Thursday, 28 September 2017

अनाज मंडियों में धान खरीद का काम एक से शुरू

धान खरीद के लिए खरीद एजैंसियों को मंडियां हुई अलाट 

जींद : डीसी अमित खत्री ने कहा कि जिला की अनाज मंडियों में आगामी एक अक्तूबर से धान की खरीद का काम शुरू किया जाएगा। मंडियों में धान की ब्रिकी को लेकर आने वाले किसानों को किसी प्रकार की दिक्कत आड़े नहीं आनी चाहिए। इसके लिए संबंधित विभागों के अधिकारी सभी आवश्यक प्रबंध पूरे करना सुनिश्चित करें। 
अमित खत्री ने यह निर्देश स्थानीय लघु सचिवालय के सभागार में आयोजित हुई अधिकारियों की एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए संबंधित विभागों के अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि इस वर्ष जिला में धान की बम्पर पैदावार होने की संभावना है, जिसको देखते हुए अधिकारी समय रहते ही सभी आवश्यक प्रबंध पूरे कर लें। मंडियों में किसानों के लिए पर्याप्त स्वच्छ पेयजल, बिजली की व्यवस्था तथा साफ-सफाई की व्यवस्था समेत तमाम प्रबंध पूरे करवाना सुनिश्चित करे। उन्होंने कहा कि मंडियों में आने वाले धान के उठान का कार्य भी साथ-साथ करवाते रहे ताकि किसानों को मंडियों में अपनी फसल उतारने में किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं हो। उन्होंने बताया कि इस वर्ष जिला की 13 अनाज मंडियों में धान खरीद का कार्य किया जाएगा। इन अनाज मंडियों में किसानों को फसल बेचने में किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने बताया कि किस अनाज मंडी में किसी दिन किस एजैंसी द्वारा धान की खरीद की जाएगी, यह सुनिश्चित कर लिया गया है। उन्होंने खरीद एजैंसियों के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वह जितनी मात्रा में धान की खरीद करे, उस खरीदी गई फसल का साथ-साथ उठान भी करवाना सुनिश्चित करे। 
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इस तरह से की जाएगी खरीद एजैंसियों द्वारा मंडियों में धान की खरीद 
डीसी ने बताया कि जिला की 13 अनाज मंडियों में 5 खरीद एजेंसियों द्वारा धान की खरीद का कार्य किया जाएगा। किस दिन किस अनाज मंडी में किस एजैंसी द्वारा धान की खरीद की जाएगी, यह निर्धारित कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि अलेवा की अनाज मंडी में खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की एजैंसी द्वारा मंगलवार तथा शुक्रवार को, हैफैड द्वारा सोमवार तथा वीरवार को, एफसीआई द्वारा बुधवार तथा शनिवार को फसल खरीद का कार्य किया जाएगा। बरटा की अनाज मंडी में हरियाणा वेयर हाऊस कॉरपोरेशन द्वारा खरीद की जाएगी। धमतान की अनाज मंडी में हैफड द्वारा सोमवार, बुधवार, वीरवार एवं शनिवार को तथा एफसीआई द्वारा मंगलवार तथा शुक्रवार को धान की खरीद की जाएगी। धनौरी की अनाज मंडी में एफसीआई द्वारा धान की खरीद का कार्य किया जाएगा। गढ़ी की अनाज मंडी में सोमवार तथा वीरवार को हैफैड द्वारा तथा मंगलवार तथा शनिवार को एफसीआई द्वारा धान खरीद का कार्य किया जाएगा। इस अनाज मंडी में बुधवार तथा शुक्रवार को हरियाणा वेयर हाऊस कॉरपोरेशन द्वारा धान की खरीद की जाएगी। जींद की अनाज मण्डी में खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा सोमवार, बुधवार तथा शुक्रवार को, एफसीआई द्वारा मंगलवार, वीरवार तथा शनिवार को धान खरीद का कार्य किया जाएगा। जुलाना की अनाज मंडी में हरियाणा वेयर हाऊस कॉरपोरेशन द्वारा सप्ताह के 6 दिन धान खरीद का कार्य किया जाएगा। खरल की अनाज मंडी में एफसीआई द्वारा सभी दिन धान खरीद का कार्य किया जाएगा। नगूरां की अनाज मंडी में हरियाणा वेयर हाऊस कॉरपोरेशन द्वारा सभी दिन धान की खरीद का कार्य किया जाएगा। नरवाना की अनाज मण्डी में मंगलवार तथा शुक्रवार को खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा, वीरवार तथा शनिवार को हैफैड द्वारा, सोमवार तथा बुधवार को एग्रो द्वारा धान की खरीद का कार्य किया जाएगा। पिल्लूखेड़ा की अनाज मंडी में सभी दिन एफसीआई द्वारा धान की खरीद की जाएगी। सफीदों की अनाज मंडी में मंगलवार, वीरवार तथा शनिवार को हैफैड द्वारा तथा सोमवार, बुधवार एवं शुक्रवार को एफसीआई द्वारा धान की खरीद का कार्य किया जाएगा। उचाना की अनाज मंडी में मंगलवार, शुक्रवार को खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा, सोमवार तथा वीरवार को हैफैड द्वारा, बुधवार तथा शनिवार को एफसीआई द्वारा धान की खरीद का कार्य किया जाएगा। बैठक में जींद के एसडीएम अश्वनी मलिक, जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक राकेश आर्य समेत सभी पांचों खरीद एजैंसियों के अधिकारी एवं कई विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे। 

नशीले पदार्थ बेचने वालों की दें गुप्त सूचना, होगी सख्त कार्रवाई : एसएसपी

जींद : जींद के एसएसपी डा. अरूण सिंह ने बुधवार को अपने कार्यालय में जिला के लगभग 2 दर्जन गांवों के सरपंचों और ब्लाक समिति के चेयरमैन तथा अन्य के साथ बैठक करते हुए कहा कि नशीले पदार्थ बेचने वाला भी गांव का ही है और खरीदनें वाला भी गांव का। एक युवा दूसरे युवा को नशे की लत में धकेल रहा है। बाहर का तो कोई भी नहीं है। गांव की पंचायत इन बुराईयों को गांव से दूर करने के लिए सकारात्मक भूमिका निभा सकती है। इसके लिए सबको अपनी अच्छी सोच के साथ काम करना होगा ताकि युवाओं को एक अच्छी दिशा की और ले जाया जा सके। सडक़ पर घायल व्यक्ति को अस्पताल तक पहुंचाने का काम करना भी एक समाज सेवा का काम है। अगर घायल व्यक्ति को समय पर उपचार मिल जाए तो उसका जीवन बच सकता है तो सहायता करने वाला जीवन भर इस कार्य के लिए खुशी महसूस करेगा। उन्होंने कहा कि गांव की पंचायतें गांव में समाज सेवा के लिए सकारात्मक काम करती आई हैं और आगे भी करती रहेंगी। गांव में कुछ असामाजिक तत्व होतेे हैं जो आपराध को बढ़ावा देने का  काम करते हैं। ऐसे लोगों के बारे में पुलिस को सूचित करें ताकि उन पर काबू पाया जा सके। सूचना देने वाले का नाम और पता गुप्त रखा जाएगा। एसएसपी ने कहा कि क्राइम और क्रप्शन पर हर हालत में काबू पाकर उसे कम किया जाएगा। 
अवैध शराब का खुर्दा चलाने का काम करने वालों पर भी शिकंजा कसा जाएगा इसके लिए पंचायतें पुलिस को सूचना दे सकती हैं ताकि अवैध तरीके से कारोबार करने वाले लोगों पर काबू पाया जा सके । इस अवसर पर सफीदों ब्लाक समिति के चेयरमैन राकेश कुमार, मेहरड़ा के सरपंच सुरेश कुमार, धर्मगढ़ के सरपंच अजीतपाल, गोसाई खेड़ा के सरपंच वीरेंद्र सिंह, गोविंदपुरा के सरपंच सुरेश कुमार, भगवानपुरा के सरपंच बलवान सिंह, घसो कलां के सरपंच सुरेंद्र कुमार, दालमवाला के सरपंच जगदीश कुमार, दरोली खेड़ा के सरपंच नसीब सिंह, बिटानी के सरपंच राजेश कुमार, लिजवाना कलां के सरपंच रामफल, सिक्योरिटी इंचार्ज महेंद्र सिंह, पुलिस पीआरओ पवन कपूर आदि मौजूद थे।  

अच्छा काम करने वाले अधिकारी-कर्मचारी होंगे सम्मानित

2 अक्तूबर को होगा जिला स्तरीय समारोह

जींद,  : एडीसी धीरेंद्र खडगटा ने कहा कि स्वच्छता ही सेवा, अभियान के तहत अच्छा कार्य करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों एवं समाज सेवियों को सम्मानित करने के लिए आगामी 2 अक्तूबर को स्थानीय जिला परिषद परिसर के पार्क में जिला स्तरीय सम्मान समारोह का आयोजन किया जाएगा। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता डीसी अमित खत्री करेंगे। 
धीरेंद्र खडगटा ने यह जानकारी एडीसी कार्यालय में आयोजित हुई अधिकारियों की एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी। उन्होंने सभी विभागाध्यक्षों को निर्देश दिए कि वह अपने-अपने विभागों के उन कर्मियों की सूची तुरंत तैयार कर कार्यालय में भिजवाना सुनिश्चित करंे, जिन्होंने स्वच्छता अभियान के दौरान शानदार कार्य किया हो। उन्होंने जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी को निर्देश दिए कि वे स्वर्ण जयन्ती पुरस्कार विजेता ग्राम पंचायतों की सूची भी भिजवा दें ताकि इन गांवों के सरपंचों को भी समारोह में सम्मानित किया जा सके। जिला में ऐसी 72 ग्राम पंचायतें है, जिन्होंने स्वर्ण जयन्ती स्वच्छता ग्राम पंचायत का दर्जा प्राप्त किया है। उन्होंने कहा कि  सम्मानित होने वाले लोगों एवं कर्मियों की सूची तुरन्त तैयार कर लें। एडीसी ने कहा कि नगरपरिषद के अधिकारी तथा खण्ड विकास एवं पंचायत अधिकारी उन लोगों की सूची भी तैयार कर लें, जिन्होंने जिले को खुले में शौच मुक्त की कुप्रथा से मुक्त करवाने में  अहम भूमिका निभाई है। इन लोगों को भी सम्मान समारोह में सम्मानित किया जाएगा।  
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इन ग्राम पंचायतों को किया जाएगा सम्मानित 
जींद खंड की ग्राम पंचायतों में श्रीरागखेड़ा, किशनपुरा, भैरोखेड़ा, बिरौली, रामराय खेड़ा, घिमाना, जीतगढ़, कैरखेड़ी, अहिरका, अमरहेड़ी, खुंगा, लखमीर वाला, जुलाना खंड के देशखेड़ा, अनूपगढ़, गोसाई खेड़ा, राजगढ़, अकालगढ़, कमाच खेड़ा, खेड़ा बक्ता, ब्राह्मणवास, शादीपुरा, फतेहगढ़, सिरसा खेड़ी, बूढ़ा खेड़ा लाठर, अलेवा खंड की ग्राम पंचायतों में दिल्लूवाला, दुड़ाना, कटवाल, खेड़ी बूल्ला, हसनपुर, चांदपुर, गोहिया, खांडा, शामदो, रायचंद वाला, कुचराना खुर्द, कुचराना कलां, संडील, पेगां, पिल्लूखेड़ा खंड की ग्राम पंचायतों में रजाना खुर्द, खरकगादिया, आलणजोगी खेड़ा, पिल्लूखेड़ा, हाडवा, बनिया खेड़ा, खरक गागर, जामनी, ढाठरथ, सफीदों खंड की ग्राम पंचायतों में छाप्पर, बड़ौद, जयपुर, बसीनी, करसिंधू, हरिगढ़, खातला, पाजू खुर्द, ऐंचरा खुर्द, रामपुरा, धर्मगढ़, अफताबगढ़, नया सिवानामाल, सिंघपुरा, नरवाना खंड की ग्राम पंचायतों में रसीदां, पीपलथा, रेवर, गुरथली, ढिंढोली, सुलेहड़ा, कोयल, ढाबी टेकसिंह, उचाना खंड की ग्राम पंचायतों में सफा खेड़ी, खरक बूरा, सेढ़ा माजरा, घसो खुर्द, रोज खेड़ा, डूमरखां कलां, उचाना खुर्द, झील, डोहाना खेड़ा, घोघडिय़ां शामिल हैं। 
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15 तक मिशन अंत्योदय ग्राम समृद्धि एवं स्वच्छता पखवाड़ा आयोजित
उन्होंने कहा कि आगामी एक अक्तूबर से 15 अक्तूबर तक मिशन अंत्योदय ग्राम समृद्धि एवं स्वच्छता पखवाड़ा का आयोजन किया जाएगा। इस स्वच्छता अभियान के दौरान गांव में प्रभात फेरियां, ग्राम सभाओं का आयोजन, कृषि सभाओं के आयोजन समेत स्वच्छता से संबंधित अनेक प्रकार की गतिविधियों का आयोजन होगा। उन्होंने कृषि विभाग के अधिकारियों से कहा कि वह आगामी 8 तथा 9 अक्तूबर को इस अभियान के तहत उद्यान विभाग के साथ मिलकर कृषि सभाओं का आयोजन करे। उन्होंने यह भी कहा कि 2 अक्तूबर को गांव में ग्राम सभाओं का आयोजन करवाना भी सुनिश्चित करे। उन्होंने जिला विकास एवं पंचायत विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह 28 से 30 सितम्बर तक ग्रामीण क्षेत्र में स्वच्छता जागरूकता अभियान चलाए। इन 3 दिनों में लोगों को स्वच्छता के महत्व बारे जानकारी देने के लिए गांव में होर्र्डिंग्ज, बैनर और अन्य प्रचार जागरूकता सामग्री भी चस्पा करवाए और लोगों को स्वच्छता बारे जागरूक करने के लिए अन्य गतिविधियों का भी आयोजन करे। एडीसी ने कहा कि आगामी एक अक्तूबर को जिला के (आईकोनिक) एतिहासिक, धार्मिक प्रसिद्व स्थलों व अन्य स्थलों की साफ-सफाई को लेकर एक अन्य अभियान चलाया जाएगा। इस दिन जिन-जिन स्थलों की साफ-सफाई की जानी है, उनकी सूची भी तैयार कर भिजवाना सुनिश्चित करे। बैठक में जींद के एसडीएम अश्विनी मलिक, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मंदीप कुमार समेत सभी विभागाध्यक्ष मौजूद रहे। 

