ,एएसपीआईओ तथा एफएए से बातचीत भी की जाएगी। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम के दौरान अधिकारियों द्वारा इस अधिनियम के संबंध में पूछे जाने वाले सवालों के जवाब भी दिए जाएंगें। कार्यक्रम में उपस्थित प्रतिभागियों को सूचना के अधिकार अधिनियम 2००5 के संबंध में विस्तार से जानकारी देने के लिए बुकलैट भी प्रदान की गई। उन्होंने बताया कि इस दो दिवसीय सेमिनार के दूसरे दिन मंगलवार को राज्य सूचना आयोग के सूचना आयुक्त बीके धर्मानी शिरकत करेगें। वे इस अधिनियम में हुए छोटे-छोटे बदलाव बारे व इस अधिनियम के बारे में विस्तार से चर्चा करेगें। मंगलवार को आरटीआई विशेषज्ञ राजबीर दलाल भी सेमिनार को संबोधित करेंगें। 

...अब जिले के 7 स्कूलों के बच्चे होंगे बैग लैस

हर ब्लाक में एक प्राइमरी स्कूल बनेगा स्मार्ट स्कूल
डीसी के पास भेजी 5-5 स्कूलों की सूची
बजट मिलते ही स्कूलों में बनेंगे लोकर

जींद : जिले के 7 ब्लाकों में एक-एक प्राइमरी स्कूल स्मार्ट स्कूल के रूप में विकसित किया जाएगा। इसमें पढऩे वाले बच्चे बैग लैस होंगे। वह एक बार स्कूल में बैग जरूर लेकर आएंगे, लेकिन इसके बाद स्कूल में बनाए गए लोकर में बच्चों को अपना बैग जमा कराना होगा। शिक्षा अधिकारियों ने प्रत्येक ब्लाक से 5-5 स्कूलों की सूची डीसी अ
मित खत्री को भेजी है। जल्द ही प्रत्येक ब्लाक में एक स्कूल को स्मार्ट स्कूल के तौर पर फाइनल करते हुए इस स्कूल में लोकर बनाने का काम शुरू होगा।
बच्चों पर बढ़ रहे बैग के बोझ से निजात दिलाने के लिए प्रदेश के शिक्षा विभाग की ओर से प्राइमरी स्कूलों में लोकर बनाने का निर्णय लिया गया है। इससे पहले सरकार द्वारा प्रत्येक ब्लाक में एक प्राइमरी स्कूल को पायलट प्रोजैक्ट के तौर पर एक स्कूल का चयन किया जाएगा। इस स्कूल में पढऩे वाले बच्चे दाखिले के बाद एक बार स्कूल में बैग लेकर आएंगे। इसके बाद उन्हें सुबह और शाम के समय में अपने बैग को वापस घर नहीं ले जाना पड़ेगा। शिक्षा विभाग द्वारा स्मार्ट स्कूल में एक लोकर का निर्माण करवाया जाएगा। इस लोकर में सभी बच्चों के बैग स्कूल की छुट्टी के बाद जमा होंगे। प्रत्येक ब्लाक से बीईओ द्वारा 5-5 स्कूलों के नाम स्मार्ट स्कूल के लिए भेजे गए हैं। संबंधित अधिकारी ने इन स्कूलों की सूची जींद के डीसी अमित खत्री को भेज दी है।
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किस ब्लाक में कौन से 5 स्कूल सूची में शामिल
डीसी को भेजी सूची में प्रत्येक ब्लाक से 5 स्कूलों के नाम भेजे गए हैं। इनमें से 1 स्कूल को स्मार्ट स्कूल के तौर पर फाइनल किया जाएगा। अलेवा ब्लाक से जीएसएसएस शामदो, जीजीएसएसएस नगूरां, जीपीएस पेगां, जीपीएस खांडा और जीपीएस अलेवा शामिल है। जुलाना ब्लाक से जीजीएमएस या जीजीपीएस बराड़ खेड़ा, जीएमएस या जीपीएस शामलो खुर्द, जीजीपीएस मालवी, जीएमएस या जीपीएस कमाचखेड़ा और जीएमएस या जीपीएस गोसाईखेड़ा शामिल है। जींद ब्लाक से जीपीएस जीतगढ़, जीपीएस अहिरका, जीपीएस अमरहेड़ी, जीएमएस ईंटल कलां और जीएमएस जीवनपुर शामिल है। पिल्लूखेड़ा ब्लाक से जीपीएस जामनी, जीजीपीएस ढाठरथ, जीपीएस पिल्लूखेड़ा, जीएमएस धड़ौली और जीजीएमएस गांगोली शामिल हैं। ब्लाक नरवाना से जीपीएस गुरूसर, जीपीएस कोयल, जीपीएस सच्चाखेड़ा, जीएमएस हरनामपुरा और जीजीएमएस लोन शामिल है। ब्लाक सफीदों से जीपीएस पाजू कलां, जीपीएस सिंघाना, जीपीएस मलिकपुर, जीएमएस बहादुरगढ़ और जीएमएस सफीदों मंडी शामिल है। उचाना ब्लाक से कहसून, जीपीएस छात्तर, जीपीएस घसो, जीजीपीएस काकड़ौद और जीपीएस भौंसला शामिल है। 
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क्या कहती हैं बीईओ
अलेवा की बीईओ डॉ. सुदेश सिवाच ने कहा कि सरकार की ओर से प्रत्येक ब्लाक में एक स्मार्ट स्कूल बनाया जाएगा। इस स्कूल में पढऩे वाले बच्चों के लिए स्कूल में ही लोकर बनाए जाएंगे। इन लोकरों में छुट्टी के बाद बच्चों के बैग जमा होंगे। प्रत्येक ब्लाक से 5-5 स्कूलों की सूची भेजी गई है। बजट मिलते ही जिस भी स्कूल का नाम स्मार्ट स्कूल के लिए फाइनल होगा, उसमें लोकर का निर्माण करवा दिया जाएगा।

महात्मा ज्योतिबा फूले के नाम से बनेगी पुराना किले पर पार्क

इस पर 95 लाख रूपए की राशि खर्च करने की योजना
जयंती देवी मंदिर की पार्क को मिलेगा स्वर्ण जयंती पार्क का दर्जा
इस पर डेढ़ करोड़ रूपए की राशि खर्च होने का अनुमान 

जींद
 : शहर के बीचों-बीच स्थित पुराने किले की लगभग 2 एकड़ जमीन पर अब पार्क विकसित होगी और इसका नाम महात्मा ज्योतिबा फूले के नाम पर रखा जाएगा। इस पार्क को विकसित करने पर लगभग 95 लाख रूपए की राशि खर्च होने का अनुमान है। शहर में जयंती देवी मंदिर परिसर की जमीन में ही जींद की जिला स्तर की स्वर्ण जयंती पार्क विकसित होगी। इस पर लगभग डेढ़ करोड़ रूपए की राशि नगर परिषद खर्च करेगी। 
पुराना किला कभी जींद रियासत का मुख्यालय होता था। इसी पुराने किले में जींद रियासत के राजा बैठकर यहां से अपना शासन चलाते थे। जींद रियासत की जेल भी इसी किले में होती थी। दशकों तक जींद का यह पुराना किला जींद रियासत की बहुत बड़ी पहचान जींद में रहा। आजादी के बाद जब रियासत समाप्त हुई, तब पुराने किले में पहले जिला कारागार बनाई गई। जिला कारागार यहां से गोहाना रोड पर शिफ्ट हुई तो सालों तक पुराने किले में होम गार्ड का मुख्यालय रहा। साल 2004 में जब प्रदेश में इनैलो की सरकार थी, तब पुराने किले को जमींदोज कर दिया गया था। इसके साथ ही जींद रियासत की यह अंतिम निशानी भी समाप्त हो गई थी। उसके बाद से पुराने किले की इस जमीन पर आस-पास के लोग अवैध कब्जे और अतिक्रमण करते रहे। साल 2012 में जब युद्धवीर सिंह ख्यालिया जींद के डीसी थे, तब उन्होंने पुराने किले की जमीन पर पार्क बनाने की योजना बनाई थी। 5 साल में पुराने किले की जमीन पर पार्क नहीं बन पाई। इस दौरान कई बार नगर परिषद प्रशासन को पुराने किले की सरकारी जमीन से अवैध कब्जे और अवैध निर्माण पुलिस बल की मदद लेकर जेसीबी मशीन के साथ हटाने पड़े। इसका कई बार विरोध भी हुआ। 
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अब 95 लाख से बनेगी महात्मा ज्योतिबा फूले पार्क
पुराने किले की जमीन पर अब महात्मा ज्योतिबा फूले के नाम से आधुनिक पार्क बनेगी। इस पर लगभग 95 लाख रूपए की राशि खर्च की जाएगी। महात्मा ज्योतिबा फूले पार्क में बच्चों के लिए झूले लगाए जाएंगे। यहां रात के समय रोशनी की व्यवस्था होगी। सैर के लिए आने वाले लोगों के लिए टायलेट बनाए जाएंगे। पार्क में सैर करने के लिए पगडंडी बनेंगी। इस पूरी कवायद पर लगभग 95 लाख रूपए की राशि खर्च होने का अनुमान है। पुराने किले की जमीन पर पार्क पुराने जींद शहर के लोगों के लिए बहुत बड़ी सौगात होगी। इसके आस-पास कोई ढंग की पार्क नहीं है, जहां पुराने शहर के लोग फुर्सत के चंद पल शुकून के साथ गुजार सकें और बच्चे घरों से बाहर निकल कर पार्क में खेलने और झूले झूलने का मजा ले सकें। पुराने किले के पास शहर की आबादी बेहद घनी है। यहां पार्क की बात तो दूर, ग्रीन बैल्ट नाम की चीज भी नहीं है। लोग घरों में कैद रहने को मजबूर हैं। यहां पार्क बनी तो लोगों को काफी सुविधा होगी और यह इन लोगों के लिए नगर परिषद की तरफ से बहुत बड़ी सौगात होगी।
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पार्क लोगों के लिए होगी बड़ी सौगात : पूनम सैनी
नगर परिषद प्रधान पूनम सैनी के अनुसार पुराने किले की जमीन पर आधुनिक पार्क नगर परिषद विकसित करेगी। इसका नाम महात्मा ज्योतिबा फूले पार्क होगा। लगभग 95 लाख रूपए की लागत से विकसित होने वाली पार्क आस-पास के लोगों के लिए बहुत बड़ी सौगात होगी। लंबे समय से पुराने शहर के लोग आधुनिक पार्क की मांग कर रहे थे और यह मांग अब महात्मा ज्योतिबा फूले पार्क बनने से पूरी होगी। 
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जयंती देवी मंदिर के पास बनेगी जींद की स्वर्ण जयंती पार्क
जींद नगर परिषद प्रशासन ने यह फैसला लिया है कि प्रदेश के हर जिला मुख्यालय पर सरकार की योजना के अनुसार बनने वाली स्वर्ण जयंती पार्क जींद के जयंती देवी मंदिर के साथ लगती मंदिर की जमीन पर विकसित की जाएगी। इस पर लगभग डेढ़ करोड़ रूपए की राशि खर्च होगी। नगर परिषद प्रधान पूनम सैनी के अनुसार पहले ही नगर परिषद ने यहां स्वर्ण जयंती पार्क विकसित करने की योजना का मसौदा सरकार को मंजूरी के लिए भेज दिया था। इस मसौदे में कुछ खामियां मुख्यालय ने निकालते हुए नए सिरे से मसौदा भेजने को कहा था। अब रिवाइज्ड मसौदा मुख्यालय को भेज दिया गया है। स्वर्ण जयंती पार्क में बच्चों के लिए झूलों की व्यवस्था होगी। एक मीटिंग हाल बनाया जाएगा। इस पार्क में आने वाले लोगों की सुविधा के लिए 4 टायलेट बनेंगे। इसकी चारदीवारी का निर्माण करवाया जाएगा। स्वर्ण जयंती पार्क में अत्याधुनिक पार्क वाली तमाम सुविधाएं मुहैया करवाई जाएंगी। रात में यह पार्क दिन की तरह लाइटों से रोशन रहेगी। यह शहर की सबसे सुंदर और बड़ी पार्क होगी।

ट्यूब्वेल आप्रेटर पर जलघर में पानी बेचने व तांत्रिक क्रिया करने के आरोप

तांत्रिक क्रिया के लिए जलघर के साथ बनाया हुआ है एक अवैध कमरा
जलघर में रखा हुआ तांत्रिक क्रिया का सारा साजो सामान

