एक ही तालाब में तीन स्तर पर हो सकता है मछली पालन
जींद
जिला में मिश्रित मछली पालन किसानों की आय उपार्जन का अच्छा जरिया बन सकता है। इस साल जिला में 817 हैक्टेयर जलक्षेत्र को मछली पालन के अधीन लाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिसमें से 623.3 हैक्टेयर क्षेत्र में मछली पालन किया जा चुका है। जिला के किसानों को राहू, मिरगल, कतला, कामनकार्प किस्म का मिश्रित मछली पालन का धंधा शुरू करने की सलाह दी जा रही है।
एक ही तालाब में तीन स्तर पर हो सकता है मछली पालन
तालाब के पानी में कुछ मछली उपरी सतह पर रहती हैं, कुछ गहरे पानी में तथा कुछ किस्म की मछली मध्यम पानी स्तर पर रहती है। इस प्रकार एक तालाब में ही तीन किस्म का मछली पालन का कार्य किया जा सकता है। जिला में लोगों का रूझान मछली पालन व्यवसाय की तरफ बढ़ रहा है। मछली पालन को लाभकारी सौदा बनाने के लिए मछली पालन विभाग द्वारा विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर किसानों को मछली पालन की ओर आकृष्ठ किया जा रहा है।
निजी तालाबों में करवाया जा रहा है मछली बीज तैयार
जिला के किसानों को मछली पालन के लिये मछली बीज जिला में उपलब्ध हो जाये, इसके लिये किसानों के निजी तालाबों में पर्याप्त मछली बीज तैयार करवाया जा रहा है। मछली पालन के मामले में पंजाब के बाद हरियाणा का नंबर आता है। जिला के अनेक ऐसे किसान हैं जिन्होंने अव्वल किस्म की मछली पालन का कार्य शुरू किया है । पहले अच्छी नसल का मछली बीज बाहर से मंगवाना पड़ता था अब जिला के किसान ही पर्याप्त मछली बीज तैयार कर लेते हैं। जिला में 65 लाख से अधिक मछली बीज को स्टॉक करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। अब तक 83 लाख मछली बीज का स्टाक किया जा चुका है।
मछली पैदा करने का वार्षिक लक्ष्य 8320 टन
मछली पैदा करने का वार्षिक लक्ष्य 832० टन का है। गत मास तक 4926 टन मछली पैदा की जा चुकी है। पंचायती तालाबों को पट्टे पर देने से पंचायतों को भी आमदनी हो रही है। इस पट्टे से प्राप्त राशि को गांव के विकास पर खर्च कियाजा रहा है। अब तक 34.2 हैक्टेयर तालाब पट्टे पर दिए जा चुके हैं। नए तालाबों के विस्तार को भी प्राथमिकता दी जा रही है। इस साल 15 हैक्टेयर नए तालाब विस्तार की योजना है, अब तक 22.8 हैक्टेयर क्षेत्र में तालाबों का विस्तारीकरण किया जा चुका है। इसी प्रकार 45 हैक्टेयर जल क्षेत्र के पुराने तालाबों का नवीनीकरण किया जाएगा। इसके विरूद्ध 18 हैक्टेयर क्षेत्र में तालाबों का नवीनीकरण किया जा चुका है। डीसी अमित खत्री ने मछली पालन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए है कि वे लोगों को मछली पालन करने के लिए प्रेरित करें।
मछली पालन के लिए विभाग आयोजित कर रहा है प्रशिक्षण शिविर
जिला मत्स्य अधिकारी युद्धबीर सिंह सांगवान ने बताया कि मछली पालन को आमदनी का अच्छा साधन बनाने के लिए विभाग द्वारा प्रशिक्षण शिविरों का भी आयोजन किया जाता है जिनमें किसानों को मछली पालन से जुड़ी सभी प्रकार की जानकारी दी जाती है। बीस सूत्रीय कार्यक्रम के तहत अनुसूचित जाति के 73 परिवारों को लाभ दिया जाना है। अब तक 12 परिवारों को लाभ दिया जा चुका है। उन्होंने बताया कि वार्षिक लक्ष्य 118 लाख मछली बीज तैयार करने का है। अब तक निजी क्षेत्र 1०1 लाख मछली बीज तैयार किया जा चुका है। किसानों को सलाह दी है कि वे खेती को साथ -साथ प्रथम चरण में छोटे स्तर पर मछली पालन करें तथा धीरे-धीरे इस काम को बड़े पैमाने पर किया जा सकता है।
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