जयंती देवी मंदिर में सप्तमी पर मां दुर्गा के दर्शनों को उमड़ी भीड़

मेले में श्रद्धालुओं ने की जमकर खरीददारी
मंदिर परिसर में आयोजित जागरण में झूमे श्रद्धालु

जींद : शारदीय नवरात्र की सप्तमी के मौकेपर जयंती देवी मंदिर में बुधवार को हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने मां भगवती की पूजा अर्चना कर मन्नतें मांगी। जयंती देवी मंदिर में मां भगवती के दर्शन करने के लिए बुधवार को पूरे दिन श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। मंगलवार की रात मंदिर में मां भगवती का जागरण भी किया गया इसमें गायकों ने मां भगवती का गुणगान करके श्रद्धालुओं को भाव विभोर कर दिया। 
जयंती देवी मंदिर में बुधवार को अल सुबह से ही श्रद्धालुओं की लंबी लाइनें लगनी शुरू हो गई थी। दिन निकलते निकलते मंदिर परिसर में हजारों की संख्या में श्रद्धालु जमा हो गए तथा चारों तरफ मां भगवती के जयकारें गुंजने लगे। श्रद्धालुओं की भीड़ के कारण मंदिर के सामने कई बार जाम की स्थित बन गई। इस मौके पर मेले का भी आयोजन किया गया। इसमें सैकड़ों की संख्या में दुकाने लगाई गई थी। इन दुकानों पर महिलाओं तथा बच्चों ने जमकर खरीददारी की। श्रद्धालुओं को मां भगवती के दर्शन के लिए घंटों लाइन में लगना पड़ा। देवी के दर्शन के लिए दूर दराज से महिलाओं की टोलियां भजन गाते हुए दर्शन के लिए आए। मां भगवती के दर्शनों के लिए उमड़ी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस तथा मंदिर प्रबंध समिति के पदाधिकारियों को अच्छी खासी मशक्कत करनी पड़ी।
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पटियाला चौक पर रही पूरा दिन जाम जैसी स्थिति
शारदीय नवरात्र की सप्तमी पर जयंती देवी मंदिर के बाहर लगे मेले के कारण पटियाला चौक पर पूरा दिन जाम जैसी स्थिति लगी रही। मंदिर के बाहर सजी दुकानों पर श्रद्धालुओं ने जमकर खरीददारी की। श्रद्धालुओं की भीड़ के चलते सडक़ के दोनों और वाहनों की लंबी-लंबी कतारें लगी रही। इससे वाहन चालकों को अच्छी खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। 
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मां जयंती हर श्रद्धालु की करती है मंशा पूरी 
जयंती देवी मंदिर के पुजारी नवीन शास्त्री ने बताया कि जयंती देवी मंदिर निर्माण से अनेक कथाएं जुड़ी हैं। सागर मंथन के दौरान जब असुरों ने देवताओं से अमृत कलश छीन लिया था तो राजा जयंत ने अमृत कलश लेने के लिए यहां मां जयंती की मूर्ति स्थापित का अराधना की थी। मां जयंती के आर्शीवाद से ही देवताओं ने असुरों पर विजय पाई और अमृत कलश वापस छीन लिया। मंदिर निर्माण की दूसरी किदवंती के बारे में उन्होंने बताया कि जब पांडवों व कौरवों के बीच कुरूक्षेत्र युद्ध का ऐलान हुआ तो भगवान श्री कृष्ण ने पांडवों से कहा कि जब तक जयंती देवी तीर्थ में मां जयंती की पूजा नहीं की जाती तब तक कौरवों पर विजय पाना असंभव है। श्री कृष्ण के कहे अनुसार पांडवों ने यहां आकर मां जयंती की पूजा की और कुरूक्षेत्र युद्ध जीत लिया। उन्होंने बताया कि पहले जींद को जयंतीपुरी के नाम से जाना जाता था। बाद में मां जयंती के नाम से ही इसका नाम जींद पड़ा। उन्होंने बताया कि मंदिर के निकट ही सरोवर भी बना हुआ है जहां नहाने से चंद्रमा को कोढ़ दूर हुआ था। जो भी भक्त सच्चे मन से यहां मां जयंती की पूजा अर्चना करता है, मां जयंती उसकी हर मनोकामना पूरी करती है। 

लोगों के हाथों में जल्द होंगे नए राशन कार्ड

2005 के बाद नहीं बन पाए थे नए राशन कार्ड
हर साल पेज लगाकर विभाग चला रहा था काम
हर कैटेगरी की होगी अलग-अलग पहचान, 4 रंगों में नजर आएंगे राशन कार्ड 

जींद : जींद जिले के लोगों के लिए अच्छी खबर यह है कि अब जल्द ही उनके हाथों में नए राशन कार्ड होंगे। साल 2005 के बाद से जिले में नए राशन कार्ड नहीं बन पाए थे। विभाग के अधिकारियों द्वारा पुराने राशन कार्ड में ही पेज जोडक़र लोगों को राशन उपलब्ध करवाया जा रहा था। अब विभाग ने नए राशन कार्ड बांटने का काम शुरू कर दिया है। राशन कार्ड में अब लोगों की फोटो की बजाय आधार कार्ड नजर आएंगे। राशन कार्ड 4 अलग-अलग रंगों में बनाए गए हैं। कैटेगरी के अनुसार ही राशन कार्ड को अलग-अलग रंग दिया गया है। 
जींद जिले में 2005 के बाद नए राशन कार्ड नहीं बने। हालांकि विभाग की ओर से कई बार कहा गया कि जल्द ही विभाग द्वारा नए राशन कार्ड जारी कर दिए जाएंगे, लेकिन मुख्यालय से मिले निर्देश के बाद विभाग को अपने आदेश वापस लेने पड़े थे। विभाग द्वारा 2005 में बनाए गए राशन कार्ड की मान्यता 5 साल की थी, लेकिन 2010 में नए राशन कार्ड नहीं बनने से इसमें नया पेज जोड़ दिया गया था। नए पेज जोडऩे के बाद यह सिलसिला लगातार 7 साल तक इसी प्रकार से चलता रहा। 12 साल बाद आकर खाद्य एवं पूर्ति विभाग के अधिकारियों ने राशन कार्डों की छपाई पूरी कर ली है। अब मुख्यालय से आदेश मिलते ही नए राशन कार्ड लोगों को थमा दिए जाएंगे।
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4 अलग-अलग रंगों के होंगे राशन कार्ड
खाद्य एवं पूर्ति विभाग द्वारा लोगों को जो राशन कार्ड दिए जाएंगे, वह राशन कार्ड अलग-अलग रंग के होंगे। जिले में सभी तरह की कैटेगरी के लिए अलग-अलग 328660 कार्ड प्रिंट होकर आए हैं। इनमें एएवाई राशन कार्ड को गुलाबी रंग दिया गया है। बीपीएल राशन कार्ड को पीला रंग, ओपीएच को खाकी रंग तथा एपीएल राशन कार्ड को हरे रंग में प्रिंट किया गया है। 
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फोटो की बजाय आधार कार्ड के नंबर बनेंगे पहचान
इस बार खाद्य एवं पूर्ति विभाग द्वारा जो राशन कार्ड लोगों को दिए जाएंगे, उसमें लोगों के फोटो की बजाय हर सदस्य के आधार कार्ड नंबर लिखे जाएंगे। यह आधार कार्ड नंबर ही सदस्यों की पहचान होंगे। इस बार जो राशन कार्ड जारी किया जाएगा, उसमें बैंक का खाता नंबर भी लिखना होगा। 
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क्या कहते हैं जिला खाद्य एवं आपूति नियंत्रक
जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक अधिकारी राजेश आर्य ने बताया कि जिले में खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के सभी उपभोक्ताओं के लिए नए राशन कार्ड छपकर आ चुके हैं। मुख्यालय से आदेश मिलते ही इन नए राशन कार्डों को डिपो होल्डरों के माध्यम से लोगों तक पहुंचाया जाएगा, ताकि लोग अपने नए राशन कार्ड को आवश्यकतानुसार प्रयोग कर सकें। अभी तक सभी राशन कार्ड जिला खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के पास ही रखे गए हैं।
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किस राशन कार्ड पर मिलता है कितना राशन
खाद्य एवं आपूर्ति विभाग अपने उपभोक्ताओं को कार्डो के अनुसार अलग-अलग मात्रा और कीमत में खाद्य पदार्थ देता है। इनमें बीपीएल और ओपीएच उपभोक्ताओं को 5 किलोग्राम प्रति व्यक्ति 2 रूपए किलोग्राम कीमत से गेहूं मिलता है। एएवाई (गुलाबी ) उपभोक्ताओं को 35 किलोग्राम गेहूं 2 रूपए प्रति किलोग्राम कीमत से तथा एएवाई को 2 किलोग्राम चीनी प्रति महीना 13.50 रूपए प्रति किलो की दर से, एएवाई और बीपीएल उपभोक्ताओं अढ़ाई किलो ग्राम दाल 20 रूपए प्रति किलो की दर से मिलती है।
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जिले में किस राशन कार्ड के कितने हैं उपभोक्ता
राशन कार्ड                     उपभोक्ताओं की संख्या 
एएवाई(गुलाबी)               18763
बीपीएल (पीला)              51452
ओपीएच (खाकी)             102745
एपीएल (हरा)                155700
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जिले में किस ब्लाक में कितने डिपो होल्डर
ब्लाक का नाम            संख्या
जींद                      156
नरवाना                   162
सफीदों                    80
उचाना                    52
अलेवा                    35
जुलाना                    58
पिल्लुखेड़ा                 41

जींद में 45 फुट का होगा रावण का पुतला


रावण परिवार के पुतलों की आंखों में दिखेगा गुस्सा
अर्जुन स्टेडियम और रेलवे जंक्शन स्कूल में फूंके जाएंगे रावण परिवार के पुतले 

जींद : जींद में 30 सितम्बर को अर्जुन स्टेडियम में होने वाले दशहरा समारोह में रावण का पुतला 45 फुट का होगा। श्री सनातन धर्म आदर्श रामलीला क्लब (किला) की ओर से दशहरा पर्व पर इस बार रावण, मेघनाद और कुंभकरण की आंखें गुस्से से पूरी तरह लाल दिखाई देंगी। यह पुतले लोगों को अपनी ओर आकर्षित करते दिखाई देंगे। रावण, मेघनाद और कुंभकरण का पुतला बना रहे कारीगर कैथल निवासी ज्ञासुदीन अपनी विशेष कारीगरी के द्वारा आंखों को गुस्से से लाल दिखाए गए हैं। 
रावण का पुतला 45 फुट, कुंभकरण का पुतला 40 फुट, मेघनाद का पुतला 40 फुट के बनाए गए हैं। पुतले दशहरा पर्व के लिए रावण, मेघनाद और कुंभकरण का पुतला तैयार कर रहे कारीगर ज्ञासुदीन ने बताया कि इस बार 40 से 45 फुट के पुतले बनाए गए हैं। इनमें विशेष रूप की आतिशबाजी लगाई जाएगी। तीनों पुतलों की आंखें गुस्से से पूरी तरह लाल दिखाई देंगी। उन्होंने बताया कि 4 सदस्यीय टीम पिछले 15 दिन से पुतले बनाने की तैयारियों में लगी हुई थी। वीरवार को पुतलों को अंतिम रूप दे दिया गया है। शुक्रवार रात को तीनों पुतलों को तैयार कर अर्जुन स्टेडियम में खड़ा कर दिया जाएगा। उधर श्री सनातन धर्म आदर्श रामलीला क्लब (किला) ने भी दशहरा पर्व की तैयारियां लगभग पूरी कर ली है। दशहरा पर्व पर विशेष शोभायात्रा यात्रा निकाली जाएगी। झांझ गेट स्थित श्री सनतान धर्म मंदिर से शुरू होने वाली शोभा यात्रा अर्जुन स्टेडियम में संपन्न होगी, जहां रावण, कुंभकरण व मेघनाद के युद्ध के साथ उनका दहन किया जाएगा।
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क्या कहते हैं रामलीला क्लब (किला) के प्रधान 
श्री सनातन धर्म आर्दश रामलीला क्लब (किला) के संरक्षक संतलाल चुघ ने बताया कि दशहरा पर्व की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। शोभा यात्रा के लिए भी तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। उन्होंने बताया कि शोभा यात्रा के समापन के बाद अर्जुन स्टेडियम में रावण, कुंभकरण व मेघनाद का दहन किया जाएगा। 
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रेलवे जंक्शन स्कूल में भी होगा पुतले का दहन
शिव शक्ति रामलीला क्लब द्वारा रेलवे जंक्शन स्कूल ग्राउंड में रावण के पुतले का दहन किया जाएगा। क्लब के सदस्य पुतले को रोहतक से लेकर आएंगे। क्लब के सचिव रवि चोपड़ा ने बताया कि रोहतक से 45 फुट का पुतला लाया जाएगा। 