सफीदों 
नगर के हाट रोड पर स्थित जनस्वास्थ्य विभाग के जलघर में ट्यूब्वेल आप्रेटर द्वारा अधिकारियों की नाक तले मच्छली पालन के लोगों को अवैध रूप से पानी बेचने व कार्यालय में तांत्रिक क्रिया करने का मामला सामने आया है। इसके लिए आप्रेटर ने जलघर में ही अवैध निर्माण कर एक कमरा भी बना रखा है। जिसको तांत्रिक क्रिया के लिए प्रयोग किया जा रहा है। आप्रेटर से बात की गई तो उसने खुद माना कि मछली पालन करने वाले लोग स्वयं उसके पास आकर पानी के बदले कुछ पैसे दानपात्र मेें डाल जाते है। लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि आप्रेटर ओमप्रकाश के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें, ताकि सरकारी कार्यालय पर हुए कब्जे से मुक्त करवाया जा सके। उसकी तांत्रिक प्रक्रियाओं से आसपास के लोग भी परेशान है। लोगों ने बताया कि इस जलघर के ट्यूबवैल के कमरे में तांत्रिक कार्य करता है। यहां हर रोज आप्रेटर ओमप्रकाश के पास बाहर से लोग आकर तांत्रिक कार्य करवाते है। इसके लिए कर्मचारी ने सरकारी जमीन पर एक कमरा भी बनाया हुआ है, जहां रात भर तांत्रिक का काम किया जाता है, जिससे हमेशा उन्हेंं डर लगा रहता है। इसके अलावा उक्त कर्मचारी अवैध रूप से मच्छली पालन करने वाले लोगों को पैसे लेकर पानी बेचा जाता है। मछली पालन वाले लोग यहां आकर अपने कैंटर में पानी भरवा कर ले जाते है, जिनसे कर्मचारी द्वारा 250 से 300 रुपये प्रति कैंटर लिए जाते है। इससे मच्छली पालन को अपनी मच्छलियों को जीवित रखने में मदद मिलती है, ताकि वे समय पर मच्छलियों को बाजार तक पहुंचा सके। सफीदों में इससे पहले भी तांत्रिक बाबा व ढोंगियों द्वारा महिलाओं को झांसे में लेकर ठगी करने के कई मामले सामने आए है। गत दिनों पुरानी अनाज मंडी के पास ही अशोक शास्त्री नामक व्यक्ति ने वार्ड नंबर 11 निवासी महिला से लाखों रुपए के जेवरात ठगने का मामला समाने आया था। पुलिस को दी शिकायत में महिला के पति मदन ने बताया था कि उसकी पत्नी साधना देवी को बहकाकर जेवर दोगुने करने का झांसा दिया। जिसके लिए उससे पानी का लोटा मंगवाया और सोने के करीब 18-20 तोले जेवर भी मंगवा लिए। उसने कहा कि आप इस थैली को तीन-चार घंटे के बाद खोलना। जब खोला तो जेवर नकली पाए, असली जेवर लेकर ढोंगी ज्योतिषी फरार हो गया। 
क्या कहना है कर्मचारी का 
कर्मचारी ओमप्रकाश ने बताया कि चिमटा, मोगर, त्रिशूल आदि सभी सामान उसके द्वारा की जाने वाली पूजा में काम आता है। वह कोई तांत्रिक कार्य नहीं करता है। उसने बताया कि यह कमरा उसने आराम करने के लिए बनाया हुआ है, जिसकी जानकारी अधिकारियों को भी है। इसके अलावा पानी के बदले लोग स्वयं ही दानपात्र मेें पैसे डालते है और कई बार मुझे भी दे देते है। जिसे मैं दानपात्र में डालकर गोशाला में दे देता है। 
क्या कहना है एसई का 
जनस्वास्थ्य विभाग के एसई उमेश भारद्वाज ने कहा कि यह मामला उनकी संज्ञान में नहीं है। ऐसे कार्यों को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। कर्मचारी द्वारा बनाए गए कमरे के बारें में भी उन्हें नहीं पता है, मै इसकी जांंच कर उचित कार्रवाई करूंगा। सरकारी जगह पर ऐसे कार्यों को कोई भी अधिकारी इजाजत नहीं दे सकता है।

हरियाणवी गीतों पर झूमे दर्शक

दीवान बाल कृष्ण रंगशाला में हुआ आकर्षक लाइट एंड साडंड कार्यक्रम
कन्या महत्ता को लेकर नाटक प्रस्तुत किया 

जींद 
जिला सांस्कृतिक समन्वय समिति द्वारा स्थानीय दीवान बाल कृष्ण रंगशाला में शनिवार की रात को आयोजित कार्यक्रम का लोगों ने खूब लुत्फ उठाया। रात को सात बजे शुरू हुआ यह कार्यक्रम लगभग अढ़ाई घंटे तक चला। कार्यक्रम में सीमा गिल व किरण गिल ने हरियाणवी गीतों पर शानदार नृत्य किया। हरियाणवी धमाल नृत्य पर लोगों ने खूब तालियां बजाई। हरियाणा लोक परिधान में कलाकारों ने एक से बढ़ कर एक सांस्कृतिक प्रस्तुति रखी। कार्यक्रम में कलाकारों ने पति-पत्नी के बीच घर में अक्सर छोटी-छोटी बातों को लेकर होने वाली तकरार को बहुत ही आकर्षक तरीके से पेश कर श्रोताओं की खूब तालियां बटोरी। 

लोक नृत्य धमाल, लाइट एंड साउंड का यह कार्यक्रम हरियाणवी संस्कृति से ओत-प्रोत रहा। रोजी नामक छोटी कलाकार ने लोक नृत्य पेश कर दर्शकों का खूब मनोरंजन किया। कार्यक्रम में बांसुरी पर मीठी-मीठी धुनें भी श्रोताओं द्वारा खूब सराही गई। कार्यक्रम में नाटक के माध्यम से कलाकारों ने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का संदेश प्रभावी तरीके से दिया। मां के गर्भ में कन्या भ्रूण हत्या करवाने का सीन काफी मार्मिक रहा। दादी मां पोते की चाहत में बेटी को जन्म देने वाली मां को कई तरह से यातनाएं देती है। नवजात बच्ची को उसका मामा अपने घर ले जाता है। वहीं बच्ची बड़ी होकर डाक्टर बन जाती है। जब उस बच्ची का पिता सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो जाता है तो वही लड़की अपना खून दान कर और अपने डाक्टरी पेशे का दायित्व निभाते हुए इलाज कर उस बुजुर्ग की जान बचा लेती है। इस पूरे सीन को कलाकारों द्वारा जीवंत कर इसे मार्मिक तरीके से पेश किया और कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को बेटी के महत्व को समझने के लिए मंथन करने पर मजबूर कर दिया। 

अतिरिक्त उपायुक्त धीरेंद्र खडगटा ने सांस्कृतिक कार्यक्रम में बतौर मुख्यअतिथि शिरकत की। उन्होंने कहा कि हमारी लोक संस्कृति महान है। यहां हर मौके के त्यौहार हैं। विभिन्न अवसरों पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में एक संदेश भी छिपा होता है। वहीं हमें हमारी स्मृद्ध लोक संस्कृति के दर्शन भी होते हैं तथा लोगों का मनोरंजन भी होता है। सामाजिक बुराइयों से दूर रहने का संदेश ऐसे नाटकों से चिर स्थायी प्रभाव छोड़ जाता है। उन्होंने कहा कि जिला में लोगों का मनोरंजन करने और लोक विधाओं को समझने का अवसर उपलब्ध करवाने के लिए डीसी अमित खत्री की अध्यक्षता में जिला सांस्कृतिक समन्वय समिति बनाई गई है। समिति द्वारा वर्षभर का सांस्कृतिक कैलेंडर तैयार किया गया है। जिसके तहत हर महीने के दूसरे व चौथे शनिवार को दीवान बाल कृष्ण रंगशाला में सांस्कृतिक कार्यक्रम करवाए जा रहे हैं। कार्यक्रम में जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी सूबे सिंह ने एडीसी का स्वागत किया और बताया कि लोक संपर्क विभाग द्वारा सरकार के तीन साल पूरे होने पर विशेष प्रचार अभिायान चलाया जा रहा है। इसमें विभाग द्वारा सूचीबद्ध किए गए ग्रामीण क्षेत्र के लोक कलाकारों को कार्यक्रम दिए गए हैं। जो गांवों में जाकर लोगों को जागरूक कर रहे हैं। इसकी एवज में उन्हें सरकार द्वारा निर्धारित पारिश्रमिक भी दिया जाता है। सरकार का उद्देश्य है कि ऐसे लोक कलाकारों को जहां अपनी विधा का प्रदर्शन करने का मौका मिलेगा वहीं उन्हें अल्पकालीन रोजगार भी उपलब्ध होगा। इस मौके पर सांस्कृतिक समन्वय समिति के सदस्य डा. पवन आर्य, डा. हनीफ खान उपस्थित रहे। 


गौपाष्टमी पर गौमाता पूजन किया



गाय की महत्ता अपरमपार : इंद्र देव मुनी


जींद 
बाबा सुखदेव मुनि गौशाला समिति नौगामा ढाणी (रामगढ़) गौपाष्टमी पर्व पर गौमाता पूजन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। गौशाला में बाबा सुखदेव मुनि के शिष्य इंद्र देव मुनी ने गौमाता की महिमा के बारे में गौभक्तो को बताते हुए कहा की गौमाता में सभी देवी देवता निवास करते हैं। गौमाता का दूध अमृत के समान है। हम सभी को गाय का दूध पीना चाहिए जिससे हमारी बुद्धि व शरीर स्वस्थ रहेंगें। गौमूत्र एवं गोबर औषधी है जिसका उपयोग करने से बहुत सी बीमारियां ठीक होती हैं।  उन्होंने कहा कि गौमाता प्राण वायु छोड़ती है और अगर इसकी पूर्ण उपयोगिता हम समझें तो पूरे जीवन में गौमाता करोड़ों रुपयों का पंचगव्य हमें देती है। गौमाता  वैतरणी पार करवाने व मोक्ष का द्वार खोलने वाली है। इस अवसर पर गौशाला से मा. हरपाल, संयोजक हवा सिंह, उपप्रधान डा. राजसिंह, महावीर यादव, सचिव रामेहर, विनोद कुमार, राकेश कुमार, दीपक, अनिल लाठर, मनोज शर्मा, नरेंद्र अत्री आदि मौजूद रहे। 
भगवान ने सृष्टि का निर्माण किया और मनुष्य को सब कुछ दिया 
अखिल भारतीय सोह्म महामंडल शाखा जींद के तत्वावधान में चल रहे विराट सम्मेलन एवं श्रीमद् भागवत कथा के प्रथम दिवस पर श्रोताओं को संबोधित करते हुए महामंडलेश्वर स्वामी शिव चेतन महाराज ने कहा कि भगवान ने सृष्टि का निर्माण किया और मनुष्य को सब कुछ दिया है लेकिन वह उसका उपयोग सही ढंग से नहीं कर पाता है। यही कारण है कि वह जीवन भर दुखी रहता है। उसके दुख की वजह भौतिक साधनों की कमी नहीं हैं बल्कि स्वभाव है। महामंडेलश्वर शुकदेवानंद महाराज ने गोपाष्टमी के पावन पर्व पर गौमाता की महिमा का वर्णन किया। गौ के द्वारा जिन रोगों का निवारण होता है उसकी भी चर्चा की। सोह्म पीठाश्वर स्वामी सत्यानंद महाराज ने भगवान की व्यापकता बताते हुए कहा कि परमात्मा का परमत्त्व शुद्ध मन से ही इस प्रकार जाना जा सकता है कि इस संसार में एकमात्र पूर्ण ब्रह्म परमात्मा ही परिपूर्ण है। सबकुछ उन्हीं का स्वरूप है यहां परमात्मा से भिन्न कुछ भी नहीं है। जो यहां विभिन्नता झलक देखता है वह मनुष्य मृत्यु से मृत्यु को प्राप्त होता है अर्थात बार-बार जन्मता मरता रहता है। वह अपने जीवन को बर्बाद कर लेता है। उन्होंने कहा कि हमें बड़ी कठिनता से यह देव दुर्लभ जीवन प्राप्त हुआ है तो हमें उसे सार्थक करना चाहिये। साथ ही मानव जीवन जीने के बहुमूल्य सूत्र भी प्रदान किए। सम्मेलन में ही पधारे संत स्वामी ज्ञानानंद, स्वामी प्रीतमदास, स्वामी रामानंद, स्वामी नारायणानंद आदि सन्तों ने भी श्रद्धालुओं को संबोधित किया। 
पंचकुंडीय महायज्ञ के शुभारंभ पर निकाली शोभा यात्रा 
स्थानीय भिवानी रोड स्थित भगवद् भक्ति आश्रम में आश्रम के संस्थापक स्वामी परमानंद महाराज के आर्शीवाद से विश्व शांति हेतू पंचकुंडीय गायत्री महायज्ञ रविवार से शुरू हुआ। रविवार सुबह स्थानीय सदाव्रत से विशाल कलश यात्रा निकाली गई। कलशयात्रा में 1100 महिलाओं ने भाग लिया। कलशयात्रा शुरू करने से पूर्व यहां सदाव्रत में कलश पूजन किया गया और पूर्ण विधि-विधान से पूजा कर कलश यात्रा को शुरू किया गया। इस अवसर पर सदाव्रत के प्रधान महेश सिंगला, घनश्याम गर्ग, अश्वनी सिंगला, आरएसएस के ईश्वर गर्ग, राजकुमार गर्ग, महावीर सिंगला, मुख्याध्यापक अशोक कुमार, राजेश भारद्वाज, रामभगत, रामअवतार सिंगला समेत सैकड़ों लोग मौजूद थे।
कलशयात्रा यहां सदाव्रत से शुरू होकर पालिका बाजार, सिटी थाना, टाउन हाल होते हुए भिवानी रोड पर पहुंची। इस कलश यात्रा में आकर्षक झांकियां भी थी, जिसने दर्शकों व श्रद्धालुओं का मन मोह लिया। कलशयात्रा के श्री भगवद् भक्ति आश्रम पहुंचने पर आश्रम के श्रद्धालुओं ने कलश यात्रा का स्वागत किया और उसके बाद पंचकुंडीय गायत्री महायज्ञ शुरू हुआ। चार नवंबर तक चलने वाले इस कार्यक्रम में प्रतिदिन देव पूजन प्रात: आठ बजे किया जाएगा और हवन 10 बजे होगा। हर रोज सायं चार से छह बजे तक हरि संकीर्तन का आयोजन किया जाएगा। चार नवंबर को पूर्णाहुति व भंडारे का आयोजन होगा। श्री भगवद् भक्ति आश्रम में यह कार्यक्रम हर साल आयोजित किया जाता है। इस कार्यक्रम में श्री भगवद् भक्ति आश्रम के हरिद्वार, हिमाचल, कैथल, रेवाड़ी जिले के श्रद्धालु भी सम्मलित होते हैं।

