वन रैंक वन पैंशन दिए जाने की मांग
जींद
कोनफेडरेशन ऑफ एक्स पार्लियामैंटरी फोर्सिस वैलफेयर एसोसिएशन के आह्वान पर मंगलवार को सेवानिवृत पैरामिल्ट्री सैनिकों ने लघु सचिवालय के निकट मांगों को लेकर धरना दिया। धरने के दौरान प्रधानमंत्री से सेवानिवृत पैरामिल्ट्री सैनिकों की मांगों को शीघ्र पूरा किया जाने की मांग की गई। धरने की अध्यक्षता करते हुए ईश्वर फौजी ने कहा कि देश की 18 हजार किलोमीटर लंबी सीमा रेखाओं की चाक चौबंद चौकसी करने वाले जवानों, उत्तरी पूर्वी राज्यों में तैनात व कश्मीर घाटी में नक्सल व बहुल्य राज्यों में तैनात जवानों को लेकर सावतें वेतन आयोग व ईसीओएस द्वारा पूरी तरह से जवानों के वेतन भत्तों की सुविधाओं से नकार दिया गया है। यह बहुत ताज्जुब की बात है कि हमारे अर्धसैनिकों को सिविल के चपड़ासी व क्लर्क से तुलना की गई है जोकि मात्र आठ घंटे डयूटी देकर परिवार के आराम से रहता है। जबकि पैरामिलिट्री जवान की डयूटी से 16 से 20 घंटे की है। उन्होंने बताया कि पिछले पांच सालों में लगभग 51 हजार से ऊपर जवान नौकरी छोड़ कर चले गए हैं या वालेंटियर पैंशन चले गए हैं। उन्होंने मांग की कि वन रैंक वन पैंशन को लागू किया जाए जैसा कि सातवें वेतन आयोग ने सिफारिश की है। नई पैंशन स्कीम को रद्द किया जाए व सेना की तर्ज पर पुराना पेंशन फार्मूला लागू किया जाए। पैरामिलिट्री सर्विस पे सुरक्षा बलों को दी जाए। बीएसएफ रूल 19 के तहत 10 साल 40 दिन की सेवा पूरी करने वाले जवानों को पुन: पैंशन दी जाए। अर्धसैनिक बलों के लिए सीसीएस रूल की बजाय अलग से पैरामिलिट्री सर्विस रूल बनाए जाएं। सैना के सैनिक स्कूल की तर्ज पर देश के हर राज्यों में अर्धसैनिक स्कूल खोले जाएं व इंजीनियरिंग व मेडिकल कॉलेज भी खोल जाएं। शहीद का दर्जा दिया जाए व शहीद के आश्रित परिवारों को मुआवजा के तौर पर एक करोड़ रुपया दिया जाए। हर लंबी दूरी की एक्सप्रेस, मेल गाडिय़ों में पैरामिलिट्री बोगीज की व्यवस्था की जाए। हर राज्यों के सभी जिलों में सीजीएचएस डिस्पेंसरी खोली जाएं। सीएसडी कैंटीन की सुविधा उपलब्ध करवाई जाए। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने उनकी मांगों पर कोई संज्ञान नहीं लिया तो पांच दिसंबर से राजघाट पर धरना व प्रदर्शन किया जाएगा।
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