रक्तदाता समाज के वास्तविक हीरो : डीसी

जींद : राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान परिसर में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। शिविर का उद्घाटन डीसी अमित खत्री ने विधिवत रूप से किया। रक्तदान शिविर में युवाओं द्वारा स्वेच्छा से 110 यूनिट रक्तदान किया गया। इस अवसर पर आईटीआई के प्राचार्य अनिल गोयल तथा कई विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे। 
डीसी अमित खत्री ने इस अवसर पर कहा कि रक्तदाता समाज के असली हीरो होते हैं, क्योंकि वह रक्तदान कर दूसरों के जीवन को बचाने का काम करते हैं। रक्तदान करने से शरीर में किसी प्रकार की कोई कमजोरी नहीं आती है बल्कि रक्तदान करने से शरीर में नई ताजगी एंव स्फूर्ति आती है। यहीं नहीं अनेक रोगों से भी रक्तदान कर बचा जा सकता है। हर युवा को समय समय पर रक्तदान करते रहना चाहिए। इससे पहले डीसी ने आईटीआई परिसर का दौरा किया। उन्होंने आईटीआई में लगी कक्षाओं में जाकर विद्यार्थियों से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने विद्यार्थियों से पूछा कि उन्हें पढ़ाई में किसी प्रकार की कोई दिक्कत तो आड़े नहीं आ रही है। इस पर विद्यार्थियों ने कहा कि उन्हें किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं है। फिर भी डीसी ने प्राचार्य अनिल गोयल को निर्देश दिए कि विद्यार्थियों की पढ़ाई में कोई दिक्कत नहीं आनी चाहिए। अगर किसी ट्रेड में किसी भी प्रकार की साजो सामान की जरूरत है तो उसे तुरंत मंगवाकर विद्यार्थियों को उपलब्ध करवाएं। उन्होंने आईटीआई की विभिन्न ट्रैडो के विद्यार्थियों द्वारा तैयार की गई वस्तुओं और सामग्री को देखकर प्राचार्य को निर्देश दिए कि जिला प्रशासन द्वारा निकट भविष्य में एक मेले का आयोजन करवाया जाना है। इस मेले में इन वस्तुओं की प्रदर्शनी भी लगाएं। 
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डीसी ने विद्यार्थियों को दिया सफलता का मंत्र
इस दौरान विद्यार्थियों से बातचीत करते हुए डीसी ने कहा कि जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए जुनून के साथ मेहनत करनी बहुत जरूरी होती है। अगर आप कड़ी मेहनत के साथ अपनी कोर्सों को पूरा करते है तो निश्चित रूप से आप रोजगार एंव स्वरोजगार की कोई कमी नहीं रहेगी। सरकार द्वारा भी हुनरमंद युवाओं को रोजगार एवं स्वरोजगार उपलब्ध करवाने के लिए अनेक योजनाएं लागू की है। कोर्स पूरा करने के बाद विद्यार्थियों को लागू की गई इन सरकारी योजनाओं का भरपूर लाभ उठाना चाहिए। इस कार्य में जिला प्रशासन द्वारा विद्यार्थियों को हर संभव मदद उपलब्ध करवाई जाएगी। 
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डीसी ने इन ट्रेडों की कक्षाओं में जाकर की विद्याथियों से बातचीत
उन्होंने आईटीआई में का दौरा करते हुए वहां टर्नर, रफ्रीजरनेटर एवं एसी, मशीनिस्ट, सीएनसी रूम, कटिंग एंड टेलरिंग समेत कई ट्रेडों की कक्षाओं में जाकर विद्यार्थियों से खुलकर बातचीत की। इस दौरान उन्होंने आईटीआई परिसर तथा क्लास रूमों में साफ-सफाई व्यवस्था का निरीक्षण भी किया। उन्होंने आईटीआई परिसर की साफ-सफाई व्यवस्था की प्रशंसा भी की। इस दौरान उनके साथ राजेश कुंडू, वीरेंद्र कौशिक, केवल सिंह समेत आईटीआई का अन्य स्टाफ भी साथ रहा। 

मैं भगत सिंह नाटक का किया मंचन

नाटक के माध्यम से वर्तमान सरकारी परिस्थतियों पर किए कटाक्ष

जींद, 28 सितम्बर (का.प्र.) : एक्टिव थियेटर एंड वैलफेयर सोसायटी द्वारा हरियाणा कला परिषद और हरियाणा संस्कृत अकादमी पंचकूला के तत्वावधान में चल रहे 11 दिवसीय नवरस राष्ट्रीय नाट्य उत्सव के आठवें दिन मैं भगत सिंह नाटक का मंचन रंगकर्मी कीर्ति किरपाल के निर्देशन में किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ उद्योगपति दीवान बाल कृष्ण, सीएमओ डा. संजय दहिया, समाजसेवी नरेश सिंगला, अजेश जैन, डा. सुरेश जैन ने द्वीप प्रज्जवलित करके किया। नाटक चाचे की टी स्टॉल से शुरू होता है जहां स्टॉल पर कुछ व्यक्ति आपस में बात रहे हैं कि अब हमारे मकान और यह जगह तोड़ कर यहां फैक्टरी बनाई जाएगी। हम गरीबों के बारें में कोई नहीं सोचता। यहां चाय की दुकान पर एक बच्चा भी काम करता है, जिसको एक क्रांतिकारी भगत सिंह की कुछ पुस्तकें देता है। वह बच्चा उन पुस्तकों पढ़ता है और अपने आप को भगत सिंह जैसा महसूस करता है और अपने क्रांतिकारी विचार रखता है तथा लोगों से आह्वान करता है कि आज हमारे सामने अंग्रेज नहीं हैं लेकिन उनकी नस्ल में यह काले लोग हमारा खून चूस रहे हैं। नाटक में एक किसान परिवार दिखाया है, जिसकी पहले फसल सूखे से मर जाती है, फिर ज्यादा बारिश के कारण बर्बाद हो जाती है। इससे किसान परिवार कर्जे के नीचे आ जाता है और सारा परिवार इक_ा होकर आत्महत्या कर लेता है। यह सारी घटनाएं छोटा भगत सिंह आज के दौर में देख रहा है और एक दिन सपने में भगत सिंह उसे मिलने आता है। इसी बीच जब भगत सिंह मंच पर आता है तो उनके आते ही दर्शकों से भरी रंगशाला में इंकलाब जिंदाबाद के नारों से गुंज उठती हैं। छोटा भगत सिंह उनसे पूछता है कि तुम आतंकवादी थे या तुम गोली चलाने में विश्वास करते थे। तब भगत सिंह कहता है कि आदमी की कीमत मेरे से बेहतर कोई नहीं जानता। ज
ब हमनें असेम्बली हॉल में बम फैंका, किसी भी इंसान को नुक्सान नहीं हुआ था। हमने वो बम सिर्फ  इसलिए फैंका कि अंग्रेजों की ये बहरी सरकार हमारी बात सुनें। मैं इंसानों से बहुत प्यार करता हूं। मैं कहता हूं कि एक इंसान दूसरे इंसान का शोषण ना करें सभी इंसान बराबर हों तथा सभी को जीने का अधिकार हो। आज ग्लोबलाइजेशन के दौर ने आम इंसान की कीमत क्या है उसकी जगह क्या है। ऐसे सवाल खड़े किए हैं इस नाटक ने। नाटक के अंत में सभी चरित्र कहते हैं कि मैं भगत सिंह हूं मैं भगत सिंह हूं मैं भगत सिंह हूं।  मुख्य अतिथि दीवान बाल कृष्ण ने कहा कि यह संस्था रंगमंच के क्षेत्र में बड़ा काम कर रही है। डा. संजय दहिया ने कहा कि यह नाटक मेरे जीवन के लिये बहुत प्ररेणादायक रहा है। इस मौके पर डा. राजेश जैन, डीसी विकास, मंगतराम शास्त्री सहित अनेक गणमान्य लोग मौजूद रहे। 

भोजन कराने को कन्याओं की कमी खली

श्रद्धालुओं ने कन्याओं को भोजन करा व्रत समाप्त किएकन्याओं को घर में भोजन कराने के लिए लोगों को करना पड़ा घंटों इंतजार

जींद,
शारदीय नवरात्र की अष्टमी पर वीरवार सुबह श्रद्धालुओं ने कन्याओं को भोजन कराया तथा पूजा अर्चना कर व्रत समाप्त किए, लेकिन श्रद्धालुओं को कन्याओं को कमी अखरती रही। कन्याओं को भोजन कराने के लिए श्रद्धालु उन्हें गली-गली ढूंढते नजर आए। कन्याओं को एकत्रित करने के लिए श्रद्धालुओं को भारी मशक्कत करनी पड़ी। कन्याओं को अपने घर भोजन के लिए ले जाने के लिए लोगों को घंटों कन्याओं का इंतजार करना पड़ा। उधर, शहर के विभिन्न मंदिरों में कन्याओं को सामूहिक भोज का आयोजन किया गया। 
मान्यता है कि नवरात्र की अष्टमी पर कन्याओं को भोजन कराने से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं और भक्तों की मन्नतें पूरी करती हैं। यह भी मान्यता है कि जब तक कन्याओं को भोजन न कराया जाए तब तक व्रत सफल नहीं होता। इसी मान्यता के चलते वीरवार को सुबह श्रद्धालुओं ने अपने-अपने घरों पर कन्याओं को भोजन कराया तथा अन्न प्रसाद के रूप में ग्रहण करके व्रत समाप्त किया। श्रद्धालुओं ने वीरवार सुबह जहां कन्याओं को शीघ्र भोजन करा व्रत समाप्त कर अन्न ग्रहण करने को उतावले दिखे वहीं कन्याओं की कमी का उन्हें सामना करना पड़ा। कुछ लोगों को तो भोजन कराने के लिए कन्याएं न मिलने पर मंदिरों में सामूहिक रूप से भोजन कराकर काम चलाया। वहीं कुछ कन्याओं ने कई-कई घरों में भोजन किया।
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कन्याओं को लाने के लिए घर-घर गए श्रद्धालु
नवरात्र में व्रत रखने वाले श्रद्धालु दुर्गा अष्टमी पर पूजा-अर्चना के लिए कन्याओं को अपने घर में भोजन कराने के लिए घंटों तक कालोनियों में घूमते रहे। दुर्गा अष्टमी पर व्रत रखने वाले माता के श्रद्धालु कन्याओं को भोज करवाते हैं। कन्याओं को भोज करवाने के बाद ही व्रत पूरे माने जाते हैं। व्रत रखने वाले श्रद्धालु सुबह लड़कियों को ले जाने के लिए घर-घर पहुंच गए थे। सुबह होते ही श्रद्धालु मोटरसाइकिल सहित अन्य साधन लेकर अपने-अपने यहां लड़कियों को लेकर गए। भोज करवाया कर व्रत को पूरा किया। कई स्कूलों द्वारा दुर्गा अष्टमी पर सामूहिक पूजन कार्यक्रम का भी आयोजित किया गया। इसके अलावा कई स्कूलों में अवकाश भी किया हुआ था ताकि श्रद्धालु लड़कियों को भोज करवा सकें। व्रत रखने वाली सुषमा, कमला, अंजू ने बताया कि एक लडक़ी ने कई-कई जगह पर भोज किया। उनके यहां व्रत पूरा करने के लिए लड़कियों को भोज करवाना था। कई-कई घरों में जाकर लड़कियों को भोज के लिए लाना पड़ा। बिना लड़कियों को भोज करवाए व्रत पूरा नहीं होता है। 
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महर्षि विद्या मंदिर स्कूल में 51 कन्याओं का हुआ पूजन
महर्षि विद्या मंदिर स्कूल में वीरवार को 51 कन्याओं का पूजन किया गया। इस के तहत सबसे पहले कन्याओं के पांव धुलवा कर और हलवा और छोले, केले का प्रसाद वितरित किया गया और इसके साथ-साथ विद्यालय के सीनियर छात्रों ने कन्याओं को कन्या पूजन के समय प्रसाद वितरित किया और उनका आशीर्वाद लिया तथा उनकी रक्षा हेतू शपथ ली। स्कूल प्राचार्या अनीता शर्मा ने कन्या भू्रण हत्या की रोकथाम और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का  संदेश  दिया और कन्याओ के सम्मान किए जाने की ओर सभी को प्रेरित किया और कहा कि हमें सिर्फ एक दिन ही नहीं अपितु हमेशा कन्याओं का सम्मान करना चाहिए। माता की आरती के साथ पूजन संपन्न हुआ।
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विहिप ने भी किया सामूहिक पूजन
विश्व हिंदू परिषद जींद के सामाजिक समरस्ता विभाग द्वारा कन्या पूजन कार्यक्रम किया गया। सुबह दुर्गाष्टमी के उपलक्ष मे विश्व हिंदू परिषद जींद के सामाजिक समरसता विभाग द्वारा रामराय गेट जींद स्थित महर्षि वाल्मीकि धर्मशाला मे कन्या पूजन का कार्यक्रम किया गया। इसमें देवी दुर्गा स्वरूपा 51 कन्याओं का विश्व हिंदू परिषद कार्यकर्ताओ द्वारा विधिवत पूजन कर उन्हें भोग अर्पण किया गया। कार्यक्रम का मूल उद्देश्य हिंदू समाज से जातियता का भेद समाप्त कर परस्पर भाईचारा स्थापित करना है। कार्यक्रम मे बच्चियों के माता-पिता को सरकार द्वारा कन्याओं के हित के लिए चलाई जा रही योजनाओ के प्रति भी जागरूक किया गया। कार्यक्रम मे महेश मंगला, सुरेंद्र, नवीन, संजय, अशोक भारत एवं दुर्गा वाहिनी की बहनों ने मुख्य रूप से भूमिका निभाई।

