जयंती उत्सव में शेष नाग, संदीपनी ऋषि आश्रम, श्योदा कुंज, गौवर्ध पर्वत रहेगा आकर्षक का केंद्र
जयंती उत्सव में महाभारत काल से जुड़े तीर्थ स्थलों को दर्शाया जाएगा
जींद : इस बार गीता जयंती समारोह 28 से 30 नवम्बर तक मनाया जाएगा। इस राष्ट्रीय पूर्व को डीसी कालोनी स्थित दीवान बाल कृष्ण रंगशाला के पास खाली पड़ी जगह पर भव्य तरीके से मनाया जाएगा। इस कार्यक्रम की तैयारियों को लेकर डीसी अमित खत्री, नगराधीश सत्यवान मान ने अधिकारियों को निर्देश दिए है कि वह जयंती कार्यक्रम में कोई कमी नहीं रखे। डीसी ने जयंती को लेकर अधिकारियों से मंत्रणा की और कहा कि इस बार का आयोजन पिछले आयोजन से बेहतर होना चाहिए।
जयंती को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी वंदना गुप्ता ने वीरवार को शिक्षा विभाग के अधिकारियों की बैठक ली। वंदन गुप्ता ने कहा कि कर्मी पूरी तम्यता के साथ तैयारियों में जुट जाएं। लगभग 25 स्कूलों के बच्चे 3 दिन तक चलने वाले जयंती उत्सव में हर रोज सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति देंगे। उन्होंने बताया कि बच्चों के सांस्कृतिक कार्यक्रम गणेश वंदन, रास लीला, दही हांडी, श्री कृष्ण गाथा इत्यादि पर आधारित रहेंगे। उन्होंने शिक्षकों को सलाह दी कि वह बाल कलाकारों की प्रतिभाओं को निखारने के लिए कोई कोर कसर नहीं रखे। इस आयोजन में लगभग 1200 विद्यार्थी अपनी प्रस्तुतियां देंगे। नगराधीश सत्यवान सिंह मान, रंगकर्मी हनीफ खान और पवन आर्य ने बुधवार सायं उपायुक्त को गीता जयंती कार्यक्रम के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस बार जयंती स्थल पर शेष नाग की प्रतिमा को आकर्षक तरीके से सजाया जाएगा। संदीपनी ऋषि के आश्रम में हमारी गुरूकुल शिक्षा पद्वति को दिखाने का प्रयास किया जाएगा। श्योदा कुंज में बाल श्री कृष्ण की लीलाओं को दर्शाया जाएगा। गोवर्धन पर्वत को भी जयंती स्थल पर दिखाया जाएगा। उन्होंने डीसी को बताया कि इस बार एक गीता मंडप, एक गीता अध्ययन केंद्र, गीता यज्ञ को दर्शाया जाएगा। गीता मंडप में पवित्र ग्रंथ गीता को रखा जाएगा। जयंती कार्यक्रम में महाभारत काल से जुड़े तीर्थ स्थलों को दिखाया जाएगा। पांडु-पिंडारा, ढूढू तीर्थ, हटकेश्वर, ईक्कस आदि ऐतिहासिक तीर्थ स्थलों के फोटो और अन्य तरीके से हुबहू दिखाने का प्रयास किया जाएगा। 3 दिन तक चलने वाले समारोह में लगभग आधा एकड़ क्षेत्र में ग्राम मेला का आयोजन किया जाएगा। इसमें हमारे ग्राम्य परिवेश की पुरानी चीजों को दिखाने का प्रयास किया जाएगा। इसमें हरियाणवी सांग लोक कलां, कठपुतली नृत्य, नट का खेल, पुराने समय में प्रयोग की गई दूरबीन जैसी दुर्लभ होती पुरानी चीजों और संस्कृति को दिखाया जाएगा। जयंती कार्यक्रम में कन्या गुरूकुल खरल की छात्राओं द्वारा शस्त्र चलन विद्या का प्रदर्शन किया जाएगा। समारोह स्थल पर श्रव्य-दृश्य लाइट एंड साऊंड का आकर्षक कार्यक्रम भी हर रोज दिखाया जाएगा। इसके अलावा सूचना एवं जन संपर्क विभाग द्वारा अन्य प्रदेशों की सांस्कृतिक विरासत को दर्शाने वाले कलाकारों को भी बुलाया जाएगा।
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