बागवानी विभाग किसानों को उपलब्ध करवाएगा रिक्शा

फसल मंडी तक पहुंचाने में लाभकारी सिद्ध होगा रिक्शा
बागवानी विभाग द्वारा रिक्शा खरीद पर दिया जाएगा 50 प्रतिशत अनुदान

जींद 
किसानों को अपनी फसल मंडी तक पहुंचाने के लिए किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो इसके लिए बागवानी विभाग द्वारा किसानों को तिपहिया रिक्शा उपलब्ध करवाया जा रहा है। इस रिक्शे पर विभाग द्वारा किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान भी दिया जा रहा है। फिलहाल विभाग के पास इन रिक्शों को खरीदने के लिए 69000 रुपये का बजट आया है। एक रिक्शा की कीमत विभाग द्वारा 13,800 रुपये निर्धारित की है और इस पर 50 प्रतिशत अनुदान दिए जाने के बाद इसकी कीमत मात्र 6900 रुपये ही रह जाती है जोकि किसानों के बजट में है। 
किसानों को अपनी फसल मंडी तक पहुंचाने के लिए निजी वाहनों का प्रयोग करना पड़ता है। जिसके चलते फसल को मंडी तक पहुंचाने के लिए किसानों पर किराये के रूप में आर्थिक बोझ बढ़ जाता है। ऐसे में बागवानी विभाग ने किसानों को फसल मंडी तक पहुंचाने के लिए रिक्शा उपलब्ध करवाए जाने का निर्णय लिया है। रिक्शा तिपहिया है और इसे लेने के लिए बस अड्डा के सामने स्थित बागवानी विभाग कार्यालय में संपर्क करना होता है। यहां अधिकारियों द्वारा किसान को रिक्शा के बारे में जानकारी दी जाती है। 
50 प्रतिशत दिया जाता है अनुदान 
बागवानी विभाग द्वारा किसानों को जो रिक्शा उपलब्ध करवाई जाएगी उस पर विभाग द्वारा 50 प्रतिशत अनुदान भी दिया जाएगा। बाजार में एक रिक्शा की कीमत 13800 रुपये है। इस रिक्शा का खरीद बिल किसान द्वारा विभाग को मुहैया करवाना होगा। जिस पर विभाग द्वारा किसान को 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा और अनुदान मिलने के बाद रिक्शा की कीमत मात्र 6900 रुपये ही रह जाएगी। अबतक तीन किसानों ने इस रिक्शा के लिए आवेदन किया है और उन्हें यह रिक्शा मुहैया भी करवा दी गई है। 
तिपहिया रिक्शा किसानों के लिए लाभदायक : ढांडा
जिला उद्यान अधिकारी रविंद्र ढांडा ने बताया कि विभाग द्वारा जो रिक्शा किसानों को उपलब्ध करवाई जा रही है वह किसानों के लिए बेहद लाभदायक है। इस रिक्शा से किसान अपनी फसल को मंडी तक आसानी से पहुंचा सकता है और उस पर किराये का बोझ भी नहीं पड़ता है। विभाग द्वारा इस रिक्शा की कीमत पर किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान भी दिया जा रहा है जिससे इस रिक्शा की कीमत मात्र 6900 रुपये रह जा रही है जोकि किसानों के बजट में भी है। किसान रिक्शा के लिए विभाग के पास आवेदन कर सकता है। 

डेंगू के प्रकोप को लेकर स्वास्थ्य विभाग सकर्त

वायरल बुखार से पीडि़त लोग पहुंच रहे अस्पताल
डेंगू पीडि़त लोगों की संख्या 41 पहुंंची

जींद 
जींद में एक बार फिर डेंगू ने पांव पसार दिए हैं। इसका सबसे बड़ा कारण मौसम में बदलाव साबित हो रहा है। हालांकि दो साल तक जींद जिला डेंगू के डंक से बचा रहा लेकिन मौजूदा सीजन में वायरल बुखार और डेंगू फिर से फैल रहा है और हर व्यक्ति इसकी जद में आ रहा है।  शनिवार को डेंगू से पीडि़त एक व्यक्ति की हिसार के निजी अस्पताल में मौत हो गई तो स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। हलाांकि स्वास्थ्य कर्मचारी पिछले तीन-चार माह से लोगों को मौसमी बीमारियों से जागरूक करने को लेकर अभियान भी चलाए हुए हैं लेकिन बावजूद इसके मौजूदा सीजन में डेंगू पीडि़त लोगों की संख्या 41 तक जा पहुंची है। 
हर दिन बढ़ रही वायरल बुखार से पीडि़त लोगों की संख्या
अचानक हुए मौसम में बदलाव से नागरिक अस्पताल में आए दिन उपचार के लिए वायरल बुखार से पीडि़त लोग पहुंच रहे हैं। जींद शहर में ऐसा कोई ही घर होगा जिसका कोई ना कोई व्यक्ति वायरल बुखार की चपेट में ना आया हो। पिछले दो दिनों में ही आठ डेंगू के पॉजिटीव मामले सामने आए हैं। जिसके चलते अब तक डेंगू पीडि़तों की संख्या बढ़कर 41 तक जा पहुंची है। इसके साथ ही हकीकत नगर निवासी दर्शनलाल (65) का का टेस्ट डेंगू पॉजिटीव पाए जाने पर परिजनों द्वारा उसे हिसार के निजी अस्पताल में उपचार के लिए ले जाया गया था जहां पर उपचार के दौरान शनिवार को दर्शनलाल की मौत हो गई। स्वास्थ्य विभाग को उम्मीद थी कि तापमान गिरावट के साथ ही डेंगू का दंश भी कमजोर हो जाएगा लेकिन अभी तक ऐसा कुछ नहीं हुआ। 
स्वास्थ्य विभाग के अभियान हुए नाकारा साबित 
लोगों को मौसमी बीमारियों से बचाने को लेकर स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने डोर टू डोर सर्वे किया था और डेंगू का लारवा पाए जाने पर कुछ लोगों को जुर्माना भी लगाया था। इसके अलावा कालोनी दर कालोनी लोगों के खून के सैंपल लेकर उन्हें जांच के लिए भेजे गए थे लेकिन जागरूकता अभियान चलाए जाने के बाद भी अबकी बार जिला में डेंगू पॉजिटीव के मामले बढ़ते जा रहे हैं। वर्ष 2015 में तो डेंगू पॉजिटीव का आंकड़ा 300 पार हो गया था। 
क्या हैं लक्ष्ण
स्वास्थ्य विभाग के डिप्टी सीएमओ डा. राजेश भोला ने बताया कि मादा एनाफि लीज मच्छर के काटने से जहां मलेरिया रोग होता है वहीं पर एडीज मच्छर से व्यक्ति डेंगू का शिकार होता है। जबकि क्यलैकस मच्छर से जापानी बुखार होता है। डेंगू फीवर एक वायरल बीमारी है। जोकि डेंगू वायरस से होती है। यदि एक बार व्यक्ति को डेंगू होने के बाद दोबारा डेंगू होता है तो यह उस व्यक्ति के लिए घातक सिद्ध होती है। डेंगू मादा जाति के ऐडीस एजिप्टी मच्छर के काटने से होता है। संक्रमित मच्छर के काटने के तीन से १४ दिनों बाद डेंगू फीवर के लक्ष्ण दिखने शुरू होते हैं। तेज ठंडी लगकर बुखार आना, सरदर्द, आंखों में दर्द, बदन दर्द, जोड़ों में दर्द, भूखकम लगना, जी मचलाना, उलटी-दस्त लगना, चमड़ी के नीचे लाल चट्टे आना डेंगू के लक्ष्ण है। 
डेंगू से बचाव के उपाय 
डिप्टी सिविल सर्जन डा. राजेश भोला ने बताया कि डेंगू का मच्छर अक्सर दिन के समय काटता है। घर के अंदर और आस-पास पानी जमा न होने दें। कोई भी बर्तन में खुले में पानी न जमने दें। बर्तन को खाली कर रखें या उसे उलटा कर कर रख दें। अगर आप किसी बर्तन, ड्रम या बाल्टी में पानी जमा कर रखते हैं तो उसे ढक कर रखें। अगर किसी चीज में हमेशा पानी जमा कर रखते हंै तो पहले उसे साबुन और पानी से अच्छे से धो लेना चाहिए, जिससे मच्छर के अंडे को हटाया जा सके। घर में कीटनाशक का छिड़काव करना चाहिए। बुखार होने पर मरीज को तुरंत अपने नजदीकी स्वास्थ्यकर्मी और चिकित्सक की सहायता ली जानी चाहिए। मरीज को सबसे पहले अपने खून की जांच अवश्य कावानी चाहिए। यदि प्रत्येक व्यक्ति थोड़ी सी सावधानी बरते तो वह अपने आप और अपने परिवार के अलावा आस-पडोस में रहने वाले व्यक्तियों को इन रोगों से बचा सकता है। 
22 बीमार लोगों के लिए खून के सैंपल
जिले में डेंगू के मरीजों की बढ़ रही संख्या को लेकर स्वास्थ्य विभाग गंभीर हो गया है। रविवार को स्वास्थ्य कर्मियों ने छुट्टी के बावजूद फील्ड में जाकर बीमार लोगों के स्वास्थ्य की जांच की और 22 बीमार लोगों के खून के सैंपल जांच के लिए भेजे। अर्बन एस्टेट कालोनी में मिले डेंगू के लारवा को स्वास्थ्य कर्मियों ने अपना उपस्थिति में नष्ट करवाया। स्वास्थ्य विभाग जिले में डेंगू के बढ़ते रोगियों की संख्या पर नियंत्रण करने के लिए चौकन्ना है। स्वास्थ्य कर्मियों ने शहर की विभिन्न कालोनियों में बुखार से पीडि़त 22 लोगों के  खून के नमूने लेकर जांच के लिए भिजवाए। स्वास्थ्य निरीक्षक राममेहर वर्मा ने बताया कि डेंगू एडीज नाम मच्छर के काटने से फैलता है और इस बुखार मे मरीज को तीव्र बुखार, अत्याधिक शरीर दर्द तथा सिर में दर्द होता है और डेंगू की जांच मच्छर के काटने से तीन से चार दिन बाद करने से इस बीमारी का पता चलता है। उन्होंने बताया कि यदि डेंगू से प्रभावित किसी मरीज के काटने के बाद एडीज नामक मच्छर स्वच्छ व्यक्ति को काटता है तो उसको भी डेंगू होने की आंशका बढ़ जाती है। इस अभियान में स्वास्थ्य कर्मी अमरजीत, जगदीप, ओमप्रकाश, सुमन, मंजू, ज्योति, शर्मिला देवी, सविता, गुरनाम सिंह, पवनकुमार, मुकेश कुमारी, प्रदीप शर्मा, राजरानी, सोनिया मलिक, मुकेश रानी आदि मौजूद रहे।  
अर्बन एस्टेट कालोनी में मिला लारवा
अर्बन एस्टेट कालोनी के कई मकानों के सामने पशुओं के लिए रखे गए पानी के ड्रम में डेंगू का लारवा स्वास्थ्य कर्मियों को मिला। जहां पर भी डेंगू का लारवा मिला स्वास्थ्य विभाग की टीम ने तुरंत ड्रम को खाली करवाकर लारवा को नष्ट कर दिया गया। 
डेंगू पर नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट : दहिया
सिविल सर्जन संजय दहिया ने कहा कि जिले में डेंगू की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग हर संभव कदम उठाएगा। दवाइयों के अभाव में किसी भी मरीज को परेशानी नहीं आने दी जाएगी। 
क्या कहना है सीएमओ का 
सीएमओ डा. संजय दहिया ने बताया कि डेंगू तथा वायरल बुखार को लेकर स्वास्थ्य अधिकारियों तथा कर्मचारियों को विशेष दिशा-निर्देश दिए गए हैं। स्वास्थ्य कर्मचारी शहर तथा ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर लोगों को मौसमी बीमारियों से बचाव की जानकारी दे रहे हैं। इसके साथ ही अस्पताल में आने वाले वायरल बुखार से पीडि़त मरीज को हर संभव सहायता व दवाएं भी मुहैया करवाई जा रही है। 

Saturday, 28 October 2017

जिले में डेंगू का दंश हुआ तीखा, एक की मौत

 कुल मिले 41 पॉजिटीव, दो दिन में संख्या हुई आठ

डेंगू पीडि़त की मौत से स्वास्थ्य विभाग में मचा हड़कंप
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने इलाके में पहुंच किया सर्वे
वर्ष 2016 में आए थे 300 से ज्यादा डेंगू पॉजिटीव 

जींद

जिले में दो साल के बाद एक बार फिर डेंगू ने पांव पसारने शुरु कर दिए हैं। जबकि वायरल का प्रकोप भी जबरदस्त फैला हुआ है। शनिवार को डेंगू पीडि़त व्यक्ति की मौत से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। मौजूदा सीजन में डेंगू पीडि़त लोगों की संख्या 41 तक जा पहुंची है। व्यक्ति की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने पटियाला चौंक इलाके के हकीकत नगर का दौरा किया और लोगों को डेंगू से बचने के तौर तरीके भी बताए। वर्ष 2015 में डेंगू पॉजिटीव का आंकड़ा 300 पार हो गया था। एक बार फिर जिले में डेंगू का दंश लगातार तीखा होता जा रहा है। हर रोज डेंगू पॉजिटीव मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। पिछले दो दिनों में आठ डेंगू पॉजिटीव के मामले सामने आए हैं। जिसके चलते अब तक डेंगू पीडि़तों की संख्या बढ़कर 41 तक जा पहुंची है। स्वास्थ्य विभाग को उम्मीद थी कि तापमान गिरावट के साथ ही डेंगू का दंश भी कमजोर हो जाएगा लेकिन अभी तक ऐसा कुछ नहीं हुआ। स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने डोर टु डोर बकायदा सर्वे किया था और डेंगू का लार्वा पाए जाने पर कुछ लोगों को जुर्माना भी लगाया था और साथ में बचाव के तौर तरीके भी बताए थे। बावजूद इसके डेंगू पॉजिटीव के मामले बढ़ते जा रहे हैं। जिन क्षेत्रों में डेंगू के मरीज मिले हैं, वहां पर फोगिंग के कार्य में तेजी आएगी। 

