विश्व कैंसर जागरूकता दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन
धुम्रपान और शराब का सेवन दे सकता है कैंसर को बढ़ावा
जींद
सामुदायिक स्वास्थय केंद्र कंडेला में विश्व कैसंर जागरूकता दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डा. राजेश भोला ने की। डा. भोला ने कार्यक्रम में मौजूद लोगों को कैंसर के प्रति जागरूक करते हुए कहा कि इंसान का शरीर एक मशीन की तरह होता है जो दिन-रात मशीन की तरह कार्य करता है। इसमें समय-समय पर कई तरह की बीमारियां उत्पन्न हो जाती हैं, जिनका समय रहते समाधान होना चाहिए। इन्हीं बीमारीयों में से एक बेहद जटील बीमारी है कैंसर। दुनियाभर में लाखों लोग प्रतिवर्ष इस जटील बिमारी की वजह से दम तोड़ देते हैं। यदि इस बीमारी का सही समय पर पता चले व समय पर इलाज शरू हो तो इस बीमारी का इलाज संभव है। दरअसल कैंसर शरीर की आधारभूत इकाई कोशिका को प्रभावित करता है, किसी भी कैंसर पीडि़त व्यक्ति में तरह-तरह के कई लक्ष्ण हो सकते हैं। जैसे पेशाब में खून आना, खून की कमी की बीमारी, एनीमिया, खांसी के दौरान खून का आना, अचानक शरीर के किसी भाग से खून निकलना, स्तनों में गांठ, कुछ निगलने में दिक्कत होना, मीनोपॉज के बाद भी खून आना, भूख कम लगना, त्वचा में बदलाव महसूस होना, किसी अंग का अधिक उभरना या गांठ महसूस होना। इन लक्षणों वाले किसी भी व्यक्ति को अपने नजदीक के अस्पताल में अपनी जांच करवानी चाहिए ताकि समय रहते इस का इलाज हो सके। उन्होंने बताया की कैंसर शरीर के किसी भी भाग में हो सकता है। कैंसर कई प्रकार के हो सकते हैं जिनमें बीड़ी, सिगरेट, तंबाकू, गुटखे के सेवन से मुंह का कैंसर, फेफड़ों में कैंसर, गले का कैंसर, शराब का अधिक सेवन करने वाले व्यक्ति को लीवर में कैंसर व किडनी कैंसर होने की संभावना अधिक होती है। इसी प्रकार महिलाओं में स्तन का कैंसर, योनि कैंसर और पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर होने की संभावना अधिक होती है। इसी तरीके से कैंसर शरीर के त्वचा, ब्लड, ब्रेन, पेट, हड्डियों, आदि में होने की संभावना अधिक होती है। उन्होंने कैंसर के कारणों के बारे में बताते हुए कहा कि खान-पान की बुरी आदतें, बीड़ी, सिगरेट, तम्बाकू, गुटका, शराब का अधिक सेवन करना व कई तरह के रेडिएशन आदि से कैंसर की बीमारी होती है। कुछ कैंसर अनुवांशिक भी हो सकते हैं। डा. भोला ने बताया की भारत में हर साल लगभग आठ लाख लोग कैंसर की बीमारी से मर जाते हैं। धुम्रपान में निकोटिन, कार्बन मोनोऑक्साइड व टार जैसे पदार्थ होते हैं जो कैंसर को जन्म देते हैं व इसके साथ-साथ हार्ट अटैक, लकवा, दमा, फेफड़े की बीमारी, नपुंसकता आदि बीमारियां धुम्रपान से हो सकती हैं। रिसर्च में तथ्य सामने आए हैं कि 100 में से 40 कैंसर धुम्रपान या गुटका सेवन करने वाले पाए गए हैं। अगर हम अपनी जीवन शैली में थोड़ा भी परिवर्तन करते हैं तो कैंसर से बच सकते हैं। सही व देशी खान-पान का सेवन करें, जंक फूड खाने से बचें, धूम्रपान न करें, शराब का सेवन न करें, नियमित योगा व व्यायायम कैंसर बीमारी से बचाने में सहायक होते हैं। इस मौके पर डा. जितेंद्र, डा. ज्योति, हैल्थ सुपरवाइजर बिजेंद्र सिंह, देवीराम कौशिक आदि मौजूद रहे।
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