Wednesday, 27 September 2017

प्रदूषण को रोकने के लिए प्रशासन गंभीर

किसानों को फसल नहीं जलाने के लिए किया जाएगा प्रेरित
अवशेष जलाने वाले गांव की डीसी ने मांगी जानकारी

जींद
: जिले में कोई भी किसान धान या अन्य प्रकार की फसलों में आग लगाकर प्रदूषण नहीं फैला पाएगा। जिला प्रशासन ने प्रदूषण को काफी गंभीर समस्या मानते हुए इसको रोकने के लिए ठोस कदम उठाए हैं। जिला प्रशासन द्वारा गांवों में जागरूकता अभियान लगाकर किसानों को फसल नहीं जलाने के लिए प्रेरित किया जाएगा। इसके अलावा डीसी ने ऐसे गांवों की सूची मांगी है, जहां पिछले 3 साल में किसानों ने ज्यादा फसलों में आग लगाई है।
फसल कटाई के बाद शेष रहने वाले अवशेषों और डंठलों के जलाने पर पूर्ण अंकुश लगाने के लिए लोगों को जागरूक करने के लिए एक विशेष चेतना अभियान प्रशासन शुरू कर दिया है। राजस्व विभाग, विकास एवं पंचायत, पुलिस, स्वास्थ्य, कृषि, पशुपालन, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग, मार्कीट कमेटी मिलकर फसलों के अवशेष नहीं जलाने के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए विशेष अभियान चलाएंगे। डीसी अमित खत्री ने बताया कि इस जागरूकता की मुहिम को प्रभावी तरीके से चलाने के लिए सभी विभागों के क्षेत्रीय कर्मियों को इस मुहिम को गांव स्तर तक ले जाने के लिए कहा गया है। कृषि विभाग द्वारा गांवों में लोगों को जागरूक करने के लिए चेतना शिविर आयोजित करने के लिए कहा गया है। विभाग द्वारा स्वच्छता समृद्वि कार्यक्रम आयोजित करवाए जाएंगे। इनमें ग्रामीणों को फसलों के अवशेष जलाने से होने वाली हानियों बारे जानकारी दी जाएगी। ग्राम सभा की बैठक में भी इस मुद्दे को प्राथमिकता के आधार पर प्रचारित किया जाएगा। 
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भूकंप से बचाव को लेकर होगा कार्यक्रम
डीसी अमित खत्री ने बताया कि 9 अक्तूबर से 13 अक्तूबर तक जिला में भूकंप से बचाव को लेकर चेतना सुरक्षा सप्ताह का आयोजन किया जाएगा। इसमें हिप्पा के प्रशिक्षण देने वाले कर्मियों को विशेष हिदायत दी गई है कि वह अपने जागरूकता के कार्यक्रम में फसलों के अवशेष जलाने से होने वाली हानियों को विशेष रूप से उजागर करे ताकि लोगों में चेताना लाई जा सके।
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पिछले 3 सालों में फसलों के अवशेष जलाने वाले गांवों को किया जाएगा चिह्नित
डीसी अमित खत्री ने बताया कि पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के कर्मियों को कहा गया है कि वह जिला के ऐसे गांव जिनमें अधिक मात्रा में फसलों के अवशेष जलाए जाते हैं, उनको सूचीबद्ध किया जाए और उनमें फसल अवशेष जलाने से होने वाली हानियों को लेकर सघन चेतना अभियान चलाया जाएगा। इसी प्रकार औद्योगिक वैस्ट तथा ईंट भ_ों से उतपन्न होने वाले पर्यावरण प्रदूषण पर नियंत्रण रखने के लिए नहर उद्योग तथा खाद्य एवं आपूर्ति विभाग को कार्य योजना तैयार करने के लिए निर्देश दिए गए है। 
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फसल अवशेषों से तुड़ी बनाने के लिए मशीन व अन्य उपकरणों पर सब्सिडी देने की योजना को लोकप्रिय बनाने 
फसल कटाई के बाद शेष बचने वाले डंठलों से पशुओं के चारे के लिए तुड़ी बनाई जा सकती है। तुड़ी बनाने के लिए जो मशीन या उपकरण उपलब्ध है, उन पर सब सीडि दी जाती है। इस योजना का किसानों में अधिकाधिक प्रचार प्रसार करने के लिए कृषि विभाग के उपनिदेशक को दायित्व सौंपा गया है। डीसी ने बताया कि डंठलों के जलाने से पर्यावरण प्रदूषित होता है। पर्यावरण संरक्षण के लिए कई विभागों के अधिकारियों को सामूहिक जागरूकता की मुहिम चलाने के लिए निर्देश दिए गए है। 

इस बार धान उत्पादकों की मंडी में बल्ले-बल्ले

1509 किस्म के भाव इस बार 2700 के पार

जींद : मंडी में इस बार धान उत्पादक किसानों के लिए साल 2015 और 2016 के मुकाबले तस्वीर काफी बदली हुई और सुखद है। कारण यह है कि मंडी में किसानों को धान की फसल का पिछले 2 सालों से कहीं ज्यादा भाव मिल रहा है। 
साल 2015 में धान उत्पादक किसानों पर भाव को लेकर बड़ी मार पड़ी थी। उस साल धान की 1509 किस्म का भाव 1400 रूपए प्रति क्विंटल भी नहीं मिल पा रहा था। किसानों के धान की खेती घाटे का सौदा बन गई थी और खुद सरकार को आकर 1400 रूपए प्रति क्विंटल के भाव 1509 किस्म की धान खरीदनी पड़ी थी। पिछले साल भी मंडी में धान की 1509 किस्म 2100 रूपए प्रति क्विंटल तक ही बिक पाई थी। इस साल धान की 1509 किस्म का भाव किसान को बहुत अच्छा मिल रहा है। मंडी में इस साल धान की 1509 किस्म 2700 रूपए प्रति क्विंटल के भाव जींद में बिक रही है जबकि कुछ मंडियों में इस किस्म की धान 2800 से 2900 रूपए प्रति क्विंटल तक भी बिक रही है। इस साल धान की 1509 किस्म की उपज भी पिछले सालों की तुलना में ज्यादा हो रही है और इससे किसान की बल्ले-बल्ले हो रही है। 
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इस बार किसान के लिए धान की 1509 किस्म में फायदा ही फायदा : मनीष गोयल
जींद मार्कीट कमेटी के वाइस चेयरमैन मनीष उर्फ बबलू गोयल का कहना है कि मंडी में धान की 1509 किस्म की आवक शुरू हो गई है। 2700 रूपए प्रति क्विंटल के भाव मंडी में यह धान बिक रही है। पिछले 3 साल में धान की इस किस्म का यह सबसे ज्यादा भाव है। इस साल पैदावार भी पिछले साल से ज्यादा मिल रही है। इसके चलते किसान को धान की इस खेती में फायदा ही फायदा है। 

रंगशाला में डाक्टर आप भी नाटक का मंचन

जींद : एक्टिव थियेटर एंड वैलफेयर सोसायटी द्वारा हरियाणा कला परिषद व हरियाणा संस्कृत अकादमी पंचकूला के तत्वावधान में चल रहे 11 दिवसीय नवरस राष्ट्रीय नाट्य उत्सव के छठे दिन डॉक्टर आप भी नाटक का मंचन रंगकर्मी सतेंद्र सिंह के निर्देशन में संपन्न हुआ। 
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य सलाहकार मैक कुरुक्षेत्र महेश जोशी, प्राचार्य देवा सिंह गोयल, चीफ  मैनेजर पीएनबी बीएम पंवार, डा. रमेश बंसल, डा. सुरेश जैन ने दीप प्रज्जवलित करके किया। नाटक की शुरूआत कलाकार जब मंच पर अपना पहला डॉयलोग बोलता है तभी सभागार में बैठे दर्शक तालियों के साथ स्वागत करते हैं। डाक्टर आप भी नाटक में दिखाया गया है कि कोई भी डाक्टर बुरा दुष्ट या खलनायक नहीं होता है वो सब एक गतीशील प्रभाव में शामिल हो गए हैं। जो उनको और समाज को गर्त में ले जाएगा। जिसके भले के लिए यह पेशा करना है उसका साथ उन्होंने कब का छोड़ दिया है। अब उनके हाथ केवल पैशेंट की जेब टटोल रहे हैं। उसमें रखा पर्स कितना बड़ा है ये देख रहे हैं। दुर्घटनाओं की खबरे हम पढ़ते हैं ना, जानती हो वहां चोर, लुटेरे सबसे पहले पहुंचते हैं और यात्रियों के गले में, कान में, हाथ में, जो होगा उसे छीन लेते हैं वैसी ही हालत इस पेशे की होने से पहले डाक्टर को सावधान होना चाहिए। इस तरह के दमदार डॉयलोग और कलाकारो के बहतरीन अभिनय ने दीवान बाल कृष्ण रंगशाला में राष्ट्रीय नाट्य उत्सव में उपस्थित सभी दर्शकों को करीब डेढ़  घंटे तक मंत्रमुग्ध करके रखा। ऐसी बहतरीन प्रस्तुत मंच पर देख लोग शुरू से लेकर अंत तक बंधे रहे। नाटक डॉक्टर आप भी एक सुप्रसिद्ध मराठी लेखक अजीत दलवी की कृति है। इस नाटक में एक डॉक्टर एक ऐसी महिला का गर्भाश्य निकाल लेती है जिसे बच्चा न होने की समस्या है और इस बात से बेखबर वह महिला सोचती रहती है कि अब मेरा इलाज चल रहा है और वो मां बन सकेगी। अपने बच्चे को जन्म दे सकेगी लेकिन कुछ समय बाद जब उस महिला को पता चलता है कि उसका तो गर्भाश्य ही निकाल लिया गया है तो फिर से उसी डॉक्टर के पास जाती है और अपने गर्भाश्य के बदले उस महिला डॉक्टर का गर्भाष्य मांग लेती है और इस पूरे घटनाक्रम के दौरान उस महिला डॉक्टर का पति डॉक्टर अविनाश उस महिला का साथ देता है और कोर्ट में केस भी लड़ता है। इसके बाद अनेकों संदेश  देता हुआ समाज को झकझोरता हुआ यह नाटक खत्म होता है। नाटक की प्रस्तुति की अगर बात करें तो अपने आप में एक शानदार प्रस्तुति दर्शकों में देखी, बेजोड़ अभिनव से एक-एक कलाकार ने खूब तालियां बटोरी और पहली बार किसी नाटक में हरियाणी लोक संगीत संयोजन भी देखने को मिला जो दर्शकों को लुभा गया। मुख्यअतिथि महेष जोशी ने कहा कि यह संस्था रंगमंच के क्षेत्र में बड़ा काम कर रही है। मंच का संचलान कृष्ण नाटक ने किया। इस मौके पर डीसी विकास, श्री मंगत राम शास्त्री, डा. सुरेश जैन, ओमप्रकाश चौहान, सुभाष श्योराण, प्रवीण परूथी, डा. प्रियदर्शी, प्यारे लाल सिंगला, मनोज कुमार खंडेवाल, प्रवेष त्यागी, प्रवीन दुग्गल, हिमांषु कैप्चर इत्यादि लोग मौजूद रहे। 

सोमनाथ मंशा देवी मंदिर में लगा मेला

कात्यायनी देवी के दर्शन को उमड़ी भीड़
श्रद्धालुओं ने मां कात्यायनी की पूजा कर मांगी मन्नतें

जींद : शारदीय नवरात्र कीछठ पर मंगलवार को सोमनाथ मंदिर में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने भगवती दुर्गा तथा मां कात्यायनी के दर्शन कर सुखी जीवन की कामना की। छठे नवरात्र पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु मध्यरात्रि से ही सोमनाथ मंदिर में जमा होने शुरू हो गए। नवरात्र के छठ के दिन कात्यायनी देवी के दर्शन का विशेष महत्व समझा जाता है। सोमनाथ मंदिर में देवी भगवती के दर्शन के श्रद्धालुओं की लंबी-लंबी लाइनें लग गई। इस मौके पर मंदिर में उमडऩे वाली भीड़ को ध्यान में रखकर  सुरक्षा के विशेष प्रबंध किए गए थे। मंदिर प्रबंध समिति ने भीड़ को देखते हुए महिला तथा पुरूषों के लिए मंदिर प्रांगण में बेरीकेटिंग की थी। देवी भगवती के दर्शन के लिए महिलाओं की संख्या अधिक थी। इस दौरान मंदिर की भव्य सजावट की गई। भीड़ को देखते हुए श्रद्धालुओं के प्रवेश व निकास के लिए अलग-अलग व्यवस्था करनी पड़ी। वहीं प्रशासन ने सुरक्षा की दृष्टिï से पुलिस की चौकसी की गई थी वहीं  मेला कमेटी के सदस्य भी पूरी सतर्कता से जुटे रहे।
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श्रद्धालुओं ने की जमकर खरीददारी
नवरात्र की छठ पर सोमनाथ मंदिर के बाद मेले का आयोजन किया गया। इसमें श्रद्धालुओं ने जमकर खरीददारी की। महिलाओं ने जहां घर के साजो सामान खरीदा वहीं बच्चों ने अपने लिए खिलौने खरीदे। पूरा दिन मंदिर के बाहर श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही। 
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यहां पर हर मन्नत होती है पूरी
श्री सोमनाथ मंशा देवी मंदिर में जो भी भक्त अपनी मन्नत लेकर जाता है, उसकी मन्नत हमेशा पूरी हुई है। ऐसा हम नहीं कहते बल्कि यहां आने वाले सैकड़ों भक्त कहते हैं। बताते हैं कि यह मंदिर द्वापर काल से यहां पर है। यहां पर श्रीकृष्ण ने पूजा अर्चना की थी और सोम तीर्थ की स्थापना की थी। इस तीर्थ में स्नान करने से अनेक व्याधियां दूर होते थे। चर्चा तो यहां तक है कि कोढ़ी का भी कोढ़ दूर होता था। मंदिर के आस-पास प्राचीन भवन बने हुए हैं। इसके अलावा मंदिर के पास में तालाब आज भी स्थापित है। इस तालाब का काफी महत्व है। एक समय था, जब आस-पास क्षेत्र से लोग यहां पर कपड़े धोने के लिए आते थे लेकिन धीरे-धीरे यह परंपरा खत्म होती जा रही है। यहां पर तालाब के चारों ओर दीवार  खींच दी गई है। एक समय ऐसा होता था जब यहां पर न तो कोई दीवार होती थी। यहां से आसपास के लोग चिकनी मिट्टी तालाब से लेकर जाते थे। अब मान्यता है कि यहां पर छठे नवरात्र पर मेला भरता है। यहां पर दूर दराज क्षेत्र से हजारों श्रद्धालु भाग लेने के लिए आते हैं। मंदिर में प्रत्येक देवी देवता का मंदिर है। मंदिर में प्राचीन मूर्तियां भी है। समय बीतने के साथ ही मंदिर को भक्तों के सहयोग से अच्छा लुक दिया गया है। मंदिर में नवरात्रों के दिनों में भारी भीड़ होती है। 
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कृष्ण ने दिया था पांडवों को उपदेश
माता मंशा देवी के बारे में बताते हैं कि जिस समय पांडव और कौरवों के बीच युद्ध हुआ था। युद्ध से पहले भगवान श्रीकृष्ण ने पांडुओं को उपदेश दिया था कि वे माता मंशा देवी की पूजा कर फिर युद्ध करें। माता मंशा देवी की पूजा करने के बाद युद्ध में तु हें विजयश्री मि