सामान्य अस्पताल में स्थापित की गई है लैब तथा आईसोलेशन वार्ड
वर्ष 2015 में डेंगू पॉजिटीव के मामले लगातार सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने सामान्य अस्पताल में स्पेशल लैब की स्थापना की थी। मरीजों की अच्छी खासी संख्या को देखते हुए आईसोलेशन वार्ड भी बनाया गया है। स्पेशल लैब न होने के कारण निजी लैबों में जांच करवाई जा रही थी या फिर मरीजों को दूसरे बड़े शहरों में जाना पड़ रहा था। सामान्य अस्पताल में लैब के स्थापित होने से टेस्ट सामान्य अस्पताल में हो रहे हैं। सबसे बड़ा फायदा यह है कि टेस्ट के बाद उसी दिन मरीज को रिपोर्ट मिल जाती है। 
हकीकत नगर में डेंगू पीडि़त की हुई मौत
हकीकत नगर निवासी दर्शनलाल (65) को 21 अक्टूबर को बुखार के चलते सामान्य अस्पताल में भरती करवाया गया था। सैंपल लेने के बाद दर्शनलाल का टेस्ट डेंगू पॉजिटीव आया था। जिस पर परिजन उसे हिसार के निजी अस्पताल में ले गए। जहां पर उपचार के दौरान शनिवार को दर्शनलाल की मौत हो गई। जिसकी पुष्टि सिविल सर्जन डा. संजय दहिया ने की है। 
सामान्य अस्पताल के सिविल सर्जन डा. संजय दहिया ने बताया कि हकीकत नगर में डेंगू से एक व्यक्ति की मौत हुई है। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने इलाके का सर्वे किया है। बुखार पीडि़त लोगों का स्वास्थ्य जांचा जा रहा है। डेंगू से निपटने के लिए हरसंभव कदम उठाए गए हैं। साथ ही उन्होंने लोगों से भी एतिहात बरतने की अपील की है। 
डेंगू के बढ़ते प्रकोप को लेकर स्वास्थ्यकर्मियों ने चलाया अभियान
डेंगू के बढ़ते मामलों के मध्यनजर स्वास्थ्य विभाग की टीमों द्वारा शनिवार को शहर की विभिन्न कालोनियों में घर-घर जाकर लोगों को डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया बुखार के लक्ष्ण, कारण व बचाव की जानकरी दी गई और बुखार से पीडि़त 17 लोगो के खून के नमूने लेकर जांच के लिए भेजे। इस अवसर पर स्वास्थ्यकर्मियो ने घरों मे कूलर, पानी टंकियो की भी जांच की ताकि डेेंगू व मलेरिया का लारवा पैदा होने से पहले ही नष्ट किया जा सके। स्वास्थ्य निरीक्षक राममेहर वर्मा व रामकुमार की अगुवाई मे स्वास्थ्य कर्मियों ने मुख्य रूप से हकीकत नगर पटियाला चौंक और उसके आसपास के ईश्वर नगर, पटेल नगर, सावित्री नगर मे जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को अपने घरो के आसपास साफ सफाई रखने के लिए प्रेरित किया। सिविल सर्जन डा. संजय दहिया ने डेंगू के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यदि किसी व्यक्ति को बुखार आ रहा है तो ऐसी स्थिति मे मरीज को तुरंत अपने नजदीकी स्वास्थ्यकर्मी व चिकित्सक की सहायता लेने और अपने खून की जांच करवाने की आवश्यकता होती है। उन्होंने बताया गया कि नागरिक अस्पताल में डेंगू की जांच सहित सभी आवश्यक सुविधाएं जनता को प्रदान की जा रही हंै। डा. दहिया ने बताया कि यदि व्यक्ति थोड़ी सी सावधानी बरते तो वह अपने आप व अपने परिवार के अलावा अपने पड़ोसी को इन रोगों से बचा सकता है। जिला में डेंगू के बढ़ते मामलो को देखते हुए स्वास्थ्यकर्मियों को जागरूकता अभियान लगातार जारी रखने के आदेश दे दिए हंै ताकि जनता को समय पर स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त हो सकें। इस मौके पर स्वास्थ्यकर्मी प्रदीप शर्मा, ओमप्रकाश, सुमन रानी, सीता देवी, जगदीप, अमरजीत, गुरनाम सिंह, राजरानी, राधा रानी, उर्मिला देवी, पवन कुमार, आदि मौजूद रहे। 
सफीदों नागरिक अस्पताल में नहीं डेंगू जांच व इलाज की कोई सुविधा
भले ही स्वास्थ्य विभाग का अमला यह कहता ना थक रहा हो कि सफीदों क्षेत्र में डेंगू का कोई मामला नहीं है लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि सफीदों क्षेत्र में डेंगू ने अपने पूरे पैर पसार रखे हैं। क्षेत्र का कोई गली या मौहल्ला मौहल्ला नहीं है जहां पर डेंंगू के मरीज ना हों। लोगों के हाथों में ड्रिप लगी देखी जा रही है। नगर के हर प्राईवेट अस्पताल, टैस्ट लैब व मेडीकल स्टोरों पर ईलाज व दवाई लेने वाले मरीजों व उनके परिजनों की भारी भीड़ जमा है। नीजि अस्पतालों में मरीजों को इलाज के एक लंबा इंतजार करना पड़ रहा है और किसी मरीज को जरा भी ज्यादा दिक्कत नजर आती है तो उसे बाहर किसी बड़े शहर में ले जाने की बात कह दी जाती है। इस सब के बावजूद स्वास्थ्य विभाग सफीदों के डेंगू व बुखार के निपटने के इंतजाम नंगण्य हैं। एक सरकारी तौर पर जारी पै्रस विज्ञप्ति में पिछले दिनों हाट गांव में फैले वायरल बुखार की स्थिति जांचने पहुंचे एसएमओ डा. कुलदीप राणा ने कहा था कि सभी निजी हॉस्पिटल, क्लीनिक और लैब को डेंगू जांचने पर तुरंत प्रभाव से पाबन्दी लगा दी गयी है और सरकारी संस्थानों के अलावा किसी को भी इस प्रकार के टेस्ट करने की इजाजत नहीं है। इसके अलावा कोई भी प्राइवेट क्लीनिक अथवा लैब संचालक बिना सरकारी इजाजत के डेंगू बुखार घोषित नहीं कर सकता, ऐसा करते पकड़े जाने पर संबंधित क्लीनिक अथवा लैब पर सख्त कानूनी कार्रवाही अमल में लाई जाएगी। इसके अलावा प्राइवेट क्लीनिक में जाने की बजाए सरकारी पीएचसी, सीएचसी अथवा सामान्य अस्पताल में जांच करवाने की बात कही गई थी। सरकारी तंत्र की ओर से घोषणा तो कर दी गई लेकिन उसके लिए इंतजाम कुछ भी नहीं किए गए। सफीदों के गांवों की तो बात दूर नगर के नागरिक अस्पताल में भी डेंगू जांचने व उसके इलाज की कोई भी सुविधा नहीं है। शनिवार को मरीज नगर के सामान्य अस्पताल में डेंगू के टैस्ट के लिए पहुंचे लेकिन उनको प्रयोगशाला में बताया गया कि इस अस्पताल में डेंगू जांच के लिए कोई सुविधा नहीं है और यह सुविधा केवल और केवल जींद के सामान्य अस्पताल में ही है। अगर डेंगू का टैस्ट करवाना है तो जींद ही जाना होगा। जिसको लेकर मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा। सवाल यह है कि क्या बिना सुविधा व केवल बातों से ही क्षेत्र में डेंगू जैसी बीमारी पर काबू पा लिया जाएगा। हालात ये हैं कि सुविधाओं के अभाव में मरीजों को मजबूरन नीजि अस्पतालों व टैस्ट लैबों की शरण लेनी पड़ रही है। मौके लाभ उठाकर इलाज व टैस्ट के नाम पर मोटी रकम मरीजों से ली जा रही है। स्थिति यह है कि साधन संपन्न आदमी तो अपने मरीज को इलाज के लिए लेकर जींद या कहीं अन्यत्र बड़े नगर में ले जाएगा या ले जा रहा है लेकिन विडम्बना तो यह है गरीब आदमी आखिर कहां पर जाए? पैसों के अभाव में उसके पास कोई विशेष साधन उपलब्ध नहीं है। उसे कहीं ना कहीं से पैसों का जुगाड़ करके अपने मरीज का इलाज करवाना पड़ रहा है। डेंगू का भय क्षेत्र में कायम है और बुखार होने की स्थिति में डेंगू का भय और अधिक बढ़ जाता है। परिजन मरीज को अस्पताल में लेकर जाते हैं तो सबसे पहले डेंगू का टैस्ट करवाने की सलाह दी जाती है और मात्र टैस्ट करवाने में ही मोटी रकम खर्च हो रही है। लोगों की मांग है कि सरकार व स्वास्थ्य विभाग की ओर से सफीदों के सामान्य अस्पताल में ही डेंगू जांच, उसके इलाज, अलग से वार्ड व डाक्टरों की सुविधा होनी चाहिए ताकि लोगों को इधर-उधर धक्के ना खाने पडे। इसके अलावा नगर में सघन सफाई अभियान व फौगिंग करवाने की आवश्यकता है।
इस मामले में एसएमओ सफीदों डा. कुलदीप राणा का कहना है कि सफीदों नागरिक अस्पताल में डेंगू इलाज की सुविधा नहीं है। डेंगू की जांच के लिए जींद सामान्य अस्पताल के कमरा नंबर 24 में सुविधा दी गई है। मरीज जींद जाकर डेंगू की जांच करवा सकता है।

प्रभात फेरी में श्रद्धालुओं ने की वाहेगुरु की जयकार

गुरु नानक देव के जन्मदिवस के उपलक्ष में निकाली प्रभात फेरी

नरवाना
बीरबल नगर में पंजाबी समुदाय के लोगों ने गुरु नानक देव के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में प्रभात फेरी निकाली। आयोजन बठला परिवार की तरफ से किया गया। राजू बठला ने बताया कि यह प्रभात फेरी उनके घर शुरू होकर पूरे बीरबल नगर से होती ही वापस उनके घर पहुंची। यहां पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें गुरु नानक देव के जीवन पर प्रकाश डालते हुए लोगों को उनके जीवन क ो आदर्श मान कर समाज सेवा के लिए प्रेरित किया गया। उन्होंने बताया कि प्रभात फेरी के दौरान भी लोगों को गुरू नानक देवी द्वारा किए गए सामाजिक कार्यों व उत्थानिक फैसलों को लोगों को तक पहुंचाया गया। बठला ने बताया कि गुरुद्वारे से आए पाठियों ने इस प्रभात फेरी को सफल बनाकर सब को गुरू नानक देव के जन्मदिवस की बधाई दी। इस मौके पर बठला परिवार सहित बीरबल नगर के अन्य लोग मौजूद रहे। 

दीपा महिलाओ को कानूनों के साथ सशक्त करने का काम करेंगी


गुरुग्राम व मेवात के गांवों में चलाएंगी अभियान

जींद
राष्ट्रपति द्वारा गोद लिए गुरुग्राम व मेवात के गांवों में जींद के गांव बीबीपुर की दीपा महिलाओ को कानूनों के साथ सशक्त करने का काम करेंगी। दीपा को यह जिम्मेवारी एक्सप्रैशन इंडिया के साथ मिलकर दी गई है। दीपा ने बताया कि यह उनके लिए बेहतरीन मौका है कि स्मार्टग्राम पहल में उनको महिला अधिकारों के प्रति सशक्त करने के लिए जि़म्मेवारी मिली है। वो इस जिम्मेवारी को निष्ठापूर्ण तरीके से अपने गांव के छह साल के अनुभव का प्रयोग करके निभाएंगी। उन्होंने बताया की बीबीपुर मॉडल की छह साल की कहानी महिलाओ में जोश भरने में सक्षम है जिसमें महिलाओ का चौपाल में पहली बार आना, फिर महिलाओं का पहली बार खाप पंचायत में आना, लड़कियां पैदा होने पर बधाई देनी की अनूठी परम्परा शुरू करना, लड़कियों के नाम से घरों के नाम होना, महिलाओं की खेल प्रतियोगिता आयोजन, बुजुर्गों का रैंप शो इत्यादि अभियानों की बातें भी काफी रुचिकर हैं। उन्होंने बताया कि इन 100 गांवों में 80 गांव गुरुग्राम व 20 गांव मुस्लिम क्षेत्र मेवात के हैं जहां गुरुग्राम की उच्चतम साक्षरता दर होते हुए निम्नतम लिंगानुपात है और मेवात की निम्नतम शिक्षा दर होते हुए उच्चतम लिंगानुपात है लेकिन महिलाओं का शोषण दोनों ही क्षेत्रों में है। घर-घर महिला अधिकार चर्चा मेरा पहला अभियान होगा जिससे उन्हें पता हो सके कि सविंधान ने उनको जो अधिकार दिए हैं, उनका ज्ञान किस प्रकार से उनकी जि़ंदगी बदल सकता है।  आज विश्वभर में महिला अधिकारों का हनन हो रहा है। अत: ग्रामीण परिवेश से यह परिचर्चा शुरू होना एक बेहतरीन कदम है।

किशोर जंक फूड का न करें सेवन : डा. भोला

अहिरका में मनाया गया राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य दिवस 
सही खान-पान देता है शरीर को सही विकास

