Thursday, 16 November 2017

व्यवस्था पर नकेल कसने की जिम्मेदारी मीडिया पर : प्रो. सोलंकी


प्रजातंत्र में मीडिया है चौथा स्तंभ : डा. राजबीर
समाज को दिशा देने में मीडिया की अहम भूमिका : सुभाष
सीआरएसयू में प्रैस दिवस पर हुआ सैमीनार


जींद : जब व्यवस्था पटरी से उतरने लगे और रास्ता भटकने लगे, तब उसे पटरी पर लाने और उस पर नकेल कसने की अहम जिम्मेदारी मीडिया की होती है। मीडिया देश और समाज को सही दिशा में ले जाने का काम करता है। 
यह बड़ी बात बुधवार को जींद के चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय प्रैस दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित सैमीनार में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजबीर सिंह सोलंकी ने कही। सैमीनार का आयोजन जींद के मीडिया क्लब और सीआरएसयू के जन संचार विभाग ने किया था। इसमें विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजबीर सिंह सोलंकी ने कहा कि देश निर्माण में जितना योगदान सैनिक, डॉक्टर, टीचर का होता है, उतना ही योगदान  पत्रकार का भी होता है। उन्होंने कहा कि समाज जितना विकसित होता जाएगा, पत्रकारिता में उतने ही अवसर बढ़ते जाएंगे। उन्होंने पत्रकारों को समाज का असली नायक बताते हुए कहा कि हर अधिकारी, कर्मचारी की काम करने की एक सीमा होती है, लेकिन पत्रकार इन सीमाओं से परे होते हैं। वह तमाम उमर समाज को ऊंचा उठाने में योगदान दे सकते हैं। सीआरएसयू के जन संचार विभाग के विद्यार्थियों से सैमीनार में रूबरू होते हुए वीसी ने कहा कि इन विद्यार्थियों ने हाल ही में फरीदाबाद में आयोजित एक कार्यक्रम में जिस तरह शानदार प्रदर्शन किया है, उससे वह दावे से कह सकते हैं कि आज के यह विद्यार्थी कल के होनहार पत्रकार होंगे। 
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चुनौतियों के साथ अवसरों की भी भरमार : श्योराण
इंडस गु्रप के निदेशक सुभाष श्योराण ने सैमीनार में मुख्य वक्ता के रूप में कहा कि पत्रकारिता के क्षेत्र में जहां अनेक अवसर मौजूद हैं, वहां बहुत सी चुनौतियों का भी पत्रकारों को सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि पत्रकार को हमेशा समाजोत्थान की सोच के साथ पत्रकारिता करनी चाहिए। वह जो भी पत्रकारिता करे, वह तथ्यों पर आधारित हो। सच्चा पत्रकार वही होता है, जो चुनौतियों से नहीं घबराकर समाज का सही चित्रण अपनी लेखनी के माध्यम से कर लोगों को जागरूक करता है। उन्होंने कहा कि आज के समय में पत्रकारिता का स्वरूप काफी बदल चुका है। आज प्रिंट और इलैक्ट्रोनिक्स मीडिया के अलावा सोशल मीडिया भी पत्रकारिता का बड़ा माध्यम बनकर उभर रहा है। पलक झपकते ही हर घटना की सूचना हर व्यक्ति तक पहुंच जाती है। ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि कभी भी तथ्यों से परे खबरें नहीं डालनी चाहिएं, क्योंकि खबरों का असर लोगों पर सीधा पड़ता है। इसलिए हर खबर को सोच-समझकर ही संप्रेषित करंे। उन्होंने पत्रकारिता का कोर्स कर रहे विद्यार्थियों से कहा कि वह भारत के भावी पत्रकार हैं, इसलिए कोर्स के साथ- साथ उन्हे देश एवं विदेश में घटने वाली घटनाओं की जानकारियां भी जुटानी चाहिएं। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता एक मिशन है। इस मिशन का उद्देश्य सामाजिक बुराई को मिटाने के लिए लोगों को जागरूक करना तथा राष्ट्र को और मजबूत करना है। उन्होंने कहा कि पत्रकार समाज निर्माण में अहम भूमिका निभाते हैं। इसलिए युवाओं को पत्रकारिता के क्षेत्र में आगे आकर देश निर्माण में अपना योगदान देना चाहिए। सुभाष श्योराण ने इस अवसर पर घोषणा की कि इंडस गु्रप ऑफ एजुकेशन के संस्थानों में पत्रकारों के बच्चों से मात्र आधी फीस ली जाएगी। किसी भी पत्रकार का बच्चा अगर हमारे संस्थान में दाखिला लेता है तो संस्थान द्वारा उस बच्चे की आधी फीस माफ की जाएगी। 
चुनौतियों से नहीं घबराने का आह्वान 
सैमीनार में विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डा. राजबीर सिंह ने कहा कि चुनौतियां पत्रकारिता समेत तमाम क्षेत्रों में आती हैं। चुनौतियों से घबराने की नहीं बल्कि उनसे पार पाने की जरूरत है। यह जज्बा आज जन संचार के विद्यार्थियों में जितना मजबूत होगा, वह उतना ही सफल साबित होंगे। इस मौके पर स्वामी सदानंद, डा. एसके सिन्हा, प्रो. जयपाल आदि ने भी अपने विचार रखे। 
जन संचार विद्यार्थियों ने पूछे गंभीर सवाल
बुधवार को सीआरएसयू में आयोजित सैमीनार में विश्वविद्यालय के जन संचार विभाग के विद्यार्थियों ने पत्रकारों से पत्रकारि

ता क्षेत्र से जुड़े अनेक गंभीर सवाल पूछे। इनका पत्रकारों ने बखूबी जवाब दिया और विद्यार्थियों को पत्रकारिता को एक पेशे के रूप में अपनाकर ईमानदारी से काम करने को कहा। मीडिया क्लब की तरफ से जन संचार विभाग की छात्रा टविंकल को उसके पगड़ी पर लेख को एक कार्यक्रम में राज्य स्तर पर प्रथम पुरस्कार मिलने पर 1100 रूपए देने का ऐलान किया गया। सैमीनार में मीडिया क्लब के प्रधान अशोक छाबड़ा समेत जिले के लगभग 60 से ज्यादा पत्रकारों ने भाग लिया। 

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