लेगी। भगवान श्रीकृष्ण ने माता मंशा देवी को यही से प्रकट किया था।
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आज जयंती देवी मंदिर में लगेगा मेला
हांसी ब्रांच नहर के पास स्थित जयंती देवी मंदिर में बुधवार को मेला लगेगा। मंदिर की प्रबंधक समिति ने मेले को देखते हुए सभी तैयारियों पूरी कर ली है। मंदिर की प्रबंधक समिति पहले ही बैठक कर पदाधिकारियों की डयूटी लगा चुकी है। श्रद्धालुओं को माता के दर्शन करने में किसी प्रकार की दिक्कत नहीं हो, इसी को देखते हुए श्रद्धालुओं के आने-जाने के लिए अलग-अलग बैरीकेडिंग की गई है। 

Monday, 25 September 2017

श्रद्धालुओं ने मां कुष्मांडा से मांगी मन्नतें

मंदिरों में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
मां का निरंत सिमरण करना चाहिए : आचार्य पवन 

जींद
नवरात्रे के चौथे दिन रविवार को माता कुष्मांडा की पूजा अर्चना के लिए मंदिरों में भारी भीड़ उमड़ी। शहर के प्रसिद्ध मंदिर जयंती देवी मंदिर, भूतेश्वर मंदिर, सोमनाथ मंदिर, राधा कृष्ण मंदिर, रघुनाथ मंदिर में सुबह से ही भक्त माथा टेकने के लिए पहुंचना शुरू हो गए। पूजा अर्चना के लिए मंदिरों में आए श्रद्धालुओं ने मंदिरों के बाहर सजी दुकानों से बच्चों के लिए खिलौने इत्यादि की खरीददारी भी की। जयंती देवी मंंदिर के पुजारी नवीन शास्त्री ने बताया कि शास्त्रों में ऐसा माना गया है कि यदि मां का यह स्वरूप आविर्भूत नहीं होता तो संपूर्ण संसार अपने ही विषैले पदार्थों से स्वयं ही नष्टï हो जाता। पूरे जगत में चारों ओर विनाश, अंधकार एवं अज्ञानता का बोलबाला होता। मां कुष्मांडा ने ही संसार में पनपी पूरी विषैली ऊर्जा को स्वयं पीकर सृष्टिï की रक्षा की थी। उन्होंने कहा कि नवरात्र के नौ दिन मानव जीवन में विशेष महत्व रखते हैं। इन दिनों में जो भी श्रद्धालु सच्चे दिल से मां भगवती की अराधना करता है मां भगवती उसकी मनोकामना अवश्य पूरी करती है।  
मां का निरंत सिमरण करना चाहिए : आचार्य पवन
आचार्य पवन शर्मा ने कहा कि मां का भक्त वह जो निरंतर मां का स्मरण करे, जिसके अंत:करण में प्रतिक्षण मां की ही स्मृति बनी रहे, जिसके जीवन का प्रधान लक्ष्य केवल मां हो। आचार्य पवन शर्मा नवरात्र पर्व पर माता वैष्णवी धाम में आयोजित नवार्ण महायज्ञ के दौरान उपस्थित मातृभक्तों को संबोधित कर रहे थे। घनश्याम सिंघल, केके चहल व नीरज मिगलानी एडवोकेट, विनोद भारद्वाज, जितेंद्र कौशिक, डा. अनुपम भाटिया, आरएन खटकड़, प्रमोद सोनी, मदन बतरा, रामफल सैनी, रोहित जिंदल, जसवंत पंवार, मयंक अरोड़ा, राजीव गर्ग ने सपरिवार मां चंद्रघण्टा की पूजा की व महायज्ञ में आहुति दी। आचार्य ने कहा कि मां की स्मृति केवल उसी से ही रहती है जो मां को अपना मानता है। प्रकृति का नियम है कि जिसे हम अपना समझते हैं उसे हम कभी भूलते नहीं हैं, हम उस व्यक्ति या वस्तु को ही भूलते हैं जिसे हम अपना नहीं समझते, जैसे कोई व्यक्ति अपने माता-पिता, भाई-बहन, पति-पत्नि आदि परिजनों को नहीं भूलता, तो इसका कारण यही होता है कि वह इनको अपना मानता है। इनका स्मरण करने के लिए पृथक से कोई उपाय नहीं करना पड़ता है। भगवान की स्मृति हमें इसलिए नहीं होती क्योंकि हम उसे अपना नहीं मानते, हम भगवान की दी हुई वस्तुओं को तो अपना मानते हैं लेकिन भगवान को नहीं। कैसी विचित्र बात है कि हमने सब कुछ देने वाले को तो पराया और नश्वर वस्तुओं को अपना मान लिया है। आचार्य ने कहा कि केवल परमात्मा ही नित्य है, शाश्वत है, सनातन है इसलिए वे ही हमारे अपने हो सकते हैं। इस मौके पर राजन चिल्लाना, हरबंस रल्हन, विनोद बतरा, कृष्ण गोपाल माटा, राजबीर तंवर, हरबंस मंगला, देवेंद्र शर्मा, अशोक गुलाटी, विरेन्द्र मेंहदीरत्ता, परमजीत सेठी, वेद टंडन, प्रषांत चौहान भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

रामलीला में कैकेयी और दशरथ संवाद रहा भावुक

संवादों पर जमकर तालियां बजाई दर्शकों ने 

नरवाना

श्रीरामा भारतीय कला केंद्र के तत्वावधान में हुड्डा ग्राउड में आयोजित रामलीला के पांचवे दिन जैन यूनिटी ग्रुप के सभी सदस्यो द्वारा दीप प्रज्वलित तथा रिबन काटकर मंचन का विधिवत शुभारंभ किया गया। आज के प्रसंगो मे मंथरा द्वारा कैकयी को बहकाना, रानी कैकेयी द्वारा कोपभवन में दशरथ से दो वरो का मांगना तथा श्रीराम का वनगमन के लिए तैयार होना प्रमुख रहे। सबसे भावुक दृश्य कैकेयी और दशरथ संवाद था। कैकयी ने अपने दो वरो में भरत के लिए अयोध्या का सिंहासन तथा राम के लिए चौदह वर्ष का वनवास मांग लिया। दशरथ ने नाना प्रकार से उसे समझाने का प्रयास किया परंतु कैकयी की अक्ल पर माया का पर्दा पडा था। उसने दशरथ को उलाहना दिया और अंत मे दशरथ ने यह कहते हुए वर मान लिए कि रघुपति रीत सदा चल आई, प्राण जाये पर वचन ना जाई। एक तरफ दशरथ शोकाकुल थे तो वहीं दूसरी ओर राम ने माता पिता के आदेश को सहर्ष स्वीकार किया और वे वन जाने को तैयार हुए। कैकयी, कौशल्या और सीता की भूमिका में हरीश, श्याम शर्मा व कुलदीप ने दर्शकों के अंतर्मन को छू लिया। रामलीला के प्रवक्ता अचल मित्तल ने बताया कि मीडिया कवरेज से प्रभावित होकर जुलाना से भी कुछ लोग रामलीला देखने आये। रामलीला के मंच पर प्रधान भारत भूषण गर्ग ने सभी मुख्य अतिथियों को सम्मानित किया। इस अवसर पर रमेश गर्ग, सोनू जैन,राजेश जैन, रोशन जैन, विनय जैन, हिमांशु जैन, आदिश जैन, भारत भूषण बंसल व दर्शको का भारी जन सैलाब उपस्थित रहा।

17 सालों से हनुमान का किरदार निभा रहे हैं मनजीत गौरा 

ओल्ड कोर्ट रोड़ पर अपनी दुकानदारी चला रहे 40 वर्षीय मनजीत गौरा पिछले 17 सालों से हनुमान का किरदार निभा रहे हैं। उसके किरदार को देखने के लिए काफी लोग स्पेशल रामलीला पहुंचते हैं। पर्दा खुलने के बाद उनके गगनभेदी नारेबोल सिया पति रामचंद्र की के बाद लोगों को विशेष सकून मिलता है। इतने लंबे समय से किरदार निभाने से उन्हें लगभग डॉयलाग याद हो गए हैं। वह पीछे से किसी के बोलने का इंतजार ही नहीं करते। सभी डायलाग अपने आप बोलते हैं। मनजीत गौरा ने बताया कि अब उन्हें रिहर्सल की ज्यादा जरूरत नहीं पड़ती लेकिन वह रामलीला के दौरान खाने पीने का काफी ध्यान रखते है। मंगलवार को व्रत रखते हैं। मंदिर जाते हैं और हनुमान की प्रार्थना करते हैं। मनजीत गौरा ने बताया कि कई बार तो उन्हें अयोध्या में होने के  स्वप्न आते है। एक प्रश्न के उतर में उन्होंने कहा कि वह तक तक हनुमान का किरदार निभाता रहेगा जब तक उन्हें श्री राम के आदेश होंगे। 




...अब पीएम के लोकसभा क्षेत्र के गोद लिए गांवों में लिंगानुपात को सुधारेंगे सुनील जागलान


फिलहाल राष्ट्रपति द्वारा गोद लिए 100 गांवों में चलाए हैं महिला सशक्तिकरण अभियान
मन की बात कार्यक्रम में पीएम फिर हुए सुनील जागलान के मुरीद
सेल्फी विद डॉटर को लेकर फिर लिया सुनील जागलान का नाम 

जींद 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात में रविवार को 36वीं बार राष्ट्र को संबोधित किया। रविवार को मन की बात कार्यक्रम में एक बार फिर से पीएम नरेंद्र मोदी ने गांव बीबीपुर के पूर्व सरपंच सुनील बीबीपुर का जिक्र किया और उनके सेल्फी विद डॉटर अभियान की तारीफ की। मन की बात कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा कि एक बार उन्होंने हरियाणा के एक सरपंच की सेल्फी विद डॉटर अभियान का जिक्र किया और इसे सबके सामने रखा। उन्होंने जब टूर पर जाने वाले लोगों से कहा था कि आप इनक्रेडिबल इंडिया पर जहां भी जाएं वहां की फोटों लें और भेजें। इसके तुरंत बाद लाखों फोटो आ गए। गांव बीबीपुर के पूर्व सरपंच सुनील जागलान का नाम एक बार फिर से पीएम की जुबान पर आने से सुनील जागलान के सेल्फी विद डॉटर अभियान को गति मिल गई है। हालांकि वो इसके साथ-साथ कई अभियान चलाए हुए हैं और फिलहाल हरियाणा व उत्तर प्रदेश में महिलाओं के उत्थान को लेकर सरकार के साथ मिल कर महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा दे रहे हैं। ऐसे में सुनील जागलान को पीएम मोदी की तारीफ मिलने से उनके हौंसले उड़ान पर हैं। रविवार को मन की बात कार्यक्रम के तीन साल पूरे हुए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उनके मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात ने समाज के हर वर्ग को एकजुट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और इसके जरिये देशभर से मिलने वाले सुझावों से शासन में सुधार लाने में मदद मिलती है। मोदी ने कार्यक्रम के 36वें संस्करण में कहा कि मन की बात के लिए उन्हें बहुत ज्यादा प्रतिक्रियाएं मिलती हैं। हमने इस कार्यक्रम के तीन साल पूरे कर लिए हैं। स्वभाविक रूप से मैं सभी का उल्लेख नहीं कर सकता लेकिन इससे मिलने वाली प्रतिक्रियाओं से हमें सरकार चलाने में मदद मिलती है। उन्होंने कहा कि इसने समाज के हर वर्ग को एकजुट करने में सहयोग दिया है। मोदी ने कहा कि मन की बात भारत की ताकत दिखाने का एक प्रभावी तरीका है। उन्हें ई-मेल नरेंद्र मोदी एप फोन और अन्य माध्यमों से जानकारी का खजाना मिलता है। बातों ही बातों में उन्होंने हरियाणा के गांव बीबीपुर के पूर्व सरपंच के सेल्फी विद डॉटर अभियान का जिक्र किया और उनके सेल्फी विद डॉटर अभियान की शुरूआत की। मन की बात कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा कि एक बार मैंने हरियाणा के एक सरपंच की सेल्फी विद डॉटर अभियान का जिक्र किया और इसे सबके सामने रखा। उन्होंने जब टूर पर जाने वाले लोगों से कहा था कि आप इनक्रेडिबल इंडिया पर जहां भी जाएं वहां की फोटों लें और भेजें। इसके तुरंत बाद लाखों फोटो आ गए। ऐसे में सुनील बीबीपुर के इस अभियान को जो सफलता मिली है उससे बेटियों की महत्ता उजागर हुई है और ऐसे ही कई अभियान सैल्फी के साथ शुरू हुए। उनके इस अभियान से देशभर में बेटियों को बचाने को लेकर मुहिम से शुरू हो गई। गौरतलब है कि 14 जुलाई 2012 को गांव बीबीपुर के पूर्व सरपंच सुनील जागलान ने अपने कार्यकाल के दौरान खाप पंचायतों को इक_ा कर बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ की जो मुहिम चलाई थी वह लिंगानुपात सुधार को लेकर अपने आप में पूरे देश में एक पहला प्रयास था। इस खाप पंचायत की विशेष बात यह थी कि पहली बार महिलाओं ने मंच पर आकर अपने मन की बात खुल कर कही थी और सुनील जागलान की यह मुहिम पूरे प्रदेश में होते हुई देश के कोने-कोने तक पहुंच गई थी। उनकी इस मुहिम के लिए भारत सरकार द्वारा सुनील जागलान को दो राष्ट्रीय पुरस्कारों से भी नवाजा जा चुका है। 

