आउटसोर्सिंग ठेके को लेकर हुई थी शिकायत
ठेका रद्द होने से प्रभावित होंगी स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित
जींद
जिला मुख्यालय स्थित सामान्य अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतर सुविधाओं के लिए दिया गया आउटसोर्सिंग का ठेका स्वास्थ्य विभाग ने तुरंत प्रभाव से रद्द कर दिया है। यह आउटसोर्सिंग का ठेका रद्द होने से अस्पताल में चिकित्सा सेवाएं बुरी तरह से प्रभावित होंगी। क्योंकि अस्पताल में पहले ही स्टाफ की कमी है और ऐसे में यह ठेका तुरंत प्रभाव से रद्द किए जाने से इसका प्रभाव स्वास्थ्य सेवाओं पर पडऩा लाजमी है।
स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी के लिए दिया गया था ठेका
वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए सिविल अस्पताल में आऊटसोर्सिंग का यह ठेका शार्प ग्लोबल ग्रुप को दिया गया था। साल 2016-17 के लिए भी इसी कंपनी के पास आउटसोर्सिंग का ठेका था। अस्पताल में वार्ड ब्वायज से लेकर सिक्योरिटी गार्ड, सफाई, माली, इलैक्ट्रीशियन, कारपेंटर, कारपेंटर हैल्पर, मिस्त्री और उसके हैल्पर, सीवरमैन, कुक, स्वीपर, फायर सेफ्टी अफसर और सुपरवाइजर ठेकेदार द्वारा नियुक्त किए गए हैं। ठेकेदार के जिम्मे इस तरह का सारा काम अस्पताल में करवाना है और कर्मचारियों के वेतन का भुगतान ठेकेदार करता है। इस तरह की सेवाओं के लिए स्वास्थ्य विभाग ठेकेदार को भुगतान करती है।
फिजिबल रेट नहीं लगाए जाने से ठेका हुआ रद्द
सिविल अस्पताल में इस तरह की सेवाओं के लिए साल 2017-18 के लिए जब शार्प ग्लोबल ग्रुप को ठेका दिया गया तो मुकाबले में कुछ और कंपनियों ने भी टैंडर फार्म जमा करवाए थे। इसमें सफाई और स्वच्छता सेवाओं के लिए 43.71 रूपए प्रति वर्ग मीटर का रेट आया था और इसके लिए टैंडर देने वाली 7 पार्टियों में से 5 के रेट फिजिबल नहीं मिले थे। केवल दो पार्टियों के रेट न्यूनतम निर्धारित रेट से ज्यादा मिले थे। सिविल अस्पताल में आउटसोर्सिंग के ठेके को तुरंत प्रभाव से रद्द करने बारे स्वास्थ्य सेवाएं महानिदेशक ने जींद के सिविल सर्जन को लिखे पत्र में कहा है कि ठेके में दूसरी सेवाओं के लिए फिजिबल रेट 2.41 प्रतिशत चार्जिज मूल वेतन पर लगाया जाना था लेकिन किसी भी पार्टी ने इसके लिए फिजिबल रेट नहीं लगाया। तमाम पार्टियों ने फिजिबल रेट से कम रेट भरे। कायदे से फिजिबल रेट से कम रेट भरने वाली किसी भी कंपनी को यह ठेका नहीं दिया जा सकता था। इसे देखते हुए सिविल अस्पताल के इस ठेके को रद्द किया जा रहा है।
मुख्यालय को हुई थी ठेके को लेकर शिकायत
सामान्य अस्पताल में आउटसोर्सिंग सेवाओं के लिए शार्प ग्लोबल गु्रप को ठेका दिए जाने को लेकर स्वास्थ्य विभाग के मुख्यालय को शिकायत की गई थी। यह शिकायत उन कंपनियों की तरफ से की गई थी, जिन्होंने आउटसोर्सिंग सेवाओं के लिए टैंडर भरे थे और जिन्हें यह काम नहीं मिल पाया था। शिकायत में कहा गया था कि आउटसोर्सिंग का ठेका देने वाली कमेटी ने नियमों को ताक पर रखकर शार्प ग्लोबल ग्रुप को ठेका दिया। इसी तरह की शिकायतों के बाद स्वास्थ्य सेवाएं महानिदेशक ने सिविल अस्पताल में शार्प ग्लोबल गु्रप को दिया आउटसोर्सिंग का ठेका रद्द करने की कार्रवाई की है।
प्रभावित होंगी चिकित्सा सेवाएं
सिविल अस्पताल में आऊटसोर्सिंग का ठेका रद्द हो जाने से इसमें चिकित्सा सेवाओं से लेकर दूसरा काम काफी प्रभावित होगा। इस समय सिविल अस्पताल में सिक्योरिटी से लेकर वार्डों में मरीजों की सहायता के लिए सारा काम ठेके पर करवाया जा रहा है। अस्पताल में बिजली के रख-रखाव से लेकर फायर सेफ्टी का काम भी ठेके पर हो रहा है।
दोबारा टैंडर करने के निर्देश
सिविल सर्जन डा. संजय दहिया ने बताय कि ठेका रद्द किए जाने का पत्र स्वास्थ्य सेवाएं महानिदेशक कार्यालय से उनके कार्यालय में पहुंचा है।आऊटसोर्सिंग के ठेके को रद्द करने बारे अपने निर्देशों में स्वास्थ्य सेवाएं महानिदेशक ने कहा है कि इस मामले में दूसरी दिक्कतों या मुकद्दमेबाजी को रोकने के लिए यह जरूरी है कि आऊटसोर्सिंग सेवाओं के लिए दोबारा टैंडर किए जाएं।
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