अस्थायी नंदीशाला गोवंश की मौत पर जताया रोष
गोवंश की मौत का जिम्मेदार प्रशासन को ठहराया
जींद
जींद-हांसी ब्रांच नहर के निकट बनाई गई अस्थायी नंदीशाला में गोवंश की दयनीय दशा को लेकर गऊ सेवा दल के सदस्यों ने एसडीएम महाबीर प्रसाद से मुलाकात की और गोवंश की हालात सुधारे जाने को लेकर ज्ञापन सौंपा। गऊ सेवा दल के कार्यकर्ताओं का कहना था कि गाय को हिंदू धर्म में मां का दर्जा दिया गया है लेकिन अस्थायी नंदीशाला में उसी मां की आज दयनीय दशा देख कर शहर का हर व्यक्ति आहत है। इसलिए अस्थायी नंदीशाला में सुविधाएं उपलब्ध करवाते हुए गोमाता को बचाने का कार्य किया जाए। गऊ सेवा दल के कार्यकर्ता मंगलवार को जयति-जयति हिंदू महान संगठन के संयोजक अतुल चौहान के नेतृत्व में एसडीएम से मिले। उन्होंने कहा कि प्रशासन द्वारा जींद-हांसी ब्रांच नहर के निकट बनाई गई अस्थायी नंदीशाला में गंभीर अव्यवस्था है। यहां पर मौजूद असहाय, निरीह, बेजुबान गौवंश बिना पानी, बिना इलाज के मरने को मजबूर है। इस समय भी नंदीशाला में लगभग 2500 से तीन हजार तक गोवंश है। जिनके लिए न तो खाने का प्रबंध है ओर न ही पीने के पानी की कोई व्यवस्था है। खाने के नाम पर उन्हें नामात्र की कुछ चीजें ही उपलब्ध हो पा रही हैं। उनके लिए चारा डालने के लिए खोर भी नहीं बनी हुई है। बिना खोर बने पशुओं का पेट नहीं भर सकता है। उन्होंने कहा कि यही हाल पीने के पानी का है। जिसका यहां कोई बंदोबस्त नहीं है। अस्थायी नंदीशाला के निकट ही बनाई गई मस्जिद का गंदा पानी यहां पहुंचता है, जिसे गोवंश पीने को मजबूर है। उन्होंने कहा कि नंदीशाला के निकट बनाई गई दीवार टूटी हुई है। जिसके चलते यहां कुत्ते घुस जाते हैं और गोवंश पर हमला कर उन्हें घायल करते हैं। जिन चिकित्सकों की डयूटी यहां लगाई गई है वो भी कार्य में लापरवाही बरतते हैं जिसके चलते यहां मौजूद गोवंश पर हमेशा जान की बनी रहती है। अव्यवस्थाओं के चलते अब तक सैंकडों गोवंश मौत का शिकार हो चुका है। उन्होंने ज्ञापन सौंप कर गुहार लगाई कि यहां जिला प्रशासन को तुरंत प्रभाव से संज्ञान लेना चाहिए और गोवंश के लिए चीजों का प्रबंध करना चाहिए ताकि गोवंश को बचाया जा सके और हम पाप के भागीदार ना बनें। इस मौके पर विजेंद्र सिवाच, विरेंद्र डांगी, बलजीत कुंडू, भूपेंद्र पंडित, विनय, बलजीत, नरेंद्र सहित अनेक युवा मौजूद रहे।
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