जींद  
गांव अहिरका में हरियाणा सरकार व स्वास्थ्य विभाग की तरफ  से चलाए जा रहे राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य दिवस कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कंडेला के वरिष्ठ चिकित्सक डा. राजेश भोला ने की। यह कार्यक्रम आने वाले 45 दिनों तक मनाया जाएगा और दिसंबर माह में इसका समापन होगा। डा. भोला ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि कार्यक्रम के दौरान 11 वर्ष से 19 वर्ष तक के बच्चों को इस दौरान होने वाले शारीरिक व मानसिक बदलाव के बारे में प्रशिक्षित किया जाएगा। किशोर अवस्था के दौरान लड़कों में विभिन्न शारीरिक बदलाव होते हैं जिनमें मूंछ-दाढ़ी का आना, आवाज का भारीपन होना व प्रजन्न अंगों में बदलाव होना आता है और इसी तरह से किशोर अवस्था में लड़कियों में छाती में उभार होना, माहवारी शुरू होना व प्रजन्न अंगों में बदलाव होने को लेकर किशोर अवस्था के बच्चों के अंदर जो भ्रांतियां पैदा होती हैं उन्हीं को दूर करने के लिए जागरूक किया जाएगा। किशोर अवस्था के दौरान इस उम्र में ज्यादातर बच्चों को होने वाली एनिमिया की तकलीफ  के बारे में भी अच्छी तरह से बताया गया। इस उम्र में लगभग 40 प्रतिशत लड़कों व 60 प्रतिशत लडकियां को एनिमिया की तकलीफ  होती है जिसको दूर करने के लिए विशेष खानपान, हरी पत्तेदार सब्जियां, गुड़ व चना खाने के लिए प्रेरित किया गया। इसी को लेकर सरकार द्वारा एनिमिया कंट्रोल प्रोग्राम तथा स्कूलों के अंदर राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य दिवस का प्रोग्राम चलाया जा रहा है इसके साथ-साथ बच्चों में अक्सर हो जाने वाले पेट के कीड़ों की बीमारी हो जाती है जो कि किशोर अवस्था के दौरान होने वाले एनिमिया का सबसे बड़ा कारण है। इस बीमारी को खत्म करने के लिए साल में दो बार विश्वकृमि दिवस मनाया जाता है और बच्चों को खाना खाने से पहले व शौच के पश्चात् हाथ साबुन से अच्छी तरह साफ  करने बारे में भी प्रेरित किया गया। बच्चों को यौन संबंधित गुप्त रोग, एचआईवी एड्स को लेकर जो भ्रांतियां हैं उसको दूर करने बारे भी प्रशिक्षित किया गया। उन्होंने बताया कि आगामी दिनों में यह कार्यक्रम डाहौला, घोघिडिया सहित अन्य 18 उप स्वास्थय केंद्रों तथा सरकारी स्कूलों में किया जाएगा और प्रत्येक दिन 100 के करीब बच्चे भाग लेगें और किशोर अवस्था के दौरान होने वाले शारीरिक व मानसिक बदलाव व सही खान-पान को लेकर चर्चा करेंगे। इस दौरान बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, पेड़ लगाओ पर्यावरण बचाओ, टीकाकरण आदि पर स्पीच, पोस्टर व चार्ट मेकिंग की जाएगी और अव्वल रहने वाले बच्चों को स्वास्थ्य विभाग की तरफ से पुरस्कृत भी किया जाएगा। राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य दिवस के दौरान उपस्थित होने वाले बच्चों के स्वास्थ्य की भी जांच की जाएगी। इस मौके पर डा. जतिंद्र, डा. अमित, डा. मोनिका, धर्म सिंह, प्रियंका, सुमन देवी, जोगिंद्र, राजपाल देशवाल आदि मौजूद रहे। 

40 साल पुरानी कालोनी आज भी तरस रही सीवरेज लाइन को

सीवरेज लाइन न डाले जाने से 50 घरों को है परेशानी
नगर परिषद के ओडीएफ के दावे हो रहे हवाहवाई

जींद  
शहर की एक 40 साल पुरानी कालोनी के लोग आज भी सीवरेज लाइन के लिए तरस रहे हैं। हालांकि जिला परिषद द्वारा जींद शहर को ओडीएफ किए जाने के बड़े-बड़े दावे भले ही किए जा रहे हों लेकिन आज भी कृष्णा कालोनी में वार्ड 13 स्थित शमशान घाट वाले रोड पर रहने वाले लोग सीवरेज लाइन के लिए तरस रहे हैं। ऐसे में जिस गली में सीवरेज व्यवस्था ना हो, वहां रहने वाले लोगों को किसी परेशानी से गुजरना पड़ता होगा, इस बात का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि वहां के लोग पूरी तरह से नारकीय जीवन जीने को मजबूर होंगे। कालोनी में बिजली व पेयजल की व्यवस्था है लेकिन सीवरेज की व्यवस्था नहीं है। सीवरेज व्यवस्था को लेकर पार्षद सहित कई बार अधिकारियों को अवगत करवाया जा चुका है लेकिन आजतक इस गली में सीवरेज लाइन नहीं डल पाई है। जिससे कालोनीवासियों में रोष है। 
40 साल पुरानी है कालोनी
कृष्णा कालोनी स्थित शमशान घाट रोड निवासी राजबाला देवी, शीला देवी, प्रतिभा वर्मा, निधि, राजो देवी, राजेश कुमार, रामदिया, सुरेश मिगलानी, प्रवीण कश्यप, नरसी, मोनू, बलबीर शर्मा, पाला राम ने बताया कि कालोनी 40 वर्ष पुरानी है और कालोनी में बिजली तथा पेयजल के कनेक्शन भी दिए गए हैं लेकिन इस रोड पर लगभग 200 मीटर तक सीवरेज लाइन नहीं डाली गई है। जिसके चलते इस परिधि में आने वाले घरों में लोगों को  परेशानी उठानी पड़ रही है। इस गली में लगभग 50 घर हैं, जिसे इस परेशानी से गुजरना पड़ रहा है। एक तरफ तो जिला प्रशासन जींद का ओडीएफ बनाए जाने की बात कह रह है वहीं दूसरी तरफ इस कालोनी में सीवरेज लाइन न होने के चलते मजबूरन यहां के लोगों को खुले में शौच जाना पड़ रहा है। सबसे ज्यादा परेशानी यहां रहने वाली महिलाओं को है। 

अधिकारियों के संज्ञान में लाया जा चुका है मामला

ऐसा नहीं है कि इस बारे में अधिकारियों को ज्ञान ना हो। बाकायदा कालोनीवासियों द्वारा इस बारे में जनस्वास्थ्य विभाग के एसडीओ सहित अन्य अधिकारियों को भी अवगत करवाया गया है लेकिन यहां सीवरेज व्यवस्था नहीं करवाई गई है। कालोनीवासियों ने आरोप लगाया कि ठेकेदार द्वारा इन घरों में रहने वाले लोगों से सीवरेज लाइन बिछाने को लेकर रुपये मांगे जा रहे हैं। अगर कालोनीवासियों को पैसे ही देने हैं तो वो स्वयं सीवरेज लाइन डलवा सकते हैं। ऐसे में कालोनीवासियो की मांग है कि इस परिधि में सीवरेज लाइन डलवाई जाए ताकि महिलाओं, छात्राओं, पुरूषों को शौचादि के लिए बाहर न जाना पड़े और वो भी सरकार के स्वच्छ भारत अभियान में अपनी आहूति डाल सकें। कालोनीवासियों ने जिला प्रशासन से गुहार लगाई कि गली में सीवरेज लाइन बिछवाई जाए। 

Friday, 27 October 2017

हर्षोल्लास के साथ मनाया गया छठ पूजा पर्व

सिरसा ब्रांच नहर पर सूर्य को अर्घ देकर की पूजा अर्चना 
नरवाना : नरवाना की सिरसा ब्रांच नहर पर छठ मैय्या का पूजा पर्व पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। छठ पूजा पर्व के अवसर पर छठ पूजा सेवा समिति नरवाना द्वारा सिरसा ब्रांच नहर पर सूर्य अराधना उत्सव का आयोजन किया गया। यह उत्सव वीरवार की शाम को सूर्य अस्त होने के साथ शुरू हुआ और सोमवार की सुबह सूर्य उदय होने तक जारी रहा। इस उत्सव में भाग लेने के लिए सैकड़ों की तादाद में लोग सिरसा ब्रांच नहर पर एकत्रित हुए। रात के समय लोगों ने यहां जमकर आतिशबाजी की और पूजा अर्चना जारी रखी। वीरवार की शाम  को डूबते हुए सूर्य को अर्घ दिया गया और शुक्रवार सुबह जैसे ही सूर्य उदय हुआ। महिलाओं ने नहर में स्नान करके सूर्य को अर्घ दिया और विधि विधान के साथ पूजा अर्चना की। इस उत्सव में भाग लेने वाले हर व्यक्ति ने एक दूसरे को छठ पूजा पर्व की बधाई दी। बच्चों ने भी आतिशबाजी चला कर इस उत्सव में पूरा आन्नद उठाया। इस उत्सव को देखने के लिए काफी तादाद में लोग सिरसा ब्रांच नहर पर पहुंचे थे। इस अवसर पर छठ पूजा सेवा समिति के प्रधान सुरेंद्र सिंह, अध्यक्ष नंदन यादव, उपाध्यक्ष राजकुमार महंतो व चंद्रदेव, फूल सिंह साहनी, माती यादव, जनार्दन यादव व चंद्रनाथ शास्त्री सिंह सहित समिति के अन्य सदस्य मौजूद थे। 

आसन गांव का तीर्थ अश्वनी कुमार दूर-दूर तक प्रसिद्ध


तीर्थ में स्नान करने से दूर होती हैं बीमारियां 


पिल्लूखेड़ा : जींद जिले के आसन गांव का तीर्थ अश्वनी कुमार दूर-दूर तक प्रसिद्ध है। 33 करोड़ देवी देवताओं के वैद्य अश्वनी कुमारों के इस तीर्थ में स्नान करने से अनेकों बीमारियां ठीक होती है। यह जानकारी देते हुए मंदिर की समिति के प्रधान सत्यनारायण शर्मा, पुजारी रामधीन दास, उपप्रधान जिले राम, इंद्र दत्त, टेक राम नम्बरदार, मा. जगदीश, मा. धर्म चंद, सरपंच पद्म सिंह, पूर्व सरपंच रामनिवास, किताब सिंह, मा.बलवंत व नफे सिंह ने बताया कि आसन गांव का अश्वनी कुमार तीर्थ व यह मंदिर 24 एकड़ में बना हुआ है। अश्वनी कुमारों के तीर्थ कुंड में च्वयन ऋषि ने स्नान करके नेत्र ज्योति प्राप्त की थी और वे बूढ़े से जवान हुए थे। उन्होंने बताया कि अश्वनी कुमारों के तीर्थ में नहाने से मनुष्य रूप वान व बलवान हो जाता है। जिससे यहां पर स्नान करने वाले लोगों का तांता लगा रहता है और लोग इस तालाब में नहाकर काफी बीमारियों से छुटकारा पा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि इस तीर्थ अश्वनी कुमार नहाने से मनुष्य के सभी रोग व कष्ट दूर हो जाते हैं। यहां दूर दराज से हजारों की संख्या में आस्था वान लोग आकर तीर्थ में स्नान करते हैं और स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करते हैं। यहां श्रद्धालु देवी देवताओं के वैद्य अश्वनी कुमारों का दर्शन करते हैं और मन्नतें भी मांगते हैं, काफी लोगों की मन्नतें पूरी होती हैं। जिसके उपरांत कड़ाह प्रसाद बांटा जाता है। उन्होंने बताया कि जो भी बच्चा मूल दोष में पैदा होता है। उसे इस पवित्र अश्वनी कुमार तीर्थ में स्नान करने से और पक्षियों को दाना डालने से मूल दोष से शांति मिलती है। पुजारी रामधीन दास ने बताया कि यहां शुक्ल पक्ष के रविवार को यात्रियों का तांता लगा रहता है और हर रविवार को यहां आस-पास के सभी गांवों से श्रद्धालु आकर अश्वनी कुमारों के दर्शन करते हैं और तीर्थ में स्नान करते हैं। उन्होंने बताया कि इस तीर्थ में राजा शर्याति की लड़की सुकन्या के पति च्वयन ऋषि जो पहले आंखों से अंधे थे, उनको इस अश्वनी कुमार तीर्थ में नहाने से दोनो नेत्र प्राप्त हुए थे और उन्हें बूढ़े से जवान अवस्था प्राप्त हुई थी। यहीं सती सुकन्या का सत आजमाया गया था। उन्होंने बताया कि भागवत पुराण के अनुसार इस तालाब में पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ स्नान करने से मनुष्य रूप वान हो जाता है और बीमारियों से छुटकारा पाता है। उन्होंने बताया कि अश्वनी कुमार सूर्य के पुत्र है इसलिए इनको सूर्यवंशी भी कहा जाता है। 24 एकड़ में फैले होने से काफी श्रद्धालु तीर्थ की फेरी देने में असमर्थ होते थे। इस समस्या को देखते हुए गांव की कमेटी ने विचार विमर्श करके तीर्थ के बीच में मिट्टी डलवाकर दो भागों में बांट दिया, ताकि श्रद्धालुओं को तीर्थ की फेरी देने में किसी प्रकार की कष्ट न हो। ग्रामीणों ने बताया कि यहां श्रद्धालु अपनी नेक कमाई में से दान स्वरूप भेंट भी देते हैं। गांव के निवासी लाला सत्यनारायण, लखी राम, कृष्ण लाल व रामधन आदि ने यहां मंदिरों को भव्य रूप देने के लिए लाखों रूप का दान देकर मंदिर का दोबारा से निर्माण करवा रहे हैं। इस मौके पर राम भगत, रामपुज, पूर्ण चंद शर्मा, लखीराम, पालेराम, कृष्ण फौजी, जय भगवान सूूबेदार, धर्मपाल, रामभज शर्मा, आनंद पंच व जय भगवान नम्बरदार आदि मौजूद रहें।