क्या कहना है सुनील जागलान का 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मन की बात कार्यक्रम में गांव बीबीपुर के पूर्व सरपंच सुनील जागलान का जिक्र होने पर सुनील जागलान ने कहा कि प्रधानमंत्री ने पांचवीं बार मन की बात कार्यक्रम में उनके कार्यक्रम को लेकर चर्चा की है। इससे उनका हौंसला और बढ़ जाता है। क्योंकि अंतररराष्ट्रीय स्तर पर प्रधानमंत्री जिस अभियान को ले जाना चाहते हैं वह उस अभियान से जुड़ हुए हैं और प्रधानमंत्री की उम्मीदों पर खरा उतरेंगे। उन्होंने कहा कि वो जल्द ही प्रधानमंत्री के लोकसभा क्षेत्र वाराणसी में उन दो गांवों मेें महिला सशक्तिकरण पर कार्य करेंगे जो दो गांव प्रधानमंत्री ने गोद लिए हुए हैं वो गांव हैं जयापुर व नागेपुर और वे लिंगानुपात मामले में इन दोनों गांवों को देश में आदर्श गांव बनाएंगे। वहीं उन्होंने कहा कि वे फिलहाल राष्ट्रपति द्वारा बीबीपुर मॉडल बनाए जाने वाले जो 100 गांव गोद लिए हुए हैं उनमें वे महिला सशक्तिकरण अभियान चलाए हुए हैं। 

आवारा पशु मुक्ति में तामझाम बौने

गौशालाओं में क्षमता से अधिक गोवंश
अस्थायी नंदीशाला में भी सुविधाओं का टोटा
जगह, संसाधन, आर्थिक पहलू सबसे बड़ी समस्या

 जींद
जिले को आवारा पशु मुक्त करने के लिए जिला प्रशासन द्वारा किया गया तामझाम अब तक बौना साबित हुआ है। 30 सितम्बर तक जिले को आवारा पशु मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। जिले में गौशालाओं में क्षमता से अधिक गोवंश पहुंच चुका है। जिसके चलते गौशालाओं को भी आर्थिक तथा स्थान की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। क्षमता के अधिक गोवंश होने के कारण गौशालाओं की स्थिति भी खराब है। अस्थायी तौर पर बनाई गई जिले में तीन नंदीशाला भी उन्हीं हालातों से गुजर रही हैं। अस्थायी नंदीशाला के लिए स्थान तो उपलब्ध है लेकिन उनमे धूप, छांव तथा बारिश से बचने के लिए शैड नहीं है। जिसके चलते गोवंश को बैठने में दिक्कत हो रही है और गोवंश बीमार होकर भी मर रहा है। पिछले दो माह में गोवंश की मौत का आंकड़ा 100 के लगभग पहुंच चुका है। बावजूद इसके अब भी गोवंश सड़कों पर दिखाई दे रहा है। अधिकारियों का दावा है कि जिलेभर में लगभग 1500 से 1700 तक गोवंश बाहर है। जिसे जल्द ही पकड़ लिया जाएगा। 
तीन अस्थायी नंदीशाला, 21 गौशालाओं पर निर्भर गोवंश
जिले में आवारा पशुओं के लिए तीन अस्थायी नंदीशाला बनाई गई हैं इसके अलावा 21 गौशालाएं हैं। जो लगभग 35 हजार गोवंश की शरण स्थली बनी हुई हैं। जींद नंदीशाला में तीन हजार, जुलाना में 600, सफीदों में 650 नंदी हैं। जींद में श्री गौशाला, हांसी रोड गौशाला, बालाजी गौशाला, सोमनाथ गौशाला, पिंडारा में श्रीकृष्ण गौशाला, गावं ढाणी गौशाला, धड़ौली गौशाला, ढाठरथ गौशाला, नगूरां गौशाला, सफीदों गौशाला, जुलाना गौशाला, उचाना फूल्लूसाध गौशाला, छात्तर गौशाला, नरवाना में कृष्णा गौशाला, सतपाल गौशाला, राधेश्याम गौशाला, ढाकल रोड गौशाला, जींद के रोहतक रोड तथा कैथल रोड और धमतान में भी छोटे स्तर की उपचार देने वाली गौशाला हैं। 
जगह, संसाधनों की कमी, गोवंश ज्यादा
जिले की कोई भी ऐसी गौशाला नहीं है जिसमे क्षमता से अधिक गोवंश न हो। जिसके चलते गोवंश को तो परेशानी का सामना करना ही पड़ता है साथ में संचालकों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। श्री गौशाला, सोमनाथ गौशाला, श्रीकृष्ण गौशाला, उचाना गौशाला, छातर गौशाला, धड़ौली गौशाला को छोड़कर किसी भी गौशाला के पास अपनी जमीन है। जिनकी जरूरते कुछ हद तक पूरी हो जाती हैं। बावजूद इसके गौशालाएं दानी सज्जनों पर निर्भर हैं। सभी गौशालाओं में क्षमता से अधिक गोवंश हैं। क्षमता एक हजार की है तो उसमे 1500 से 1700 तक गोवंश है। जिसके चलते संसाधनों तथा आर्थिक समस्या का भी सामना करना पड़ रहा है। 
धूप, छांव, बारिश से बचने के लिए नहीं शैड
जिले में अस्थायी तौर पर तीन नंदीशालाएं बनाई गई हैं। जिसमे जींद, जुलाना तथा सफीदों शामिल हैं। उचाना, नरवाना, पिल्लूखेड़ा तथा अलेवा में जगह उपलब्ध नहीं हो पाई है। जिन स्थानों पर अस्थायी नंदीशाला बनी हुई है उन्हीं ब्लॉकों में स्थायी नंदीशालाओं का निर्माण किया जा रहा है। अस्थायी नंदीशालाओं में लगभग छह हजार के लगभग गोवंश है। तीनों अस्थायी नंदीशालाओं में धूप, छांव तथा बारिश से बचने के लिए कोई छप्पर नहीं डाला गया है। बारिश मौसम के दौरान नंदियों के हालात दयनीय हो जाते हैं। नंदियों को भिडऩे से रोकने, बीमार, कमजोर, लाचार नंदियों को अन्य नंदियों से अलग रखने के लिए कोई स्थायी प्रबंध नहीं है।
संख्या नियंत्रित करने की कोशिश
आवारा पशुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए उनकी संख्या को नियंत्रित करने की कोशिश जिला प्रशासन द्वारा की गई है। पकड़े गए गोवंश को बधिया कर संख्या पर रोक लगाने की कोशिश की जा रही है। पशुपालन विभाग द्वारा लगभग दो हजार नंदियों को बधिया किया जा चुका है। विभाग के अधिकारियों को कहना है कि बधिया करने से न तो नंदी उग्र होता और न ही संख्या बढ़ाने की क्षमता रहती। 
गौशालाओं का आत्म निर्भर न होना परेशानी का मुख्य कारण

अन्ना टीम तथा अस्थायी नंदीशाला के सदस्य सुनील वशिष्ठ ने बताया कि गऊशालाओं के पास जगह तथा आत्मनिर्भता न होने के कारण गऊशाला आवारा पशुओं को लेने से कतरा रही हैं। जिसके पीछे मुख्य कारण गऊशाला, दूध, देशी खाद या गोवंश से जुड़े प्रोडेक्टों को तैयार नहीं कर रही है। ज्यादतर गोवंश लाचार तथा बीमार है और दूध की मात्रा तथा गुणवत्ता पर भी खरी नहीं है। गोवंश का कृषि में भी प्रयोग नहीं हो रहा है, जिसके चलते नंदियों की संख्या भी अच्छी खासी बढ़ती चली गई। उत्तम नस्ल का गोवंश होना जरूरी है। जिसके लिए आवश्यक कदम उठाए जाने जरूरी हैं। 

गौशालाओं में क्षमता से अधिक है गोवंश
बालाजी गौशाला के संरक्षक राजेश गौत्तम ने बताया कि आधा दर्जन के लगभग गौशाला कुछ हद तक आत्मनिर्भर है। अन्य गौशालाएं जनता के सहयोग से चल रही है। सभी गौशालाओं में क्षमता से अधिक गोवंश है। जिसके चलते संसाधनों की कमी का सामना करना पड़ रहा है और गोवंश को भी परेशान होना पड़ रहा है। गोवंश की संख्या क्षमता अधिक होने के कारण जगह का भी अभाव बना हुआ है। गांव स्तर पर प्रबंध कर आवारा पशुओं से मुक्ति दिलाई जा सकती है। 
क्या कहते हैं डीसी
डीसी अमित खत्री ने बताया कि जिले को निर्धारित समयाविधि में आवारा पशु मुक्त कर लिया जाएगा। पिछले कुछ दिनों से अधिकारी लगातार आवारा पशुओं को पकडऩे की मुहिम में जुटे हुए हैं। तीन हजार से ज्यादा आवारा पशुओं को पकड़ा जा चुका है। उन्होंने माना कि जिले में 1500 के लगभग आवारा पशु पकडऩे बाकि हैं। जिनकी धर पकड़ की जा रही है। फिलहाल तीन अस्थायी नंदीशालाओं में आवारा पशुओं को छोड़ा जा रहा है। तीन स्थायी नंदीशाओं का निर्माण कार्य जोरों पर है। जिले को आवारा पशु मुक्त करने के लिए जनसहयोग मिल रहा है। गौशालाओं को दिशा निर्देश दिए गए हैं। 

Sunday, 24 September 2017

अंधेर नगरी चौपट राजा नाटक ने मोहा दर्शकों का मन



नाटक के माध्यम से अज्ञानी राजा पर किए कटाक्ष
कलाकारों के हास्य व्यंग पर दर्शकों ने भी लगाए ठहाके 
 जींद 


एक्टिव थियेटर एंड वेल्फेयर सोसायटी द्वारा हरियाणा कला परिषद व हरियाणा संस्कृत अकादमी के तत्वावधान में चल रहे 11 दिवसीय नवरस राष्ट्रीय नाट्य उत्सव के तीसरे दिन अंधेर नगरी चौपट राजा का मंचन प्रसिद्ध रंगकर्मी रमेश कुमार के निर्देशन में किया। कार्यक्रम का शुभारंभ डा. रमेंद्र व डॉ. केएस गोयल तथा धनराज सिंगला ने दीप प्रज्ज्वलित करके किया। नाटक की कहानी कुछ इस प्रकार है कि बहुत दिन पहले की बात है काशी तीर्थ यात्रा की वापसी में एक गुरु शिष्य किसी नगरी में पहुंचे, उसका नाम अंधेर नगरी था। शिष्य बाजार में सौदा खरीदने पहुंचा तो वहां हर चीज एक ही भाव मिलती है। टके सेर भाजी टके सेर खाजा। एक टके का सेर भर खाजा खरीद लाया और बहुत खुश होकर अपने गुरुजी से बोला गुरुजी वहां तो बड़ा मजा है खूब मस्ती है। चीजें सब टका सेर। देखिये एक टका में ये सेर भर खाजा लाया हूं। हम तो अब कुछ दिन यही मौज करेंगे। छोडिय़े तीर्थ यात्रा, यह सुख और कहां मिलेगा। गुरु समझदार थे बोले बच्चा जिसका नाम ही अंधेर नगरी वहां रहना अच्छा नहीं जल्दी भाग निकलना चाहिए यहां से। साधु रमता चला पानी बहता भला। पर शिष्य को गुरु की बात नहीं भाई और शिष्य ने कहा कि गुरु जी में कुछ दिन यही रहूंगा। गुरुजी समझदार थे उन्होंने कहा कि अगर मेरी जरुरत पड़े तो मुझे याद कर लेना, मैं हाजिर हो जाऊंगा और गुरुजी चले गए। और इसी बीच एक महिला की बकरी मर जाती है। वह राजा के दरबार में फरियाद लेकर जाती है कि महाराज मेरा न्याय करें। चौपट राजा जोकि एक मूर्ख राजा है, वह कहता है कि हमारे राज्य में बकरी मरी है, उसका न्याय तो होगा और आखिरी में ऐलान करता है कि कोतवाल को फांसी चढ़ाया जाए लेकिन कोतवाल बच जाता है। अब किसी को तो फांसी देनी थी। सैनिकों ने चुपके से चेले के गले में फंासी का फंदा डालकर देखा तो फांसी का फंदा फिट बैठा। चेले को राजा के दरबार में पेश किया गया और राजा ने आदेश दिया कि इसको फांसी दे दी जाए। चेला रोया, गिड़गिड़ाया और कहा कि मेरे साथ अन्याय है और उसने अपने गुरु को याद किया। गुरुजी हाजिर हो गए। चेले ने कहा कि बकरी के मारे जाने से मुझे फांसी दी जा रही है। गुरुजी ने समझाया और एक नाटक रचा और सब में होड़ मच गई कि पहले फांसी में चढूंगा। इसी बीच मूर्ख राजा वहां आता है और सबको खामोश करता है और गुरु जी से पूछता है कि यह क्या गोलमाल है गुरुजी। गुुरुजी कहते हैं जो इस समय फांसी पर चढ़ेगा, वह सीधा स्वर्ग में जाएगा। तो राजा कहता है कि हम यहां के राजा हैं तो पहले फांसी हम चढ़ेंगे और राजा फांसी चढ़ जाता है और मर जाता है। सारी प्रजा चैन की सांस लेती है। दर्शकों ने यह नाटक बारिश में खड़े होकर खूब आनंद लिया, व खूब तालियां बजाई। कलाकारों की प्रशंसा की। मुख्यातिथि डॉ. रमेेंद्र कालीरमण ने कहा कि यह संस्था का प्रयास हम जैसे लोगों को कलाओं के प्रति संवेदनशील बनाना है व इस क्षेत्र में कलाकारों को आगे बढ़ाना है। कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ. केएस गोयल ने कहा कि इस संस्था को हम हर संभव सहायता मुहैया करवाने का पूरा प्रयास करेंगे और इस मुहिम को लगातार आगे बढ़ाते रहेंगे। मंच का संचालन मंगतराम शास्त्री ने किया। इस अवसर पर सुभाष श्योराण, सुभाष ढिगाना, प्रवीन परुथी, रंगकर्मी रमेश कुमार, सुनीता मलिक, प्रवीन दुग्गल, कृष्ण नाटक, प्रवेश त्यागी, डॉ. बनीश, मुकेश सिंगला भी मौजूद थे। 


