Thursday, 16 November 2017

प्राथमिक उपचार के 3 उद्देश्य : डॉ. भोला

जूनियर रैडक्रास प्रशिक्षण शिविर आयोजित

जींद : जिला रैडक्रास सोसायटी के तत्वाधान में आयोजित जूनियर रैडक्रॉस प्रशिक्षण शिविर में स्वास्थ्य विभाग के डिप्टी सिविल सर्जन डा. राजेश भोला ने मुख्यातिथि के तौर पर शिरकत की। शिविर में 40 छात्र और 40 छात्राओं के साथ-साथ शिक्षक व महिला शिक्षकों को भी प्रशिक्षण दिया गया। 
डा. राजेश भोला ने कहा कि किसी रोग के होने या चोट लगने पर किसी अप्रशिक्षित व्यक्ति द्वारा जो सीमित उपचार किया जाता है उसे प्राथमिक चिकित्सा कहते हैं। इसका उद्देश्य कम से कम साधनों में इतनी व्यवस्था करना होता है कि चोटग्रस्त व्यक्ति को सम्यक इलाज कराने की स्थिति में लाने में लगने वाले समय में कम से कम नुकसान हो। यह कभी-कभी जीवन रक्षक भी सिद्ध होता है। डा. भोला ने बताया कि प्राथमिक उपचार के 3 उद्देश्य होते हैं। पहला जीवन संरक्षण, दूसरा स्थिति को ज्यादा खराब होने से बचाना और तीसरा रोग मुक्त होने में सहायता करना। यदि रक्त स्त्राव होता हो तो बंद करने का उपाय करें। गर्दन, छाती और कमर के कपड़े ढीले करके खूब हवा दें। बिजली लगने पर तुरंत बिजली का संंबंध तोड़ दें। डूबे हुए व्यक्ति को कृत्रिम विधि से श्वास प्रदान कराएं तथा उसके गीले वस्त्र उतारकर उसका शरीर सूखे वस्त्रों में लपेटें। फांसी लगाए हुए व्यक्ति के नीचे के अंगों को पकड़ कर तुरंत शरीर उठा दें ताकि रस्सी का कसाव कम हो जाए। इसी प्रकार विषैली गैसों से दम घुटने पर दरवाजे, खिड़कियां, रोशनदान आदि खोलकर गैस बाहर निकाल दें और रोगी को श्वास द्वारा आक्सीजन देने का प्रयास करें। डा. भोला ने बताया कि स्माग और प्रदूषण के बारे में प्रकाश डालते हुए बताया की मानव जीवन के लिए वातावरण में आक्सीजन का उचित मात्रा में होना बहुत जरुरी है। आक्सीजन हमें पेड़-पौधों से प्राप्त होती है जोकि कार्बन डाईआक्साइड को आक्सीजन में परिवर्तित करने का कार्य करती है और हमें स्वच्छ वायु प्रदान करती करती है। यदि वातावरण के प्रदूषण व धुआ अधिक होगा जोकि आजकल छोटी-बड़ी फैक्ट्रियों से, सड़क पर दौड़ रहे अत्याधिक वाहनों से, पराली जलाने से वातावरण के अंदर घुल जाता है और वातावरण को प्रदूषित करता है। हमें इस प्रकार के कार्यों को करने से बचना चाहिए और अधिक से अधिक पेड़ लगाने चाहिए। जिला रैडक्रास सोसायटी के सचिव राजकपूर सूरा ने बताया कि रैडक्रॉस की तरफ  से चल रहे जूनियर प्रशिक्षण कार्यशालाओं में एक तरफ  जहां बच्चों व अध्यापको को प्राथमिक उपचार की जानकारी दी जा रही है वहीं सभी को रक्तदान, पर्यावरण संरक्षण, कन्या भ्रूण हत्या को रोकने और बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ को आगे बढ़ाने के लिए भी जागरूक किया जा रहा है। इस मौके पर नरेश जागलान, बबीता, रणधीर सैनी, सूर्यदेव आर्य, सुनीता, राजकुमार आदि मौजदू रहे।

No comments:

Post a Comment

खुद को पर्यावरण के लिए महिला वकील ने कर दिया समर्पित

अब तक लगवा चुकी 177 त्रिवेणी जींद। महिला एडवोकेट संतोष यादव ने खुद को पर्यावरण की हिफाजत के लिए समर्पित कर दिया है। वह जींद समेत अब तक...