सिंचाई, स्वास्थ्य, जन स्वास्थ्य, बिजली जैसे विभागों का होगा ब्यौरा
इससे विकास परियोजनाएं बनाने में मिलेगी बड़ी मदद
जींद : जींद के लघुु सचिवालय परिसर में जीआईएस लैब जल्द बनकर तैयार होगी। इस जीआईएस लैब में लगभग सभी बड़े और अहम सरकारी विभागों की मैपिंग होगी और उनका लगभग हर तरह का ब्यौरा उपलब्ध होगा। जीआईएस लैब स्थापित होने से जींद में विकास परियोजनाएं बनाने में बड़ी मदद मिलेगी।
जिला प्रशासन लघु सचिवालय परिसर में इस जीआईएस (ज्योग्राफिकल इन्फारमेशन सिस्टम) लैब को हिसार कृषि विश्वविद्यालय के हरसेक के साथ मिलकर बना रहा है। हरसेक की देख-रेख में जीआईएस लैब की स्थापना का काम लघु सचिवालय परिसर के उस बड़े हाल में शुरू किया गया है, जो कुछ समय पहले तक कैंटीन के रूप में इस्तेमाल होता था। जीआईएस लैब बनाने के लिए ही कैंटीन को यहां से शिफ्ट किया गया है। जींद का जिला सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग हरसेक की जीआईएस लैब स्थापित करने में पूरी मदद कर रहा है। जीआईएस लैब बनने के बाद इसमें बिजली विभाग, स्वास्थ्य विभाग, सिंचाई विभाग, जन स्वास्थ्य विभाग, लोक निर्माण विभाग, बीएसएनएल, नगर परिषद जैसे बड़े और अहम विभागों के पूरे मैप बनाए जाएंगे। यह मैप कम्प्यूटर में होंगे और एक क्लिक के साथ ही इनके प्रिंट आऊट हासिल किए जा सकेंगे। विभागों की मैपिंग में बिजली विभाग की लाइनों से लेकर इसके पावर हाऊस आदि को दिखाया जाएगा। जन स्वास्थ्य विभाग की पेयजल और सीवरेज की लाइन इसकी मैपिंग में होंगी। लोक निर्माण विभाग की सड़कों के मैप होंगे तो बीएसएनएल की भूमिगत आप्टिकल फाइबर केबल के बारे में पूरी जानकारी मैप के साथ होगी। स्वास्थ्य विभाग के पीएचसी, सीएचसी और सिविल अस्पताल आदि की मैपिंग भी जीआईएस लैब में होगी। सिंचाई विभाग की नहरों से लेकर रजबाहों, माइनरों आदि के पूरे जाल की मैपिंग की जाएगी और उसे जीआईएस लैब के सिस्टम में फीड किया जाएगा।
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योजनाएं बनाने में मिलेगी बड़ी मदद
जीआईएस लैब बन जाने के बाद जिले में विकास योजनाएं बनाने में बड़ी मदद मिलेगी। इसमें जींद जिले के अहम और बड़े विभागों की सारी जानकारी और मैप होंगे तथा किसी नई विकास परियोजना के लिए तुरंत हर तरह की जानकारी मिल जाएगी कि परियोजना की साइट के पास सड़कों, भूमिगत टैलीफोन लाइन, सीवरेज लाइन, पेयजल पाइप लाइन आदि की स्थिति क्या है। मौके पर जाकर इन चीजों की जानकारी जुटाने से सरकारी विभागों के अधिकारियों को मुक्ति मिल जाएगी। वह जीआईएस लैब में बैठे-बैठे ही पूरी साइट के बारे में हर तरह की जानकारी आसानी से हासिल कर पाएंगे। इसके लिए जीआईएस लैब में बहुता बड़ा सर्वर लगाया जाएगा। बड़े पिं्रटर से मैप के पिं्रट आऊट निकालने की व्यवस्था होगी। जिस विभाग को जिस मैप की जरूरत होगी, वह तुरंत एक क्लिक में जीआईएस लैब से उपलब्ध हो जाएगा। इसके लिए विभागीय कर्मचारियों को विभागों के कार्यालयों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। अगर किसी आम आदमी को भी इस तरह के मैप की जरूरत पड़ती है तो वह भी इसे जीआईएस लैब से आसानी से हासिल कर सकेगा। मैप के पिं्रट आऊट के लिए रेट सरकारी विभागों और प्राइवेट लोगों के लिए क्या होंगे, यह जींद के डीसी निर्धारित करेंगे।
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जीआईएस लैब की स्थापना का काम शुरू : बदर
जिला प्रौद्योगिकी एवं सूचना अधिकारी एमजैडआर बदर के अनुसार जींद के लघु सचिवालय परिसर में जीआईएस लैब की स्थापना का काम हरसेक की मदद से शुरू कर दिया गया है। इसमें हार्ड वेयर और साफ्ट वेयर लगाए जाएंगे। कुल मिलाकर इस पर लगभग 25 से 30 लाख रूपए की राशि खर्च होगी। जीआईएस लैब सरकारी विभागों के मैप आदि से लेकर उनके आधारभूत ढांचे की जानकारी और विकास योजनाएं बनाने के लिए बेहद फायदेमंद साबित होगी।
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जमीन का रिकार्ड भी जीआईएस लैब से जुड़ेगा : डीसी
डीसी अमित खत्री के अनुसार जींद में जीआईएस लैब पर काम शुरू हो गया है। जीआईएस लैब से जींद के तेज गति से विकास में मदद मिलेगी। इससे सरकारी विभागों का काम भी तेज गति से होगा। जीआईएस लैब के अभाव में कई बार विकास के काम करते भूमिगत टैलीफोन लाइन, सीवरेज लाइन, पेयजल पाइप लाइन आदि को नुक्सान पहुंच जाता है। जब जीआईएस लैब बन कर पूरी तरह तैयार हो जाएगी, तब ऐसा नहीं होगा। जहां काम चलेगा, वहां का पूरा नक्शा पहले ही उपलब्ध होगा और भूमिगत लाइनों को नुक्सान पहुंचाए बिना ही विकास परियोजनाओं पर काम चल पाएगा। उन्होंने कहा कि बाद में जिले की जमीन का रिकार्ड भी जीआईएस लैब से जोड़े जाने की योजना है। यह होने पर राजस्व विभाग और किसानों को बहुत बड़ी मदद मिलेगी।
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