Thursday, 30 November 2017

...तीन साल में एड्स के 426 मरीज आए सामने

जींद में बढ़ रही एड्स के मरीजों की संख्या
एड्स रोगियों में 40 गर्भवती महिलाएं भी शामिल

 जींद 
जींद जिला में एड्स के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। पिछले तीन सालों में स्वास्थ्य विभाग को 426 लोग ऐसे मिले हैं जो एड्स रोग से ग्रसित हैं और इनमें 40 गर्भवती महिलाएं भी शामिल हैं। हालांकि हरियाणा एड्स कंट्रोल सोसायटी और स्वास्थ्य विभाग की टीमों द्वारा एड्स के प्रति लोगों को जागरूक करने को लेकर समय-समय पर शिविरों का भी आयोजन किया जा रहा है लेकिन इस जागरूकता के बाद भी एड्स का ग्राफ कम होने की बजाय लगातार बढ़ रहा है। 
लाखों रुपये हो रहे हैं खर्च 
जिला में किसी भी तरीके से एड्स न फैले इसके लिए स्वास्थ्य विभगा द्वारा 
विभाग द्वारा जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इसके लिए लाखों रुपए का बजट भी होता है और इन कार्यक्रमों पर रुपए भी खर्च किए जाते हें। स्वास्थ्य विभाग के लाखों प्रयास के बाद भी लोग जागरूक नहीं हो रहे हैं। पिछले तीन सालों के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो जिले में 426 लोग एड्स से ग्रस्त मिले। साल 2014 में 150 लोग एड्स से ग्रस्त मिले हैं। इनमें 79 पुरूष और 61 महिलाएं शामिल थी। इस साल स्वास्थ्य विभाग द्वारा 7881 महिलाओं और पुरूषों की जांच की गई थी। इसके अलावा 6554 गर्भवती महिलाओं की जांच के बाद 10 गर्भवती महिलाएं एड्स से ग्रस्त मिली हैं। 
वर्ष 2015 में एड्स से ग्रस्त लोगों की संख्या थी १३७ 
साल 2015 में एड्स से ग्रस्त लोगों की संख्या 137 रही। इस साल 92 पुरूष और 35 महिलाओं को एडस से पीडि़त होने की पुष्टि हुई। इस साल जांच के दौरान 10 गर्भवती महिलाएं एडस से ग्रस्त मिली। स्वास्थ्य विभाग द्वारा साल 2015 में 8969 मरीजों की जांच की गई। इसके अलावा 7190 गर्भवती महिलाओं की जांच स्वास्थ्य विभाग द्वारा की गई। साल 2016 में एड्स पीडि़त मरीजों की सं या 139 रही। इस साल गर्भवती महिलाओं की सं या 20 रही। विभाग की ओर से 7847 गर्भवती महिलाओं की जांच की गई। इसके अलावा 71 पुरूषों और 48 महिलाओं को एडस की पुष्टि हुई। 
एक साल में 100 से ज्यादा मरीजों ने बढ़ाई चिंता
स्वास्थ्य विभाग द्वारा एडस की बीमारी के लिए लोगों को जागरूक करने के लिए कैंप लगाए जाते हैं। सबसे ज्यादा कैंप सार्वजनिक स्थलों पर लगाए जाते हैं। हरियाणा एडस कंट्रोल सोसायटी के कर्मचारी और काउंसलर खुद फील्ड में जाकर कैंप लगाते हैं और लोगों को एड्स से बचाव के बारे में जागरूक करते हैं। लाख प्रयासों के बाद भी जींद में एडस पीडि़तों की सं या हर साल 100 से अधिक सामने आ रही है। स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के अनुसार सबसे ज्यादा एडस चालकों को मिली है। 
एचआईवी को रोकने के लिए विभाग करता है हर संभव प्रयास : डॉ. दहिया
स्वास्थ्य विभाग के सीएमओ डॉ. संजय दहिया ने बताया कि एचआईवी को रोकने के लिए विभाग द्वारा जागरूकता कार्यक्रमों का तो आयोजन किया ही जा रहा है, इसके साथ ही समय-समय पर चालकों को भ्ज्ञी एड्स बीमारी के प्रति जागरुक किया जा रहा है। अब लोगों को भी इस बीमारी के प्रति जागरूक होने की जरूरत है। जब तक लोग जागरूक नहीं होंगे, तब तक एडस ग्रस्त लोगों की संख्या कम नहीं हो पाएगी। 

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