मां के जयकारों के बीच 11०० कन्याओं का हुआ पूजन

बेटियों की महत्ता का नेता, शिक्षाविद्, अधिकारियों ने किया जमकर गुणगान
कल्याणकारी योजनाओं के आ रहे है सार्थक परिणाम : सांसद कौशिक
बेटियों के उत्थान के लिए शिक्षा जरूरी : डीसी अमित
मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए सांसद ने की पांच लाख देेने की घोषणा 

जींद 

नवरात्रों की बेला में महाभारतकालीन जयंती देवी मंदिर के दरबार में शनिवार को बेटियों के हित में आवाज उठाने के साथ-साथ उनके गुणों को पूजा गया। मां के दरबार में 11०० कन्याओं का पूजन करने के लिए नेता, शिक्षाविद् और अधिकारी पहुंचे। नवरात्रों के तीसरे दिन मां के गुंजायमान जयकारों के बीच कन्याओं का पूजन करते हुए उनकी महत्ता का अतिथियों ने जमकर बखान किया। कन्या पूजन के साथ-साथ स्वयं शक्ति संबोधन में कल्पना चावला, साक्षी सहित उन महिला शक्तियों की मिसाल पेश की, जिनकी प्रतिभा का ना केवल देश में अपितु विदेशों में भी डंका बज रहा है। मां के दरबार में हुए इस भव्य धार्मिक समागम में बतौर मुख्यातिथि सोनीपत सांसद रमेश कौशिक, विशिष्ट अतिथि सीआरएसयू के वीसी प्रो. आरबी सौलंकी और अध्यक्षता के तौर पर डीसी अमित खत्री ने शिरकत की। इसके अलावा एसडीएम अश्विनी मलिक सम्मानित अतिथि के तौर पर पहुंचे। अतिथियों का मंदिर के पुजारी पंडित सुभाष चंद्र और नवीन शास्त्री ने मंत्रोच्चारण के साथ स्वागत करते हुए नगर शांति की अर्चना करवाई। वृंदावन से आई श्याम प्रिय सखी ने मां के गीत से सभी श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध किया। 

सरकार बेटियों के हित में चला रही कल्याणकारी योजनाएं : सांसद कौशिक
मुख्यातिथि सांसद रमेश कौशिक ने इस मौके पर कहा कि मोदी सरकार बेटियों के हित में जो कल्याणकारी योजनाएं चला रहे है, उसके परिणाम सामने आ रहे हैं। नवरात्रों के पावन दिनों में कन्याओं के पूजन और उनके गुणगान से जींद के सिद्धपीठ मंदिर में जो आवाज उठी है, उसका संदेश दूर-दूर तक जाएगा। उन्होंने कहा कि लोगों की सोच अब बदलने लगी है। पहले जहां बेटियों को लोग बेटों से कम आंकते थे, आज के दौर में बेटियों के गुणों को पहचान कर उनको पूजा जाने लगा है। बेटियों के लिए पढऩा-लिखना जरूरी है ताकि वह खुद सक्षम बन सकें। मंदिर के श्रद्धालुओं की मांग पर सांसद रमेश कौशिक ने अपने सांसद निधिकोष से पांच लाख रुपये देने की घोषणा की। 
कन्या की महत्ता को समझने लगे हैं लोग : डीसी अमित 

डीसी अमित खत्री ने कहा कि मां के दरबार में नवरात्रों के दिनों में कन्याओं के पूजन का बड़ा महत्व है। उन्होंने कहा कि जींद जिले के लोग इस बात के लिए सराहनीय है कि उन्होंने दकियानूसी बातों को छोड़ कर बेटियों के गुणों की पहचान करनी शुरू कर दी है। इसी के नतीजन जींद जिले का लिंगानुपात पटरी पर लौट आया है। यह जिले के लोगों की बदली हुई सोच है। उन्होंने कहा कि इतिहास को खंगाले और वर्तमान को पहचाने तो यह बात निकल कर सामने आती है कि बेटियां किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है। डीसी ने कहा कि अभिभावक अपनी बेटियों को जरूर शिक्षा की तालिम दें ताकि वे अच्छा-खासा पढ़-लिखकर परिवार के साथ-साथ अपने जिले तथा राज्य का नाम रोशन कर सकें। इस मौके पर अतिथियों ने अपने हाथों से कन्याओं को दक्षिणा भी दी। 

हरियाणा संस्कारवान, इसलिए पूजा जा रहा बेटियों को 

सीआरएसयू के वीसी प्रो. आरबी सौलंकी ने कहा कि हरियाणा संस्कारवान है। इस धरा से कल्पना चावला और साक्षी जैसी सरीखी बेटियों ने देश का गौरव बढ़ाने का काम किया। यहां की माटी में जो संस्कार है, उसी के नतीजन बेटियों को पूजा तथा गुणों को समझा जाता है। बेटियों का जो मान-सम्मान बढ़ रहा है, उसमें ऐसे धार्मिक आयोजन ही अहम भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुरूक्षेत्र के नजदीक पडऩे के कारण जींद की विशेष पहचान है। यहां के जयंती देवी मंदिर और तीर्थ पांडू पिंडारा का जिक्र दिल्ली के गलियारों में बखूबी से सुनने को मिलता है। विशिष्ट अतिथि वीसी प्रो. आरबी सौलंकी ने कहा कि कन्याओं की महत्ता को समझा जा रहा है। इसलिए आज चहुंओर बेटियों के हित में आवाज बुलंद हो रही है। मंदिर के पुजारी और श्रद्धालुओं ने अतिथियों को मां जयंता देवी की प्रतिमा के रूप में स्मृति चिन्ह भी भेंट किये। इस अवसर पर लगे विशाल भंडारे में 11०० कन्याओं समेत हजारों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। 

कन्या पूजन से वातावरण से नकारात्मक ऊर्जा होती है दूर : शास्त्री

सिद्धपीठ मंदिर के पुजारी नवीन शास्त्री ने कहा कि शक्ति स्वरूपा कन्याओं के पूजन से वातावरण में जो सुख और शांति का माहौल बनता है, उसके कारण नाकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है। उन्होंने कहा कि मां के दरबार में नवरात्रों में प्रत्येक दिन सायं हवन यज्ञ भी आयोजित होते है। यहां सप्तमी पर मेला लगने के दौरान लाखों श्रद्धालु मां के दरबार में पहुंचते है। शास्त्री ने बताया कि इस नवमी पर एक विशाल भंडारे का आयोजन भी किया जाएगा। उन्होंने बताया कि मंदिर में पार्किंग के निर्माण तथा मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए सांसद रमेश कौशिक ने अपने निधि कोष से पांच लाख देने की जो घोषणा की है, उससे निश्चित तौर पर उन श्रद्धालुओं को राहत मिलेगी, जो लंबे अर्से से इन सुविधाओं की दरकार महसूस कर रहे थे। 

ये रहे मौजूद 
इस मौके पर भाजपा के प्रदेश सचिव जवाहर सैनी, जिला प्रधान अमरपाल राणा, जिला महिला प्रधान पुष्पा तायल, भाजपा युवा नेता समरवीर कौशिक, डीएसपी सिटी कप्तान सिंह, पंडित धन्नाराम कौशिक, रामप्रकाश काहनोरिया, महेश सिंगला, सुनील शांडिल्य, महावीर जैन, मास्टर सोमबीर सिंह मलिक, डा. दिनेश शर्मा, सुशील सिंगला, अजय भोला, राम सुनेजा, हरिराम दीक्षित, रामफूल शर्मा, फूलकुमार, पूर्व बीईओ बनारसी दास, राजेश कौशिक सहित सैंकड़ों श्रद्धालुओं ने मां का गुणगान किया। 



शहीदी स्मारक पर शहीदों को दी श्रद्धांजलि

शहीद किसी एक कौम के नहीं : डीसी अमित खत्री
शहीदों की बदोलत खुली हवा में सांस ले पा रहे हैं हम 

जींद 
शहीदों के सम्मान में स्थानीय गोहाना रोड स्थित शहीद स्मारक पर डीसी अमित खत्री, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डा. अरूण सिंह, एडीसी धीरेन्द्र खडगटा, एसडीएम अश्विनी मलिक, डीएसपी कप्तान सिंह समेत अनेक अधिकारियों एवं कर्मचारियों तथा भारतीय सेना में रहे अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने पुष्प चक्र, पुष्प चढ़ाकर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मौके पर हरियाणा पुलिस की टुकड़ी ने शस्त्र झुका कर शहीदों को सम्मान दिया। एनसीसी के कैडेट्स की टुकड़ी ने शहीदों को नमन किया। बुदांबांदी के बीच शहीदों को नमन करने का कार्यक्रम चला। इस मौके पर डीसी अमित खत्री ने कहा कि आज हम जिस स्वतन्त्र वातावरण में सांस ले रहे हैं। यह सब देश पर मर मिटने वाले सैनिकों की बदोलत है। वे माता-पिता एवं परिजन धन्य हैं, जिनके बच्चों ने देश की सीमाओं की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी। देश उन शहीदों एवं शहीदों के परिजनों का हमेशा ऋणी रहेगा। डीसी ने लोगों से अपील की कि वे समाज के प्रति अपने कर्तव्य को सही तरीके से निभाकर शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित कर सकते हैं। ऐसा करके वे राष्ट्र निर्माण में अपना अहम योगदान अदा कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान की संस्कृति दूनिया की सबसे प्राचीन संस्कृतियों में से एक है। भारत की संस्कृति एवं गौरव को खत्म करने के लिए कई बार दुश्मनों ने देश पर हमले किए लेकिन हर बार दुश्मनों को मुंह की खानी पड़ी। उन्होंने कहा कि भारत अजेय रहा है और हमेशा अजेय रहेगा। इस का श्रेय उन्होंने देश की सीमाओं की रक्षा कर रहे सैनिकों को दिया। उन्होंने कहा कि देश है तो हम हैं इसलिए हमेशा अपने हितो से राष्ट्र हितों को सर्वोपरि समझना चाहिए। कार्यक्रम में डीसी अमित खत्री ने शहीद कैप्टन पवन के पिता से बातचीत के दौरान बताया कि डाहौला में हॉटिकल्चर के रिजनल सैंटर का नाम शहीद कैप्टन पवन खटकड़ के नाम से रखा जाएगा। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डा. अरूण सिंह ने इस अवसर पर देश के लिए अपने प्राणों की शहादत देने वाले जिला के वीरों सैनिकों के पराक्रम को याद किया और कहा कि हम शहीदों की शहादत बदौलत ही आज स्वतन्त्र वातावरण में विचरण कर रहे है। निश्चित रूप से शहीदों के बलिदान को बुलाया नहीं जा सकता। इन्ही की बदौलत देश की सीमाएं सुरक्षित है।
ये रहे मौजूद 
इस अवसर पर सेवानिवृत कर्नल सुबे सिंह ढ़ाड़ा, कर्नल वेदप्रकाश, जयपाल, रामकरण,  मेजर इंद्र सिंह भारद्वाज , सिपाही रामकुवार, कैप्टन सज्जन सिंह बूरा, हवलादार सुखबीर सिंह रेढू, कैप्टन राजबीर, जिला खेल अधिकारी विनोद बाला व खेल विभाग के कर्मी समेत अनेक रिर्टायड सैन्य अधिकारियों एवं प्रशासनिक अधिकारियों ने शहीद स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित कर शहीदों को याद किया। इस अवसर पर हरियाणा पुलिस की टुकड़ी ने  शस्त्र झुका कर एवं मातमी धुन बजाकर श्रद्धांजलि अर्पित की।  

