जींद
सतर्कता विभाग ने सोमवार को डीआरडीए में डीसी रेट पर लगे डाटा इंट्री ऑप्रेटर को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत दूसरी किश्त जारी करने की एवज में तीन हजार रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा। सतर्कता विभाग ने डाटा इंट्री ऑप्रेटर के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार किया है। गांव ढिगाना निवासी राममेहर ने सतर्कता विभाग को दी शिकायत में बताया था कि उसने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ऋण का आवेदन किया हुआ है। जिसकी पहली किश्त 45 हजार रुपये उसे मिल चुकी है, जबकि 60 हजार रुपये की दूसरी किश्त मिलनी थी। दूसरी किश्त जारी करने की एवज में डीआरडीए में डीसी रेट पर लगा डाटा इंट्री ऑप्ररेटर मनीष वर्मा तीन हजार रुपये की डिमांड कर रहा है। दूसरी किश्त के लिए वह पिछले छह माह से लगातार मुनीष वर्मा के पास चक्कर लगा रहा है। सतर्कता विभाग ने शिकायत के आधार पर छापा मार दल का गठन किया गया। डयूटी मजिस्ट्रेट के तौर पर तहसीलदार प्रवीन कुमार को नियुक्त किया गया। जबकि कार्रवाई को अंजाम देने के लिए निरीक्षक भूपेंद्र सिंह को जिम्मा सौंपा गया। जिसमें एएसआई अनिल कुमार, दलजीत सिंह, एचसी जगबीर को शामिल किया गया। छापामार दल ने शिकायतकर्ता को एक नोट दो हजार का तथा दो नोट पांच-पांच सौ रुपये के डयूटी मजिस्ट्रेट द्वारा हस्ताक्षरित करा पाउउर लगा कर दिया। योजना केमुताबिक शिकायतकर्ता ने नोटों को डाटा इंट्री ऑप्रेटर मुनीष वर्मा को सौंप दिए। इशारा मिलते ही छापामार दल ने डाटा इंट्री ऑप्रेटर मुनीष वर्मा को पकड़ लिया। तालाशी लिए जाने पर उसके कब्जे से मजिस्ट्रेट द्वारा हस्ताक्षरित तथा पाउडर युक्त नोट बरामद हुए। हाथ धुलाए जाने पर उसके हाथों का रंग लाल हो गया। सतर्कता विभाग ने मुनीष वर्मा के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया है।
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