Wednesday, 29 November 2017

कूड़ा निस्तारण का हुआ सब्जी की क्रेटो में डेमो


पायलट प्रोजेक्ट के तहत वार्ड 14 व 16 का चयन
कूड़ा कर्कट से तैयार की जाएगी कम्पोजिट खाद
पहले खाद का प्रयोग होगा नप के पार्को में 
उत्पादन ज्यादा होने पर बेचा जाएगा किसानों को


 जींद
शहर में कूड़े निस्तारण की लगातार बढ़ रही स
मस्या को देखते हुए जिला प्रशासन व नगरपरिषद ने पायलट प्रोजैक्ट का नेहरू पार्क में डेमो किया है। यह डेमो सब्जियों की क्रेटो में किया गया है। क्रेटो में सूखे पत्ते तथा गली सड़ी वस्तुएं डाली गई हैं। डेमो के माध्यम से कम्पोजिट खाद तैयार की जाएगी। फिर उसका उपयोग किया जाएगा। प्रयोग के तौर पर किए गए डेमो के परिणाम सकारात्मक आने पर दिसम्बर माह में शहर के वार्ड 14 तथा 16 में प्रोजेक्ट शुरु कर दिया जाएगा। अच्छे परिणाम आने पर शहर के अन्य वार्डो में भी प्रोजेक्ट को लागू कर दिया जाएगा। जिसके बाद शहर के कूड़े निस्तारण की समस्या हल हो जाएगी। प्रोजेक्ट की सफलता से सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट (एसडब्लयूएम) प्लांट लगाने की भी कोई जरूरत नहीं पड़ेगी। शहर में एसब्लयूपी की व्यवस्था नहीं है जिसके चलते शहर के जींद-पानीपत रेलमार्ग के समीप तथा सेक्टर सात तथा आठ कूडे के ढेर लगे हुए हैं। 
कैसे होता है कूड़े का निस्तारण, पहले ली अधिकारियों ने जानकारी 
पायलट प्रोजेक्ट से पहले नगर परिषद के अधिकारियों ने गुरूग्राम व दिल्ली में एयरपोर्ट के आसपास के एरिया में एयरपोर्ट अथारिटी ऑफ इंडिया द्वारा चलाए जा रहे निस्ताण पायलट प्रौजेक्ट की बारीकियों को जाना। इस दौरान सामने आया कि घर से ही गीले व सूखे कूड़े का निस्तारण हो रहा है। गीले कूड़े को रिक्शा में अलग डाला जा रहा है और सूखे को अलग। इसके बाद सूखे कूड़े को ठेकेदार को बेचा जा रहा और गीले कूड़े को पिटस (गडढ़ों) में डालकर उसकी जैविक खाद तैयार की जा रही है। जिस पर गुरूग्राम नगर निगम को राशि भी ज्यादा खर्च नहीं करनी पड़ रही है। बल्कि सूखे कुड़े से नगर निगम की आय में इजाफा हुआ है। 
पहले पार्को में होगा प्रयोग, उत्पादन बढऩे पर बेचा जाएगा किसानों को
कूड़ा निस्तारन पायलट प्रोजेक्ट के तहत चुने गए शहर के वार्ड 14 व 16 से उत्पादन होने वाले जैविक खाद का प्रयोग शहर के पार्को में किया जाएगा। जिसका फायदा यह होगा कि पार्को में पेड़ पौधों तथा घास के लिए खाद खरीदनी नहीं पड़ेगी। दोनों वार्डो में प्रोजेक्ट के सफल होने पर शहर के सभी 31 वार्डो में प्रोजेक्ट लगा दिए जाएंगे। उत्पादन बढऩे पर जैविक खाद को किसानों को बेच दिया जाएगा। जिससे नगर परिषद की आय भी बढ़ जाएगी। 
शहर से हर रोज निकलता है 72 टन कूड़ा, निस्तारण का कोई साधन नहीं 
शहर की आबादी लगभग पौने दो लाख पहुंच गई है। हर रोज शहर से लगभग 72 टन कूड़ा निकलता है। सबसे बड़ी समस्या यह है कि कूड़ा निस्तारण के लिए कोई जगह नहीं है। जिसके चलते कूड़ा खुले में सड़ांद मारता रहता है। जिससे शहर की सफाई व्यवस्था बिगड़ रही है। यदि कूड़ा निस्तारण की यह योजना शहर के दो वार्डो में सफल हो जाती है तो फिर सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट लगाने की कोई जरूरत ही नहीं पड़ेगी।  
क्या कहते हैं नप के एमई
नगर परिषद के एमई सतीश गर्ग ने बताया कि गुरूग्राम में चल रहे कूड़ा निस्तारण प्रोजेक्ट का जायजा लिया था। वहां प्रोजेक्ट को काफी सफलता मिली है। शहर के दो वार्डो को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर चुना गया है। प्रोजेक्ट की सफलता के लिए नेहरू पार्क में डेमो किया गया है। 
क्या कहती हैं नप अध्यक्षा
नगर परिषद अध्यक्षा पूनम सैनी ने कहा कि पिछले काफी समय से सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट नहीं लग पाया। इसके लिए जगह नहीं मिल रही। कूड़े की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है। जल्द ही शहर के दो वार्डो में पायलट प्रोजेक्ट शुरु कर दिया जाएगा। लोगों को जागरूक करने के लिए किसी एजेंसी को टेंडर दिया जाएगा। यदि दोनों वार्ड में यह योजना सफल रही तो फिर पूरे में शहर में इसे शुरू किया जाएगा। 

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