शर्तिया लड़का होने की दवा देते फर्जी डाक्टर गिरफ्तार

डाक्टर के पास नहीं किसी तरह की कोई डिग्री

स्वास्थ्य विभाग की टीम ने की क्लीनिक पर रेड
डाक्टर के खिलाफ कई धाराओं के तहत केस दर्ज करने की सिफारिश

जींद : स्वास्थ्य विभाग
की टीम ने शुक्रवार को शहर में भिवानी रोड स्थित एक निजी क्लीनिक पर रेड कर इसके संचालक ईश्वर आर्य को एक महिला को शर्तिया लड़का होने की दवा देते काबू कर लिया। ईश्वर आर्य के पास डाक्टर की कोई डिग्री भी नहीं मिली। इसके चलते स्वास्थ्य विभाग ने उसके खिलाफ पीएनडीटी एक्ट और एमसीआई एक्ट के तहत मामला दर्ज किए जाने की सिफारिश शहर थाना पुलिस से की है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। 
सिविल सर्जन डा. संजय दहिया के अनुसार स्वास्थ्य विभाग को लगातार यह सूचनाएं मिल रही थी कि भिवानी रोड पर स्थित ईश्वर क्लीनिक के संचालक डा. ईश्वर आर्य महिलाओं को शर्तिया लड़का होने की दवा देने के नाम पर मोटे पैसे वसूल रहा है। इस सूचना के बाद विभाग ने अपनी एक जासूस महिला को वीरवार को ईश्वर आर्य के क्लीनिक पर भेजा। महिला ने ईश्वर आर्य से बेटा होने की दवा मांगी। पहले ईश्वर आर्य ने यह कहकर दवा देने से मना कर दिया कि स्वास्थ्य विभाग आज कल बहुत सख्त हो रहा है। जब महिला ने यह कहा कि उसने पहले भी यहां से बेटा होने की दवा ली थी और उसे बेटा हुआ था, जिसकी बाद में मौत हो गई। इस पर ईश्वर आर्य ने महिला को शुक्रवार को क्लीनिक आने के लिए कहा। शुक्रवार को यह महिला ईश्वर आर्य के क्लीनिक पर आई और शर्तिया बेटा होने की दवा मांगी। ईश्वर आर्य ने 1100 रूपए में यह दवा दी। इसके लिए महिला ने ईश्वर आर्य को 2 हजार रूपए का नोट थमा कर दवा ली तो संकेत मिलते ही स्वास्थ्य विभाग की टीम ने रेड कर दवा और 2 हजार रूपए का नोट बरामद कर ईश्वर आर्य को काबू कर लिया। स्वास्थ्य विभाग की इस टीम के साथ पुलिस भी थी। टीम की अगुवाई डिप्टी सिविल सर्जन डा. प्रभु दयाल कर रहे थे। 
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बिना डिग्री वाला खुद को बता रहा था चर्म रोग एवं गुप्त रोग विशेषज्ञ
शहर के भिवानी रोड पर शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग ने जिस ईश्वर आर्य क्लीनिक पर रेड कर इसके संचालक ईश्वर आर्य को एक महिला को शर्तिया बेटा होने की दवा देते काबू किया, उसके पास डाक्टर की कोई डिग्री नहीं है। क्लीनिक के बोर्ड पर उसने अपना नाम डा. ईश्वर आर्य आयुर्वेदिक एवं यूनानी विशेषज्ञ लिखा हुआ है और खुद को चर्म एवं गुप्त रोग विशेषज्ञ बताया हुआ है। सिविल सर्जन डा. संजय दहिया के अनुसार ईश्वर आयुर्वेदिक औषधालय से बड़ी मात्रा में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने एलोपैथी की दवाएं बरामद की हैं। कायदे से इन दवाओं का ईश्वर आर्य इस्तेमाल ही नहीं कर सकता। उसके पास कोई डिग्री नहीं होने के कारण उसके खिलाफ एमसीआई एक्ट तथा महिला को शर्तिया बेटा होने की दवा देने के आरोप में पीएनडीटी एक्ट के तहत मामला दर्ज करवाया जा रहा है। 

एक एकड़ क्षेत्र में दस करोड़ की लागत से लगाएं उद्योग

उद्यमियों को जिला स्तर पर उपलब्ध करवाई जा रही हैं सुविधाएं 
9० उद्यमियों ने जिला में उद्योग स्थापित करने की जताई इच्छा 

जींद / डीसी अमित खत्री ने कहा कि जिला में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए अधिकारी उद्यम स्थापित करने वाले इच्छूुक उद्यमियों को अविलंब सेवाएं उपलब्ध करवाना सुनिश्चित करें। डीसी अमित खत्री ने यह निर्देश शुक्रवार को स्थानीय लघु सचिवालय के सभागार में आयोजित हुई जिला स्तरीय क्लीयरैंस कमेटी की बैठक की अध्यक्षता करते हुए संबंधित विभागों के अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा हरियाणा इंटर प्राइजेज प्रमोशन पॉलिसी 2०15 लागू की गई है। इस पॉलिसी के तहत उद्यमियों को उद्योग स्थापित करने के लिए तमाम प्रकार की सुविधाएं जिला स्तर पर उपलब्ध करवाई जा रही है। उन्होंने  कहा कि इस पॉलिसी के तहत एक एकड़ क्षेत्र में दस करोड़ रुपये की लागत से स्थापित होने वाले उद्योगों को तमाम सुविधाएं जिला स्तर पर उपलब्ध करवाई जा रही है। 
कमेटी उद्यमियों को नहीं आने दी कोई परेशानी
उद्यमियों को उद्योग स्थापित करने में किसी प्रकार की कोई दिक्कत न हो इसके लिए जिला स्तर पर एक कमेटी का गठन किया गया है। इस कमेटी में 15 विभागों को शामिल किया गया है ताकि उद्यमियों को उद्योग स्थापित करने के लिए सभी सुविधाएं तुरन्त उपलब्ध करवाई जा सके। उन्होंने कहा कि कोई भी उद्यमी उद्योग स्थापित करने के लिए 
इनवेस्ट हरियाणा.एनआईसी.इन पोर्टल पर आवेदन कर सकता है। राज्य सरकार की इस पॉलिसी की अधिक जानकारी  हरियाणा.इंडस्ट्रीज.जीओवी.इन यू वैबसाइट से हासिल की जा सकती है। 
९० उद्यमियों ने किया आवेदन 
जिला में उद्यम स्थापित करने के लिए 9० उद्यमी आवेदन कर चुके है। जिनमें से 16 ऐसे उद्यमी है जो एक एकड़ क्षेत्र में दस करोड़ रुपये की लागत से उद्यम स्थापित करना चाहते हैं। शेष ऐसे उद्यमियों ने आवेदन किया है जो इससे अधिक क्षेत्र में तथा इससे अधिक राशि से उद्योग लगाना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि 16 उद्यमियों को उद्योग स्थापित करने के लिए तमाम प्रकार की सेवाएं जिला स्तर पर ही उपलब्ध करवा दी जायेगीं। बैठक में उद्यम स्थापित करने वाले उद्यमी भी मौजूद रहें। डीसी ने जिला में उद्योग स्थापित करने वाले इन उद्यमियों से बातचीत की और पूछा कि उन्हें उद्योग स्थापित करने में कोई दिक्कत तो नहीं आ रही है। इस पर उद्यमियों ने कहा कि उन्हें किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं है।
उद्यमियों को नहीं आने दी जाएगी परेशानी : डीसी अमित 
डीसी अमित खत्री ने बताया कि जो उद्यमी यहां उद्योग स्थापित करना चाहते हैं, उनमें से ज्यादातर उद्यमी इनवर्टर बैटरी बनाने, चिकित्सीय सामग्री, फूड प्रौसेसिंग, पोलिट्रिक एवं पशु फीड बनाने के उद्यम स्थापित करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि जिला में उद्योग स्थापित करने वाले उद्यमियों को किसी प्रकार की कोई दिक्कत आड़े नहीं आने दी जाएगी 

जींद के 46 गांवों में नहीं है लिंगानुपात संतुलित

खराब लिंगानुपात वाले गांवों में चलाए जा रहे हैं जागरूकता कार्यक्रम                              
डीसी ने लिंगानुपात सुधारने को लेकर अधिकारियों को दिए दिशा-निर्देश

जींद / डीसी अमित खत्री ने बताया कि जींद जिला के 46 ऐसे गांवों की पहचान की गई है, जिनमें लिंगानुपात संतुलित नहीं है। इन गांवों पर विशेष फोकस रहेगा ताकि लिंगानुपात को सुधारा जा सके। इस आश्य की जानकारी डीसी ने मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डा. राकेश गुप्ता के साथ हुई वीडियो कान्फ्रंैसिंग में दी। डीसी ने बताया कि  जिला में 46 गांवों की पहचान कर उनमें लोगों को प्रेरित करने के लिए जागरूकता कार्यक्रम करवाए जा रहे हैं। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा नाटक मण्डलियां प्रचार कार्य पर लगाई गई है। 
गत माह जींद का लिंगानुपात 901 रहा
पिछले माह में जिला का लिंगानुपात 9०1 था। अब उन गांवों को सूचीबद्ध किया गया है जिनमें लिंगानुपात खराब है, उसे सुधारने के प्रयार शुरू किए गए हैं। इसके अलावा जिला में गठित एडवाइजरी कमेटी द्वारा अल्ट्रासाउंड सैंटरों का नियमित रूप से निरीक्षण किया जा रहा है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को विशेष हिदायतें दी गई हंै कि वे गर्भ धारण करने वाली महिलाओं की ट्रैकिंग प्रणाली को प्रभावी तरीके से लागू करें। उन्होंने कहा कि लिंगानुपात में सुधार के परिणाम आने में समय लगता है। सड़कों पर होने वाली दुर्घटनाओं पर पूरी तरह से अंकुश लगाने के लिए जिला में रोड सेफ्टी कमेटी की नियमित रूप से बैठक ली जा रही है। इस कार्य में रोड सेफ्टी एसोसिएट की भी सेवाएं ली जा रही हैं। सड़कों पर डैंजर जोन  की पहचान कर वहां सुरक्षा के हिसाब से आवश्यक व्यवस्थाओं को सुनिश्चित किया जा रहा है ताकि सड़क दुर्घटनाओं में किसी की जान न जाये। 
सीएम विंडो पर आने वाली शिकायतों का हो रहा निपटारा 
डीसी अमित खत्री ने बताया कि सीएम विंडो पर लंबित शिकायतों का निस्तारण समयबद्ध तरीके से करवाया जा रहा है। अधिकारियों को विशेष निर्देश है कि तीन माह से ज्यादा कोई भी शिकायत लंबित न रहे। उन्होंने बताया कि सक्षम हरियाणा कार्यक्रम के तहत युवकों को रोजगार के  अवसर उपलब्ध करवाए जा रहे हंै। स्कूलों में शिक्षा के स्तर में सुधार के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। जुलाना तथा अलेवा खंड में स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों के शिक्षा स्तर में सुधार लाने  के लिए कलस्टर बनाए गए हैं और वरिष्ठ अधिकारियों को इसका जिम्मा दिया गया है।
ग्रामीण व शहरी क्षेत्र खुले में शौचमुक्त हुआ 
डीसी ने बताया कि जींद जिला के ग्रामीण व शहरी क्षेत्र को खुले में शौचमुक्त बनाया गया है। उन्होंने कहा कि लोग खुले में शौच न जाएं, यह उनकी आदत में सुमार किया जाना जरूरी है।  इसके लिए नियमित रूप से प्रयास चलते रहेंगे। जिला को आवारा पशु मुक्त जिला बनाया गया है। दूसरे जिलों या बॉर्डर पार से पशु जिला में न आने पाएं, इस पर नजर रखी जा रही है। जिला मुख्यालय पर नंदीशाला का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। नंदियों, गोवंश के लिए जिला मुख्यालय पर बनी अस्थायी नंदीशाला में चारा पहुंचाने के लिए चारा  कमेटियां बनाई गई हंै। इस काम में ग्राम पंचायतों का सहयोग लिया जा रहा है। 
ये अधिकारी रहे मौजूद 
वीडियो कॉन्फ्रैसिंग में प्रवर पुलिस अधीक्षक  डा. अरूण सिंह, अतिरिक्त उपायुक्त धीरेंद्र खडगटा, नगराधीश एसएस मान, जिला राजस्व अधिकारी रामफल कटारिया, सिविल सर्जन डा. संजय दहिया, मुख्यमंत्री की सुशासन सहयोगी शुभी केसरवानी, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी सत्यवती तथा विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया। 

जींद में लोगों को पेयजल और सीवरेज समस्या से मिलेगी निजात

2235 लाख रुपये से सुधारी जाएंगी दोनों समस्याएं
सड़कों के जीर्णाेद्धार पर खर्च होंगे 850 लाख
शुगर मिल की क्षमता भी बढ़ाई जाएगी 

