स्कूलों में इस तरह के केंद्र स्थापित करने वाला जींद बना प्रदेश का पहला जिला
जींद : जिला के स्कूलों में मनोवैज्ञानिक सलाह एवं परामर्श केंद्रों की स्थापना की जाएगी। इन केंद्रों को स्थापित करने का मुख्य उद्देश्य बच्चों को मानसिक रूप से मजबूत कर उन्हें अच्छा नागरिक बनाना है ताकि वह भविष्य में राष्ट्र निर्माण में अपना अहम योगदान दे सकें। डीसी अमित खत्री ने वीरवार को यह जानकारी दी। वह आज स्थानीय लघु सचिवालय में जिला बाल कल्याण परिषद के अधिकारियों की एक बैठक को संबोधित कर रहे थे।
डीसी अमित खत्री ने बैठक के उपरांत बताया कि स्कूली बच्चों को उनके अधिकारों, देश के प्रति उनके कत्र्तव्य तथा उन्हे मानसिक रूप से मजबूत बनाने को लेकर जिला के सभी स्कूलों में मनोवैज्ञानिक सलाह एवं परामर्श केंद्रों की स्थापना करने का निर्णय लिया गया है। स्कूलों में इन केंद्रों की स्थापना को लेकर स्कूलों से मंत्रणा करने का काम भी शुरू कर दिया गया है। अब तक जिला के 33 स्कूलों से इस संबंध में बातचीत की जा चुकी है। अब तक जितने स्कूलों से बातचीत हुई है, सभी स्कूलों के प्रधानाचार्यों ने इसे एक सकारात्मक एवं शानदार पहल बताया है। डीसी ने जिला बाल कल्याण अधिकारी अनिल मलिक को निर्देश दिए कि वह विद्यालयों में कार्यक्रम आयोजित कर केंद्रों की स्थापना को लेकर सभी प्रधानाचार्यों से बातचीत करे और रिपोर्ट भिजवाना सुनिश्चित करे ताकि इन केंद्रों की स्थापना का कार्य जल्द करवाया जा सके। जींद जिला हरियाणा प्रदेश का पहला जिला बनने जा रहा है। जहां सभी स्कूलों में इस तरह के अनोखे केंद्रों की स्थापना होने जा रही है। डीसी ने बताया कि स्कूलों में स्थापित होने वाले इन केंद्रों में मनोवैज्ञानिक, मनोचिकित्सक, शिक्षाविद्ध, समाज सेवा क्षेत्रों से जुड़े अनुभवी व्यक्ति बच्चों को आवश्यक जानकारी देंगे। यह वह व्यक्ति होंगे जो हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद से जुड़े हुए है। उन्होंने बताया कि समाज उत्थान की सोच रखने वाले अन्य अनुभवी व्यक्ति भी इन केंद्रों में बच्चों को आवश्यक जानकारी दे सकते हैं, लेकिन इसके लिए पहले जिला बाल कल्याण अधिकारी से संपर्क करना जरूरी है।
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जिला स्तर पर परिषद करवा रही प्रतियोगिताएं : मलिक
जिला बाल कल्याण अधिकारी अनिल मलिक ने बताया कि परिषद द्वारा अब तक जिला स्तर पर विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओं का आयोजन करवाया जाता रहा है। अब उपमंडल एवं ब्लाक स्तर पर जिला स्तर की तर्ज पर प्रतियोगिताओं का आयोजन करवाया जाएगा। इसके लिए आज बैठक में डीसी ने भी सहमति जता दी है। उन्होंने बताया कि बैठक में बाल भवन कार्यालय परिसर के जीर्णोद्वार को लेकर भी प्रस्ताव रखा गया था। इस पर भी डीसी अमित खत्री ने सहमति जताते हुए कहा है कि इसके लिए जल्द ही भवन एवं सड़क निर्माण विभाग या पंचायती राज विभाग से एस्टीमेट तैयार करवाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि बाल भवन का निर्माण वर्ष 1973 में हुआ था। अब यह भवन जर्जर हालात में पहुंच चुका है।
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