Saturday, 23 September 2017

अध्यापक वर्ग को दी व्यवहार कुशलता की जानकारी

इंडस स्कूल में लैंगिक समानता एवं संवेदना विषय पर कार्यशाला आयोजित

जींद 
इंडस पब्लिक स्कूल में सीबीएसई  की तरफ से लैंगिक समानता एवं संवेदना विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर सीबीएसई की तरफ से मुख्य प्रशिक्षक के रूप में प्रवीन कुमार पटपटिया एवं सह प्रशिक्षिका बानी गोदारा विशेष रूप से मौजूद रही। इंडस निदेशक सुभाष श्योराण, उपनिदेशिका रचना श्योराण, स्कूल प्राचार्या अरूणा, उप प्राचार्य प्रवीन कुमार, मुख्याध्यापिका गुरमीत कौर, प्रवीन परूथी, पिल्लूखेड़ा स्कूल प्राचार्य पवन गुप्ता, मिर्चपुर स्कूल प्राचार्य नीलम राठी एवं जीन्द, पानीपत, करनाल, भिवानी, महम, पिल्लूखेड़ा, मिर्चपुर, हिसार, कैथल, रोहतक और होशियारपुर (पंजाब) आदि के प्राध्यापक उपस्थित थे। मुख्य प्रशिक्षक प्रवीन कुमार पटपटिया ने समाज में उभरती हुई विभिन्न लैंगिक समस्याओं से प्राध्यापक वर्ग को अवगत कराया, जिनमें लैंगिक समानता, तटस्थता, भेदभाव, अंतर, असमानता, संबंध, भूमिकाएं, पूर्वाग्रह, जागरूकता, भावनात्मकता, पुरूष प्रधानता, स्त्रीवाद, महिला सशक्तिकरण, सामाजिक तानाबाना इत्यादि विषयों पर विस्तृत चर्चा की। इनके अतिरिक्त व्यक्तिगत एवं समूह गतिविधियां करवाई गई। इन गतिविधियों में विद्यालय दृष्टिकोण, उद्देश्य, प्रबंधन, संरचना और उपयोगिता, स्कूल प्रशासन, पाठ्यक्रम, पाठ्य सामग्री, बाल मनोविज्ञान, सहगामी और अतिरिक्त सहगामी क्रियाएं, विद्यालय पौषाक, यातायात, सहायक गतिविधियां, लिंग आधारित हिंसा, लैंगिक संवेदनशील पाठ योजना, कक्षा में भाषा प्रयोग, लैंगिक संवेदना विधि, लैंगिक संवेदनशील कक्षा, कक्षा को लैंगिक संवेदनशील बनाने के लिए क्या करें और क्या न करें, कक्षा कार्य शीलता विचार, लैंगिक संवेदनशील कार्य प्रणाली, लैंगिक संवेदनशीलता को शिक्षण में एकीकृत करने की रणनीति, अध्यापक लड़कियों को कक्षा में कैसे नियंत्रित रखें तथा अध्यापिका लड़कों को कक्षा में कैसे नियंत्रित रखें आदि विषयों पर विचार विमर्श किया गया। स्कूल प्राचार्या अरूणा शर्मा ने आए हुए प्रशिक्षकगण का स्वागत एवं धन्यवाद किया और कहा कि इस तरह की गतिविधियों द्वारा अध्यापक  वर्ग में जागृति लाने के लिए ऐसे कार्यक्रमों की की समय-समय पर आवश्यकता होती है। इंडस स्कूल में समय-समय पर इस प्रकार की गतिविधियों एवं कार्यशालाओं का आयोजन करवाया जाता है। 




शिव पार्वती संवादों ने दर्शकों को खूब गुदगुदाया

रंगशाला में शिव पावर्ती सांग का हुआ मंचन
11 दिवसीय नवरस राष्ट्रीय नाट्य उत्सव का हो रहा है आयोजन

जींद 

एक्टिव थियेटर एंड वेल्फेयर सोसायटी द्वारा हरियाणा कला परिषद व हरियाणा संस्कृत अकादमी के तत्वावधान में चल रहे 11 दिवसीय नवरस राष्ट्रीय नाट्य उत्सव के दूसरे दिन शिव पावर्ती सांग का मंचन सतीश कश्यप व डा. संध्या के निर्देशन में किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्यमंत्री के निजी सचिव राजेश गोयल व इंडस गु्रप के डायरेक्टर सुभाष श्योराण, अमृतलाल गोयल ने दीप प्रज्जवलित करके किया। सांग की शुरुआत पावर्ती की मां नारद मुनि से पार्वती के लिए योग्य वर ढूंढने का आग्रह करती है। नारद मुनि कहते हैं इसका विवाह शिव से होगा। पार्वती शिव को पाने के लिए उसकी आराधना करती है। इसमें  शिव पार्वती की परीक्षा लेने का अभिनय करते हंै। शिव पार्वती को बार-बार कहता है कि मैं तेरे लायक नहीं हूं। तू महलों में रहने वाली राजकुमारी है और मैं फकीर पहाड़ पर रहता हूं, इसलिए हमारा मेल नहीं हो सकता। पार्वती उनकी बात नहीं मानती और शिव को श्राप देने लगती है। तभी शिव शादी के लिए मान जाते हैं और दोनों की खुशी-खुशी शादी हो जाती है। इसी बीच नाटक की घटनाओं को देखते हुए दर्शक  लोटपोट हो गए। क्योंकि सांग का आकर्षण शिव का अंग्रेजी में बोलना, हिंदी-हरियाणवी में बोलना दर्शकों के लिए मनमोहक बन गया। दर्शकों ने खड़े होकर तालियों की गडग़ड़ाहट में  कलाकारों का अभिनंदन किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यअतिथि राजेश गोयल ने कहा कि यह 11 दिवसीय राष्ट्रीय नाट्य उत्सव कला को आगे लेकर जाएगा। इस प्रकार के कार्यक्रमों से हरियाणा प्रदेश का नाम रोशन होगा। इससे कलाकारों को अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए एक सुंदर मंच मिलेगा। कलाकारों को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार भी सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन कर रही है। सरकार का उद्देश्य कलाकारों को बढ़ावा देना है और इसके लिए अथक प्रयास किए जा रहे हैं। संस्था की तरफ से आयोजित उत्तर भारत का बड़ा राष्ट्रीय नाटक उत्सव वास्तव में कला को बढ़ावा देने के लिए मील का पत्थर साबित होगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे सुभाष श्योराण ने कहा कि यह संस्था पिछले वर्षों से लगातार थियेटर कर रही है। स्कूलों में बाल रंग मंच के माध्यम से प्रतिभाओं को आगे बढऩे का मौका दे रही है और उनकी प्रतिभा में लगातार निखार ला रही है। इसके लिए रंगकर्मी  रमेश कुमार बधाई के पात्र हैं। इसी कड़ी में संस्था की तरफ  से राष्ट्रीय स्तर का कार्यक्रम जींद में आयोजित करके ग्रामीण परिवेश के युवाओं को प्रतिभा दिखाना का मौका दिया है। इस प्रकार यह संस्था लगी रही तो वह दिन दूर नहीं होगा जब जींद जिले से बेहतर कलाकार निकल कर राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाएंगे। श्योराण ने कहा कि जींद जिले में प्रतिभाओं की कमी नहीं है लेकिन बेहतर मंच नहीं मिलने के कारण वह आगे नहीं बढ़ पाती है। इसलिए सरकार से आग्रह है कि जींद जिले में कलाकारों के लिए बेहतर ऑडिटोरियम का निर्माण करवाया जाए ताकि युवा रंगकर्मी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा सकें। इस मौके पर डा. सुरेश जैन, मंगतराम शास्त्री, ओमप्रकाश चौहान, प्यारेलाल सिंगला, अमृतलाल गोयल, प्रवीन परुथी, अजेश जैन, रमेश कुमार, प्रवीन दुग्गल, कृष्ण, प्रवेश त्यागी, सुनील वशिष्ठ आदि मौजूद रहे। 


 




मां दुर्गा की अराधना से शहर हुआ भक्तिमय

श्रद्धालुओं ने की मां ब्रह्मचारिणी की पूजा
पूरा दिन मंदिरों में लगी रही भक्तों की भीड़ 

 जींद

शारदीय नवरात्र के दूसरे दिन शुक्रवार को भी मंदिर श्रद्धालुओं से खचाखच भरे रहे। नवरात्रों में शहर में जगह-जगह कीर्तन आयोजित होने के कारण पूरा शहर मां दुर्गा की भक्ति में लीन हो गया है। जैसे-जैसे शाम होनी शुरू होती है वैसे-वैसे मंदिरों में भी श्रद्धालुओं की संख्या भी बढऩे लगती है। नवरात्रों के दूसरे दिन भक्तों ने मां बृह्मचारिणी की पूजा अर्चना की। जयंती देवी मंदिर के पुजारी नवीन शास्त्री ने बताया कि सुबह पांच बजे से ही मंदिर में भक्तों की लाइन लगनी शुरू हो जाती है। जिनमें महिलाओं तथा छोटे बच्चों की संख्या अधिक होती है। उन्होंने बताया कि अन्य दिनों की अपेक्षा नवरात्रों में भक्तों की भीड़ मंदिरों में ज्यादा जुटती है। श्रद्धालु जल्द से जल्द मां दुर्गा के दर्शनों के अभिलाषी होते हैं। श्रद्धालुओं का यह क्रम सुबह 11 बजे तक चलता है। शाम पांच बजे से श्रद्धालु फिर से मंदिर में आना शुरू हो जाते हैं। उन्होंने बताया कि नवरात्र के छठे दिन मंदिर में जागरण का आयोजन किया जाएगा। इसके अलावा रघुनाथ मंदिर, शीतला माता मंदिर, वैष्णवी धाम, बनभौरी माता, राधा कृष्ण मंदिर, दुर्गा मंदिर, हनुमान मंदिर में आयोजित सत्संग तथा कीर्तनों से पूरा शहर भक्तिमय हो गया है। 

आध्यात्मिक ऊर्जा के केन्द्र हैं हमारे धर्मस्थल : स्वामी ज्ञानानंद
गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने कहा कि आध्यात्मिक ऊर्जा के केन्द्र हैं हमारे धर्मस्थल। ऐसे पवित्र स्थलों में प्रवेश करने पर हमारा अंत:करण एक नवीन स्फूति व उल्लास से प्रफुल्लित हो उठता है और तन व मन परम शांति में प्रतिष्ठित हो जाते हैं। जरूरत इस बात की है कि हम नित्य-प्रति ऐसे स्थलों पर जाकर अपने को आध्यात्मिक ऊर्जा से ऊर्जस्वित कर लें। गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज माता वैष्णवी धाम में प्रथम नवरात्र पर आयोजित नवार्ण महायज्ञ में उपस्थित जन समूह को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री हरियाणा के निजी सचिव राजेश गोयल ने इस अवसर पर मां वैष्णवी के समक्ष जन-जन के कल्याण की कामना की व मातृभक्तों को नवरात्र पर्व की शुभकामनाएं दी। धाम के मैनेजिंग ट्रस्टी आचार्य पवन शर्मा ने कहा कि हम जहां भी हैं, जिस भी अवस्था में हैं, वहीं से ईश्वर की ओर जाने का मार्ग खुलता है किंतु इरादा पक्का होना चाहिए। निष्ठा दृढ़ होनी चाहिए, प्यास तीव्र होनी चाहिए। गीता मनीषी ने कहा कि नवरात्र ऊर्जा संचय का काल है। वह महाशक्ति जिसे हम दुर्गा, काली अथवा वैष्णवी नाम से पुकारते हैं, पूर्वकाल मेें उन्हीं की कृपा से देवताओं ने दानवों का पराभव किया था। हमें भी आज उन्हीं महाशक्ति की आराधना करने की जरूरत है, अपने भीतर के दानवों का दमन करने के लिए। तभी तो नवरात्र पर्व साथर्कहो पाएगा। भाजपा प्रदेश सचिव जवाहर सैनी, डा.अविनाश चावला, सीआरएस युनिवर्सिटिी के रजिस्ट्रार डा. आरबी मोर, युनिवर्सिटी के डीन डा. संजय सिन्हा, डा. महेश आशरी, सुभाष शर्मा, शिव नारायण शर्मा ने सपरिवार मां शैलपुत्री की आराधना कर महायज्ञ में आहुति दी। डा.कृष्ण मिढ़ा, राजन चिल्लाना, डा.अनिल जैन, नगर पार्षद अनिल नागपाल भी मौजूद रहे। 

श्रद्धालुओं ने की मां ब्रह्मचारिणी की पूजा

नवरात्र की पावन बेला पर द्वितीय नवरात्र पर जयंती देवी मंदिर में मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की गई। पुजानी नवीन शास्त्री ने बताया कि हजारों वर्ष की तपस्या के उपरांत मां उमा की काया काली पड़ गई थी, तब भगवान शंकर ने प्रसन्न हो गंगाजल से स्नान करवाया और मां का रूप श्वेत हो गया। मां का मस्तक देख कर देवताओं ने ब्रह्मचारियाणी का गुणगान गाया। इसके उपरांत जो भक्त सच्चे मन से मां ब्रह्मचारियाणी की पूजा करता है  उसको मुंह मांगा फल प्राप्त होता है। 


खुद को पर्यावरण के लिए महिला वकील ने कर दिया समर्पित

अब तक लगवा चुकी 177 त्रिवेणी जींद। महिला एडवोकेट संतोष यादव ने खुद को पर्यावरण की हिफाजत के लिए समर्पित कर दिया है। वह जींद समेत अब तक...