जींद/ जींद के लोगों को जल्द ही पेयजल और सीवरेज की समस्या से निजात मिलने वाली है। इसके लिए सरकार द्वारा जींद में पेयजल और सीवरेज व्यवस्था सुधारने को लेकर 2235 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। इसके साथ ही शहर की सड़कों के जीर्णोद्धार पर 850 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। गन्ना उत्पादक किसानों की सहूलियत के लिए शुगर मील की क्षमता भी बढ़ाया जाना प्रस्तावित है। 
जींद के शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में है भारी पेयजल और सीवरेज समस्या
जींद शहर हरियाणा के मध्य में स्थित है और ऐसे में जींद का विकास गुडग़ांव की तर्ज पर किया जाना था लेकिन ऐसा हो नहीं पाया और जींद के लोग मूलभूत सुविधाओं को भी तरस गए। जींद के शहरी और ग्रामीण इलाकों को सालोंसाल बीत जाने के बाद भी पेयजल और सीवरेज समस्या से निजात नहीं मिल पाई। दिनोंदिन यह समस्या बढ़ती चली गई और किसी ने भी इस समस्या से निजात दिलाने के लिए कोई ध्यान नहीं दिया। ऐसे में लाखों रुपये सुधरने वाली समस्या अब करोड़ों रुपये में पहुंच गई हैं। 
विस में उठा मुद्दा तो सरकार ने लिया संज्ञान
जींद का प्रतिनिधित्व करते हुए इनेलो विधायक डा. हरिचंद मिढ़ा ने विधानसभा सत्र के दौरान जींद में चरमराई सीवरेज और पेयजल समस्या का मुद्दा उठाया। विधायक ने कहा कि ऐसा कोई दिन नहीं जाता जब जींद के लोग पेयजल और सीवरेज समस्या को लेकर अधिकारियों के पास न पहुंचते हों। हजारों बार सीवरेज और पेयजल समस्या को लेकर प्रदर्शन किए जाने के बाद भी किसी ने इस समस्या को दूर करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है। विधायक द्वारा विस सत्र में उठाए गए इस मुद्दे पर जनस्वास्थ्य मंत्री ने आश्वासन दिया कि जींद के लोगों को शीघ्र ही सीवरेज और पेयजल समस्या से निजात दिलाई जाएगी।  
2235 लाख रुपये से सुधरेगी जींद की पेयजल और सीवरेज व्यवस्था
जनस्वास्थ्य मंत्री ने विधायक डा. हरिचंद मिढ़ा को आश्वासन दिया कि पेयजल और सीवरेज व्यवस्था को दूर करने के लिए 2235 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। इसके अलावा सड़कों के जीर्णोद्धार पर भी 850 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। ग्रामीण इलाकों में पेयजल व्यवस्था के सुधारीकरण के साथ-साथ शहर की सभी कालोनियों में सीवरेज व्यवस्था दुरूस्त की जाएगी। शहर से दूर एक सात एमएलडी का मल संशोधन संयत्र भी बनाया जाएगा। 
विधायक डा. हरिचंद मिढ़ा ने कहा कि शहर के लोगों ने जो दायित्व उन्हें सौंपा है उसे पूरा करने के लिए वो हर संभव प्रयास कर रहे हैं। जींद में 2235 लाख रुपये से पेयजल और सीवरेज व्यवस्था को सुधारा जाएगा। जनस्वास्थ्य मंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया है कि इस सुधार कार्य की प्रक्रिया शीघ्र ही शुरू की जाएगी। उन्होंने कहा कि कुछ लोग जींद में आकर लोगों को बरगलाने का काम कर रहे हैं लेकिन जींद की जनता इन लोगों को जान चुकी है। क्योंकि ये लोग केवल राजनीति चमकाने के लिए ही ऐसा कर रहे हैं जबकि धरातल पर लोगों को समस्या से निजात दिलाने के लिए कुछ नहीं किया जा रहा है लेकिन जींद की जनता भलीभांति जानती है कि उनका सच्चा हितैषी कौन है। 

Thursday, 26 October 2017

कृषि विभाग के प्रयास ला रहे रंग
इस बार अब तक केवल 13 किसानों ने जलाई पराली
पिछले साल पराली जलाने वालों से वसूला था 70 हजार रूपए जुर्माना

जींद : जींद के किसान पराली जलाने के मामले में जिला प्रशासन का सहयोग करने लगे हैं। किसानों को समझ में आने लगा है कि पराली जलाने से उनकी जमीन को भारी नुकसान होता है और पराली ही जमीन के आवश्यक तत्वों को नुकसान पहुंचाती है। अब किसानों की समझ में शायद यह बात आ गई है। इसी का परिणाम है कि अब तक 13 किसान ही ऐसे मिले हैं, जिन्होंने पराली में आग लगाने का काम किया। इस पर कृषि विभाग ने ऐसे किसानों को नोटिस जारी किए हैं। पिछले साल की बात की जाए तो 263 किसानों ने पराली में आग लगाई थी और कृषि विभाग ने ऐसे किसानों से 70 हजार रूपए जुर्माना भी वसूला था।
कृषि विभाग द्वारा गांवों में किसानों को जागरूक करने के लिए प्रचार वाहन शुरू किया गया है। इस वाहन के माध्यम से किसानों को समझाया जाता है कि पराली में आग लगाने से जहां पर्यावरण प्रदूषण होता है, वहीं पर जमीन की उर्वरता शक्ति भी कम होती है। गांवों में जाकर वाहन द्वारा किसानों को पराली नहीं जलाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। जिला प्रशासन ने पराली जलाने वाले किसानों पर नजर रखने के लिए निगरानी कमेटियां गठित की हैं। जहां भी किसानों द्वारा पराली जलाने की सूचना विभाग के अधिकारियों को दी जाती है, वहीं पर अधिकारी पहुंचकर किसान को नोटिस देने की कार्रवाई शुरू करते हैं। अब तक कृषि विभाग के वाहन द्वारा जिले के 200 से ज्यादा गांवों में प्रचार किया जा चुका है। कृषि विभाग के अधिकारी भी खुद फील्ड में जाकर किसानों से रूबरू हो रहे हैं। वह किसानों को बता रहे हैं कि वह अपनी फसल में आग नहीं लगाएं, क्योंकि आग लगने से जमीन की आवश्यक तत्व नष्ट हो जाते हैं और जमीन की उर्वरा शक्ति कम होती है। 
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अब तक 13 किसानों को दिए नोटिस
पिछले 2 सालों में जिले में किसानों द्वारा पराली में आग लगाने का काम तेज गति से किया जाता था। साल 2015 के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो उस साल 253 किसानों ने फसल में आग लगाई। प्रशासन ने ऐसे किसानों से लगभग 4 लाख 20 हजार रूपए की राशि जुर्माने के तौर पर वसूली थी। पिछले साल जींद के तत्कालीन डीसी विनय सिंह ने पराली जलाने वाले किसानों पर लगाम कसने के लिए रणनीति बनाई। उन्होंने खुद भी कई जगह आग लगाने वाले किसानों को नोटिस थमाने का काम करवाया था। पिछले साल 263 किसानों को नोटिस दिए गए, लेकिन विभाग के पास जुर्माने की 70 हजार रूपए की राशि ही पहुंची। अब कृषि विभाग ने फसल में आग लगाने पर 13 किसानों को नोटिस जारी किए हैं। 
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पिछले साल फसल में आग लगाने वाले गांवों पर रहेगी विशेष नजर
इस बार जिला प्रशासन द्वारा ऐसे गांवों पर विशेष तौर पर नजर रखी जा रही है, जिन गांवों में पिछले साल किसानों में अपनी फसल में आग लगाई थी। प्रशासन द्वारा निगरानी कमेटियां गठित की गई है। यह कमेटियां प्रशासन को रिपोर्ट करेंगी कि किस क्षेत्र में क्या स्थिति है। कहां-कहां किसान ज्यादा नजर रख रहे हैं। यदि कोई किसान फसल में आग लगाता हुआ पकड़ा जाता है तो संबंधित पटवारी और नंबरदार द्वारा इसकी रिपोर्ट बनाकर विभाग के अधिकारियों को दी जाती है। कानूनगो, तहसीलदार के बाद एसडीओ द्वारा किसान का नोटिस काटा जाता है। कृषि विभाग के अधिकारियों के
अनुसार 2 एकड़ में फसल जलाने पर 2500 रूपए, 3 से 5 एकड़ तक फसल जलाने पर 5 हजार तथा 5 एकड़ से अधिक में फसल जलाने पर 15 हजार रूपए जुर्माने की सजा का प्रावधान है।
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क्या कहते हैं क्वालिटी कंट्रोलर इंस्पैक्टर
कृषि विभाग के क्वालिटी कंट्रोलर इंस्पैक्टर नरेंद्रपाल ने कहा कि किसानों को जागरूक करने का असर जींद जिले में नजर आ रहा है। इस बार अब तक केवल 13 किसानों को ही पराली जलाने पर नोटिस दिया गया है। कृषि विभाग द्वारा किसानों को जागरूक करने के लिए विशेष प्रचार अभियान शुरू किया गया है। इस वाहन पर पराली जलाने पर सजा का प्रावधान और जुर्माने का उल्लेख करने वाले पोस्टर चस्पा किए गए हैं। गांवों में नुक्कड़ सभाएं करके किसानों को फसल जलाने से जमीन को होने वाले नुकसान के बारे में भी बताया जा रहा है। 

कालेज विद्यार्थी पहले से ही देख पाएंगे पूरे सैशन का सिलेबस

हर महीने में क्या पढ़ाना है, करना होगा नोटिस चस्पा
पोर्टल पर सिलेबस की जानकारी अपलोड करने की डैड लाइन आज

जींद : हायर एजुकेशन डिपार्टमैंट की तरफ से जारी एक लैटर के अनुसार अब सभी कालेजों को हर महीने क्या पढ़ाना है, इसकी जानकारी पहले ही देनी होगी। यह जानकारी उन्हें नोटिस बोर्ड पर चस्पा और कालेज के पोर्टल पर अपलोड करनी होगी। इससे कालेज में पढऩे वाले विद्यार्थी पहले से ही पूरे सैशन का सिलेबस चैक कर सकते हैं कि किस महीने कौन से अध्यापक द्वारा कौन सा चैप्टर पढ़ाना है। इसके लिए विभाग ने 27 अक्तूबर तक कालेजों के सभी अध्यापकों को जानकारी अपलोड करने को कहा गया है। 
राजकीय कालेजों में पहले किसी भी दिन अध्यापक अपनी मर्जी से कोई भी सिलेबस पढ़ा देते थे। इससे विद्यार्थी संबंधित चैप्टर की तैयारी सही ढंग से नहीं कर पाते थे। कई बार विद्यार्थियों को यह भी नहीं पता होता था कि उनका कितना सिलेबस पूरा हो गया है। इससे अध्यापक और विद्यार्थियों के बीच पढ़ाई का कांबिनेशन नहीं बन पाता था। साथ ही कालेजों में अध्यापक कुछ कक्षाओं का सिलेबस समय से पहले ही करवा देते थे। समय से पहले सिलेबस पूरा होने के बाद विद्यार्थी कालेज परिसर में इधर-उधर घूमते रहते थे लेकिन अब समय के अनुसार ही कालेज के अध्यापकों को सिलेबस पूरा करना होगा। इसके साथ ही हायर एजुकेशन डिपार्टमैंट के निर्देश पर राजकीय कालेज के अध्यापकों को सैशन से पहले ही सिलेबस की जानकारी अपलोड करनी होगी। इससे विद्यार्थी मोबाइल और कंप्यूटर के माध्यम से अपना सिलेबस चैक कर सकेंगे। 
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अधिकारी लेकर जाएंगे कालेजों से रिपोर्ट की जानकारी 
राजकीय कालेजों में हायर एजुकेशन की ओर से विद्यार्थियों के लिए नई व्यवस्था को लेकर अधिकारी निरीक्षण भी करेंगे। इसमें अधिकारी कालेजों में नोटिस बोर्ड पर सिलेबस चिपकाने और कालेज के पोर्टल सिलेबस अपलोड करने की रिपोर्ट की जानकारी एकत्रित कर हायर एजुकेशन डिपार्टमैंट को सौंपेंगे। सिलेबस की जानकारी पोर्टल पर अपलोड नहीं करने पर उचित कार्रवाई भी होगी। 
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नोटिस बोर्ड पर चस्पा करनी होगी सिलेबस की जानकारी 
राजकीय कालेजों में अध्यापकों द्वारा हर माह में पढ़ाए जाने वाले सिलेबस की सूची कालेज के नोटिस बोर्ड पर चस्पा करने से विद्यार्थियों को बड़ा फायदा होगा। इससे विद्यार्थी उसी विषय की तैयारी करके कालेज में आएगा, जो उसे पढ़ाया जाना है। इससे अध्यापक और विद्यार्थी के बीच कांबिनेशन बना रहेगा। शिक्षक भी सही समय पर अपना सिलेबस पूरा करवा पाएगा। 
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सिलेबस अपलोड करने की अंतिम तिथि 27 अक्तूबर
राजकीय कालेजों में अध्यापकों को 27 अक्तूबर तक कालेज के पोर्टल पर अपने सैशन से संबंधित सिलेबस की जानकारी अपलोड करनी होगी। 
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हायर एजुकेशन से आए कालेजों में आदेश : डा. राजेश्वरी
राजकीय महिला कालेज की प्रिंसीपल डा. राजेश्वरी कौशिक ने बताया कि राजकीय कालेजों में हर महीने नोटिस बोर्ड पर सिलेबस चिपकाने और कालेज के पोर्टल पर 27 अक्तूबर तक इसकी जानकारी अपलोड करनी है। इसको लेकर हायर एजुकेशन की ओर से आदेश आए हैं। इसके अनुसार उन्होंने पोर्टल पर सभी अध्यापकों का डाटा अपलोड कर दिया है। विद्यार्थी इसका फायदा अगले सैशन में उठा पाएंगे, क्योंकि 17 नवम्बर से विद्यार्थियों के इस सैशन के पेपर की शुरुआत हो जाएगी। 

राष्ट्र की एकता और अखंडता को लेकर दौड़ेंगे सैंकड़ों युवा

सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती पर करवाया जाएगा रन फोर यूनिटी का आयोजन 

