Wednesday, 29 November 2017

बहन की बेटी ने मिस वल्र्ड बन कर किया नाम रोशन : अर्चना

कहा : ऊंचे सपने देख कर उन्हें करें पूरा 
दिसंबर माह में उचाना में होगा मानुषी का स्वागत

उचाना
सपने हमें ऊंचे देखने चाहिए, देखे गए सपनों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए। हम सपने ऊंचे नहीं देखेंगे तो उनको पूरा नहीं कर सकेंगे। मानुषी छिल्लर ने मिस वल्र्ड बन कर प्रदेश का नाम विदेशों तक में रोशन किया है। उचाना में दिसंबर माह में  मानुषी को बुलाकर उसका स्वागत किया जाएगा। यह बात मिस वल्र्ड बनी मानुषी छिल्लर की मौसी अर्चना ने कही। शहर के साथ-साथ आस-पास एरिया के लोगों ने इस उपलब्धि पर मानुषी छिल्लर के मौसा हरदीप डूमरखां के निवास पर लोग बधाई देने पहुंच रहे है। पालवां के राजकीय हाई स्कूल में संस्कृत अध्यापिका के तौर पर कार्यरत अर्चना ने बताया कि मानुषी बहुत ज्यादा मेहनती है। वह देर रात तक पुस्तकें पढ़ती थी तो इस पर उसकी मां नीलम उसको टोकती तो मानुषी कहती कि मां क्या आप बिना मेहनत किए डॉक्टर बन गई। उसका यह जुनून ही आज मानुषी को शिखर तक ले गया है। आज हरियाणा ही नहीं बल्कि देश भर की बेटियों के लिए वो प्रेरण स्रोत बनी है। बेटियों को चाहिए कि वो निरंतर मेहनत कर अपने लक्ष्य को प्राप्त करें। पीएम नरेंद्र मोदी का भी बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ का नारा जो हरियाणा से धरती से उद्घोषित हुआ था। आज हरियाणा की बेटियां हर क्षेत्र में निरंतर प्रदेश का नाम रोशन कर रही है। 
नहीं मानते बेटा-बेटी में फर्क
अर्चना ने बताया कि उनके परिवार के लोग कभी भी बेटा-बेटी में फर्क नहीं मानते है। उनके दादा चंदगीराम स्वतंत्रता सेनानी थे। जिसका प्रभाव पूरे परिवार पड़ा। दादा ने अपनी बेटियों पोतियों को उच्च शिक्षा दिलाई। वो बेटियों को पुराने समय में भी पढ़ाने के पक्ष में थे। आज उनकी तीन पोतियां एमडी डॉक्टर है तो वो शिक्षक है। आज उनकी पड़पौत्री ने विश्व सुंदरी बन कर प्रदेश का नाम रोशन किया है। मानुषी छिल्लर भी डॉक्टरी का कोर्स कर रही है। एक दिसंबर को भगत फूल सिंह हेल्थ युनिवर्सिर्टी खानपुर द्वारा उसे सम्मानित किया जाएगा। खुद उसके भी एक ही बेटी है। बेटी को बेटे की तरह शिक्षा उनके परिवार ने दिलाई। 
शशि थरूर की छोटी सोच आई सामने
हरदीप डूमरखां ने कहा कि कांग्रेसी नेता शशि थरूर द्वारा मानुषी छिल्लर के मिस वल्र्ड बनने पर किए गए ट्वीट से उसकी बेटियों के प्रति छोटी सोच सामने आई है। आज हमारे बेटे फौज में भर्ती होकर देश का सम्मान बढ़ा रहे है तो बेटियां सर्वोच्च शिखर प्राप्त कर रही है। ये हमारे लिए गर्व की बात है। जो नेता खुद बहू-बेटियों के मामले में स्वयं विवादित रहे है उनसे और क्या आशा की जा सकती है।

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