Tuesday, 3 October 2017

लाल बहादुर शास्त्री से राजनेताओं को प्रेरणा लेनी चाहिए : चौहान


लाल बहादुर शास्त्री का जन्मदिवस मनाया 

जींद 
जयति-जयति हिंदू महान संगठन के सदस्यों ने सोमवार को लाल बहादुर शास्त्री का जन्मदिवस उन्हें पुष्पांजली देकर मनाया। कार्यक्रम में मौजूद  रहे समाजसेवी सुभाष जैन ने कहा कि लाल बहादुर शास्त्री एक महान राजनेता थे और उनकी रगों में खून की जगह  देशभक्ति बहती थी। आज के राजनेताओं को इनसे प्रेरणा लेनी चाहिए। संगठन संयोजक अतुल चौहान ने कह कि लाल बहादुर शास्त्री की शिक्षा हरीशचंद्र उच्च विद्यालय और काशी विद्यापीठ में हुई। उन्होंने स्नातकोत्तर की परीक्षा उत्तीर्ण की और इसके बाद उन्हें शास्त्री की उपाधि से सम्मानित किया गया। बाद में वो भारत सेवक संघ से जुड़े रहे। यहीं से इनका राजनीतिक जीवन शुरू हुआ। उन्होंने कहा कि भारत की स्वतंत्रता के पश्चात शास्त्री को उत्तर प्रदेश का संसदीय सचिव नियुक्त किया गया। गोविंद बल्लभ पंत के मंत्रीमंडल में पुलिस एवं यातायात मंत्रालय सौंपा गया। परिवहन मंत्री के अपने कार्यकाल में आपने महिला संवाहकों (परिचालकों) की नियुक्ति की। पुलिस मंत्री होने पर उन्होंने भीड़ को नियंत्रित रखने के लिए लाठी की अपेक्षा पानी की बौछार का प्रयोग लागू करवाया। 1951 में जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव नियुक्त किए गए। 1952, 1957 व 1962 के चुनावों में कांग्रेस पार्टी को भारी बहुमत से विजय का श्रेय इन्हीं को मिला। शास्त्री की प्रतिभा और निष्ठा को देखते हुए भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की मृत्यु के पश्चात कांग्रेस पार्टी ने 1964 में लाल बहादुर शास्त्री को प्रधानमंत्री पद का उत्तरदायित्व सौंपा। शास्त्री ने नौ जून 1964 को भारत के प्रधानमंत्री का पद भार ग्रहण किया। प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने 26 जनवरी 1965 को देश के जवानों और किसानों को अपने कर्म और निष्ठा के प्रति सुदृढ़ रहने और देश को खाद्य के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से जय जवान, जय किसान का नारा दिया और यह नारा आज भी भारतवर्ष में लोकप्रिय है। इस अवसर पर बलजीत कुंडू, वीरेंद्र दांगी, भूपेंद्र पंडित, रोहन सैनी, मनीष भारद्वाज, मनीष पंडित, अनिल भारद्वाज, अंकुर राजपूत, अशोक कुमार आदि मौजूद रहे। 

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