जींद
सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती पर 31 अक्तूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में धूमधाम से मनाया जाएगा। इस दिन रन फोर यूनिटी का भी आयोजन किया जाएगा। एडीसी धीरेंद्र खडगटा ने यह जानकारी उनके कार्यालय में आयोजित अधिकारियों की एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी। उन्होंने सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती को धूमधाम से मनाने को लेकर अधिकारियों की डियूटियां निर्धारित की और कहा कि सभी अधिकारी अपनी डियूटी को पूरी कर्तव्य निष्ठा के साथ निभाना सुनिश्चित करें। एडीसी ने कहा कि राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर रन फोर यूनिटी का आयोजन भी करवाया जाएगा। रन फोर यूनिटी स्थानीय एकलव्य स्टेडियम से शुरू होगी, जो सफीदों रोड पुलिस अधीक्षक की कोठी-चक्की मोड़, जाट धर्मशाला होती हुई वापिस स्टेडियम पहुंचेगी। स्टेडियम में आयोजित होने वाली कार्यक्रम के सफल आयोजन को लेकर उन्होंने जींद के एसडीएम वीरेंद्र सहरावत को नोडल अधिकारी नियुक्त किया। उन्होंने कहा कि रन फोर यूनिटी जिस रोड़ से होकर गुजरेगी उस सड़क को कुछ समय के लिए वन वे करवाना सुनिश्चित करें ताकि कार्यक्रम सुरक्षित तरीके से पूरा करवाया जा सके। उन्होंने  पुलिस विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे इस दौरान सुरक्षा के लिहाज से राइडर मोटरसाइकिल तथा पीसीआर को तैनात रखें। उन्होंने कहा कि रन फोर यूनिटी प्रात: साढ़े सात बजे प्रारंभ होगी। सभी विभागाध्यक्ष रन फोर यूनिटी में शामिल होने वाले प्रतिभागियों का पंजीकरण करना सुनिश्चित करें। 
विजेताओं को दिए जाएंगे ईनाम
एडीसी ने कहा कि रन फोर यूनिटी के विजेता प्रतिभागियों को ईनाम भी दिए जाएंगे। यह ईनाम महिला तथा पुरूष दोनों श्रेणियों के विजेताओं को दिए जाएंगे। प्रथम स्थान पर रहने वाले प्रतिभागी को 11 हजार, दूसरे स्थान पर रहने वाले प्रतिभागी को 5100 तथा तीसरे स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागी को 2100 रुपये की राशि ईनाम स्वरूप दी जाएगी। इनके अलावा वरिष्ठ नागरिक तथा दिव्यांग जनों की श्रेणी के विजेताओं को भी सम्मानित किया जाएगा। रन फोर यूनिटी के दौरान हर मोड़ पर कैमरे लगाए जाएंगे और प्रत्येक आधा किलोमीटर के दायरे में एक-एक कोच रखा जाएगा। एडीसी ने जन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे इस दौरान स्वच्छ पानी की व्यवस्था करना सुनिश्चित करें। रन फोर यूनिटी के दौरान एक फस्र्ट एड की टीम तथा एम्बूलैंस की गाड़ी भी मौके पर मौजूद रहेगीं। बैठक में सभी विभागों के विभागाध्यक्ष उपस्थित रहे। 

...अब लोगों के हाथों में होंगे नए रंगीन राशन कार्ड

विभाग ने राशन कार्ड वितरित करने का लिया निर्णय
उपभोक्ताओं का 12 साल लम्बा इंतजार हुआ खत्म
जिलेभर के उपभोक्ताओं के लिए जारी हुए 328660 राशन कार्ड
नए राशन कार्ड पर अब फोटो के स्थान पर होगा आधार नंबर

जींद 
जिला के लोगों के हाथ में अब शीघ्र ही नए रंगीन राशन कार्ड होंगे। राशन कार्ड छपाई का कार्य पूरा कर सभी को डाटा पर आधारित राशन कार्ड संबंधित निरीक्षकों, उपनिरीक्षकों के माध्यम से डोर टू डोर बंटवाए जाने का कार्य भी शुरू कर दिया गया है। इसका पूर्ण रिकार्ड भी विभाग द्वारा रखा जा रहा है। सभी कैटेगरी उपभोक्ताओं के लिए अलग-अलग चार कलरों के राशन कार्ड बनवाए गए हैं और इनकी खास बात यह है कि नए राशन कार्ड पर परिवार का फोटा चस्पा होने की बजाए उस पर आधार नंबर अंकित है ताकि राशन आंबटन के दौरान सही जानकारी उपभोक्ता तथा विभाग को लगातार मिलती रही और राशन बांटने में किसी प्रकार की धांधली न हो। इसके लिए बकायदा ऑन लाइन सिस्टम अपनाया गया है। 
12 साल से नए राशन कार्ड का इंतजार कर रहे थे लोग
गौरतलब है कि राशन कार्डो के प्रयोग की समयाविधि पांच वर्ष थी। वर्ष 2005 में राशन कार्ड बनने के बाद नए राशन कार्ड जारी नहीं हुए थे। जिसके कारण काफी सारे उपभोक्ताओं के राशन कार्ड या तो फट गए थे या फिर गुम हो गए थे। पिछले 12 सालों से जिला में लोग राशन कार्डों का इंतजार कर रहे थे। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने जल्द ही उपभोक्ताओं तक रोशन कार्ड पहुंचाने का निर्णय लिया था। इसी को लेकर वरटियेबल डाटा के नए राशन कार्डों को उपलब्ध करवाया जाना था। विभाग द्वारा मै कैपिटल बिजनस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी नई दिल्ली को नए राशन कार्डों की छपाई का टैंडर अलॉट किया गया था। जिसके द्वारा सभी जिलों में नए राशन कार्ड जैसे की एपीएल (हरा), ओपीएच (खाकी), बीपीएल (पीला), एएवाई (गुलाबी) रंग के कार्ड छपवाए गए हैं। इन कार्डों की छपाई का कार्य पूरा कर अब इन्हें वितरित करने का कार्य शुरू किया जाएगा। जिसके चलते खाद्य एवं आपूर्ति विभाग उपभोक्ताओं के हाथों में जल्द ही नए राशन कार्ड होंगे। जिले में सभी तरह की कैटेगरी के अलग-अलग 328660 राशन कार्ड प्रिंट होकर विभाग के पास पहुंचे है। 
ये होगी राशन कार्ड की फीस
लोगों को राशन कार्डों के लिए फीस भी अदा करनी होगी।  एपीएल (हरा) कार्ड के लिए 20 रुपये, ओपीएच (खाकी) के लिए 15 रुपये, बीपीएल (पीला) दस रुपये, एएवाई (गुलाबी) कार्ड के लिए मात्र पांच रुपये फीस देनी होगी। 
जिले में किस राशन कार्ड के कितने हैं उपभोक्ता
राशन कार्ड                     उपभोक्ताओं की संख्या 
एएवाई (गुलाबी)               18763
बीपीएल (पीला)              51452
ओपीएच (खाकी)             102745
एपीएल (हरा)                155700
जिले में कितने हैं डिपू पर होता है राशन वितरित
खंड नाम               संख्या
जींद                      156
नरवाना                   162
सफीदों                    80
उचाना                    52
अलेवा                    35
जुलाना                    58
पिल्लूखेड़ा                 41
राशन कार्ड के हिसाब से ये मिलती हैं सुविधाएं 
खाद्य एवं आपूर्ति विभाग अपने उपभोक्ताओं को कार्डो के अनुसार अलग-अलग मात्रा और कीमत में राशन देता है। बीपीएल और ओपीएच उपभोक्ताओं को पांच किलोग्राम प्रति व्यक्ति दो रुपये किलो गेहूं मिलता है। एएवाई (गुलाबी) उपभोक्ताओं को 35 किलोग्राम गेहूं दो रुपये प्रति किलोग्राम कीमत से तथा एएवाई को दो किलोग्राम चीनी प्रति महीना 13.50 रुपये प्रति किलो की दर से, एएवाई और बीपीएल उपभोक्ताओं अढाई किलो ग्राम दाल 20 रुपये प्रति किलो की दर से मिलती है।
क्या कहते हैं जिला खादय एवं आपूति निंयत्रक
खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के निरीक्षक विजय ने बताया कि सभी उपभोक्ताओं के लिए नए राशन कार्ड छप कर आ चुके हैं और इन राशन कार्डों को वितरित करने का कार्य शुरू कर दिया गया है। इन राशन कार्डों को मिलने के बाद लोग इन राशन कार्ड से मिलने वाली सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे। राशन कार्ड वितरित करने का पूरा रिकार्ड विभाग द्वारा रखा जाना है। इसके साथ ही जिन लाभार्थियों के राशन कार्डों पर आधार नंबर अंकित नहीं है उनसे संबंधित निरीक्षक, उपनिरीक्षक द्वारा आधार नंबर राशन कार्ड में मौके पर ही अंकित करके अपनी मोहर सहित अंकित करेगा। 

जींद-कटड़ा बस सेवा पर लगे ब्रेक

घाटे के चलते रोडवेज ने उठाया कदम
पिछले दो साल से घाटे में चल रही थी जींद-कटड़ा बस सेवा
घाटे को देख रूट बदलने की थी मांग, नहीं उठाया कदम

जींद
रोडवेज बस से वैष्णवी देवी के दर्शन करने जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए बुरी खबर है। जींद डिपो ने घाटे तथा सवारियों की किल्लत के चलते जींद-कटड़ा बस सेवा को बंद कर दिया है। जींद डिपो का कटड़ा के लिए बस संचालन करना दो साल के दौरान आमदनी अठनी, खर्चा रुपया वाला अनुभव रहा है। बस का संचालन सुचारू रखने के लिए जींद डिपो के अधिकारियों ने विभाग के आला अधिकारियों से संपर्क साधकर वाया खनौरी-पातड़ा की बजाए अम्बाला के रास्ते परमिट जारी करने की
अपील की थी। बावजूद इसके रोडवेज विभाग ने बस को लाभ के रूट पर चलाने की कोई सुध नहीं ली। जिसके चलते जींद डिपो ने जींद-कटड़ा रोडवेज बस सेवा को बंद कर दिया।
आमदनी अठनी, खर्चा रुपया, नहीं ली सुध
जींद से कटड़ा जाने वाली रोडवेज बस पर हर रोज 22 हजार से ज्यादा खर्च हो रहा था। एक फेर में 15 हजार रुपये का डीजल, चार हजार रुपये का टोल टैक्स, तीन हजार रुपये मैटेनैंस खर्च हो जाता था। इसके अलावा दूसरे राज्यों से गुजरते समय स्टेट ट्रांसपोर्ट टैक्स का अलग से भुगतान किया जाता था। जींद से कटड़ा जाते समय बस में यात्रियों की संख्या सीटों के हिसाब से ठीक रहती थी लेकिन वापसी के दौरान बस की ज्यादात्तर सीटें खाली रहती थी। जिसके चलते जींद डिपो को बस संचालन में भारी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा था। जींद डिपो ने आला अधिकारियों को पत्र लिखकर वाया अम्बाला रूट परमिट जारी करने की मांग की थी। ताकि बस का संचालन सूचारू रह सके और श्रद्धालुओं को वैष्णवी देवी के दर्शन हो सकें। जींद-कटड़ा बस सेवा को घाटे से उभारने के लिए स्टेट लेवल पर भी कोई कदम नहीं उठाया गया। 
2015 सर्द नवरात्रों के दौरान मिली थी जींद-कटड़ा बस सेवा की सौगात
13 अक्टूबर 2015 को माता वैष्णवी देवी जाने वाले श्रद्धालुओं की समस्या को देखते हुए जींद डिपो ने जींद से कटड़ा के लिए बस सेवा शुरु की थी। जिसका शुभारंभ परिवहन मंत्री कृष्ण लाल पंवार ने किया था। पिछले दो साल से बस लगातार कटड़ा तक के फेर लगाती रही। एक साइड का किराया 570 रुपये निर्धारित किया गया था। सुबह छह बजकर 50 मिनट पर जींद बस अड्डा से रवाना होती थी और शाम को कटड़ा पहुंचती थी। बकायदा ऑन लाइन बुकिंग की सुविधा भी जींद डिपो द्वारा श्रद्धालुओं को दी गई थी। हर रोज हजारों रुपये का घाटा सहने के बाद जींद कटड़ा बस सेवा को बंद कर दिया गया। 
दूसरे राज्यों में डिपो की बस को नहीं मिलती थी तवज्जो
रोडवेज सूत्रों के अनुसार कटड़ा की तरफ जाने वाली रोडवेज बस पंजाब, हिमाचल राज्यों से होकर गुजरती थी। बस जब दूसरे राज्यों के बस अड्डों पर पहुंचती थी तो वहां के लोकल ट्रांसपोर्टर बस को बूथ पर नहीं लगने देते थे। या फिर वहां से जल्दी चलने के लिए दबाव डालते थे। जिसके चलते जींद डिपो की बस को प्रर्याप्त संख्या में सवारियां नहीं मिल पाती थी और उन्हें ज्यादातर समय खाली सीटों के साथ गंतव्य की तरफ रवाना होना पड़ता था। 
जींद डिपो महाप्रबंधक महताब सिंह खर्ब ने बताया कि जींद-कटड़ा बस काफी समय से घाटे में चल रही थी। अधिकारियों को दूसरे रूट से परमिट देने के लिए पत्र लिखा गया था। जिसका कोई जवाब जींद डिपो के पास नहीं आया। घाटे में चल रही बस को बंद करने के अलावा कोई और चारा नहीं था। 

खुद को पर्यावरण के लिए महिला वकील ने कर दिया समर्पित

अब तक लगवा चुकी 177 त्रिवेणी जींद। महिला एडवोकेट संतोष यादव ने खुद को पर्यावरण की हिफाजत के लिए समर्पित कर दिया है। वह जींद समेत अब तक...