वामपंथी सरकार पर जड़े राष्ट्रवादी लोगों की हत्या करवाने के आरोप
जींद : केरल में राष्ट्रवादी लोगों की निर्मम हत्या के विरोध में शुक्रवार को जींद में एबीवीपी ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। शहर में रोष यात्रा निकालकर भाजपा के छात्र संगठन एबीवीपी ने केरल सरकार पर आरोप जड़े कि वह केरल में सुनियोजित तरीके से राष्ट्रवादी लोगों की हत्या कर रही है। इसके लिए केरल की वामपंथी सरकार को कोसते हुए एबीवीपी नेताओं ने कहा कि तालिबान और वामपंथ एक ही सिक्के के दो पहलू हैं।
शुक्रवार सुबह एबीवीपी के बैनर तले बड़ी संख्या में जींद के कालेजों और विश्वविद्यालय के विद्यार्थी हांसी ब्रांच नहर के पास जयंती देवी मंदिर परिसर में जमा हुए। यहां विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए एबीवीपी नेता सुशील शास्त्री ने कहा कि जिस प्रकार पूरा विश्व वामपंथ के घिनौने और हत्यारे चेहरे को देख चुका है और जिस विचार को पूरा विश्व नकार चुका है, अब उसी वामपंथी विचारधारा के लोग भारत की देवभूमि केरल में हिंसा का तांडव कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पूरे केरल में अब तक 350 से ज्यादा लोगों की हत्याएं बहुत ही अमानवीय तरीके से की गई। अकेले कन्नूर जिले में जहां से केरल के मुख्यमंत्री आते हैं, वहां पर 112 लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया और विडंबना तो देखिए वहां के मुख्यमंत्री हिंसा को रोकना तो दूर, उनके कार्यकर्ताओं को कहते हैं कि तुम्हें तो मारना भी नहीं आता। केरल के मुख्यमंत्री स्वयं उनके लोगों को सिखाते नजर आते हैं कि लोगों को मारना कैसे है। उन्होंने कहा कि अब वामपंथ का विचार सिर्फ हिंसा का विचार रह गया है। यह विचार भारत की संस्कृति की हत्या कर भारत की आत्मा को रौंदने का कार्य कर रहा है। शास्त्री ने विद्यार्थियों से कहा कि अब आप को फैसला करना है कि आप देश के लिए क्या चुनते हैं। एक तरफ वामपंथी विचारधारा के लोग हैं जो रूस में हुई हिंसा को क्रांति बता कर उसकी शताब्दी मना रहें हैं या विद्यार्थी परिषद जो देश भर में स्वामी विवेकानंद के विचार को लेकर दरिद्र लोगों की सेवा करने वाली बहन निवेदिता की सार्धसती बनाने का पवित्र कार्य कर रही है। इस मौके पर एबीवीपी के पूर्व प्रदेश सहमंत्री सुशील काब्रछा ने कहा कि विश्व में 10 करोड़ लोगों की हत्याओं का कलंक वामपंथी विचार के लोगों के माथे पर लगा है। उन्होंने कहा कि यही वो वामपंथ है जिसने चीन की लोकतंत्र की मांग करने पर हजारों विद्यार्थियों को तोप से उड़ा दिया था। उन्होंने कहा कि भारत ऋषि मुनियों की तपोभूमि है। इस भूमि पर राक्षसों की तरह हत्या करने वालों के लिए कोई जगह नहीं है। उन्होंने कहा कि गरीबों की लड़ाई लडऩे के नाम पर भारत की वामपंथी पार्टी सफाई के नाम पर गरीबों को मार कर उनके खून से केरल की भूमि को शापित करने का कार्य रहे हैं। जिला प्रधान हरिश रामकली ने कहा कि केरल की वामपंथी सरकार देश में एक पूरी राजनीतिक पीढ़ी को खत्म करने के लक्ष्य को लेकर हत्याएं कर रही है। केरल सरकार सत्ता में बने रहने के लिए वहां के युवा, जो राष्ट्रवाद की बात करते हैं और राज्य में बुनियादी सुविधाओं की बात करते हैं, उनको निर्मम तरीके से मार रही है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी परिषद के आहवान पर केरल में एक लाख विद्यार्थी वामपंथ को उसकी औकात दिखाने का कार्य करेंगे। इस राष्ट्रीय आहवान पर जींद जिले से भी कार्यकर्ता केरल में वामपंथी हिंसा और हत्याओं के विरोध में होने वाली रैली में भाग लेंगे।
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जयंती देवी मंदिर से लघु सचिवालय तक निकाली रोष यात्रा
छात्र संगठन एबीवीपी ने केरल की वामपंथी सरकार के खिलाफ शुक्रवार को पूरे शहर में रोष यात्रा निकाली। यह रोष यात्रा जयंती देवी मंदिर से शुरू होकर शहर के मेन बाजारों से निकलते हुए लघु सचिवालय परिसर पहुंची। इसमें शामिल कार्यकर्ताओं ने अपने हाथों में तिरंगे झंडे और एबीवीपी के बैनर उठाए हुए थे। केरल की वामपंथी सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए यह लोग डीसी कार्यालय के बाहर जमा हुए। इसके बाद नगराधीश एसएस मान को ज्ञापन सौंपा गया। राष्ट्रपति के नाम सौंपे गए ज्ञापन में मांग की गई कि केरल सरकार को बर्खाश्त किया जाए। पीडि़त लोगों को मुआवजा और परिवार में एक सरकारी नौकरी दी जाए। राष्ट्रवादी लोगों की हत्या के दोषियों पर कठोर से कठोर कार्रवाई की जाए। इस मौके पर एबीवीपी के विभाग प्रमुख सुशील शास्त्री, जिला संयोजक हरीश रामकली और पूर्व प्रदेश सहमंत्री सुशील काब्रछा, विरेंद्र पिंडारा, युवराज, गौरव, अजय, राकेश, मनजीत बूरा, अजय, रामप्रशाद, सुधीर, अशोक, वाजिद खान, शुभम खरैंटी, नवीन, विकास, साहिल, पारली, जगमिंद्र, विक्रम, अंकित आदि खास तौर पर मौजूद थे।
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