जींद : कलीराम डीएवी पब्लिक स्कूल सफीदों में प्राचार्या रश्मि विद्यार्थी के मार्गदर्शन में बच्चों के बौद्धिक विकास के लिए बच्चों की ब्रेन प्रोग्रामिंग करवाई गई। इसमें साइंटिफिक मैडिटेशन गुरु और एजूलोजिस्ट आचार्य पवन ने बच्चों को गैप थैरेपी, कनसंट्रेशन थैरेपी, विजुलाइजेशन थैरेपी, ब्रेन प्रोग्रामिंगके द्वारा याददाश्त और एकाग्र शक्ति बढाने का तरीका बताया।
आचार्य पवन ने बताया कि 80 प्रतिशत छात्र ऐसे हैं, जिनका पढ़ाई में मन नहीं लगता। याद किया हुआ भूल जाते हैं। एक टीचर सभी बच्चों को एक जैसा पढ़ाती है फिर भी सब बच्चों को अलग-अलग समझ आता है। आचार्य ने इन सभी समस्याओं का मूल कारण पढ़ते समय मन में दूसरे विचारों का चलना बताया। जब तक हमारे दिमाग में इस प्रकार के विचार चलते हैं तब तक हमें कोई विषय अच्छी प्रकार से याद नहीं हो सकता। याद हो जाए तो कुछ समय के बाद भूल जाएंगे। इन समस्याओं को दूर करने के सरल एवं सुगम 3 उपाय आचार्य पवन ने बताए। पहला गैप थैरेपी से मन में चल रहे विचारों को समाप्त करना। इसके लिए 22 से 30 सैकेंड तक आंखें बंद करके अपनी श्वांसों की गिनती करें। दूसरा उपाय ब्रेन प्रोग्रामिंग करते हुए ब्रेन डायरी बनानी है। ब्रेन डायरी में सुबह से शाम मक जो भी पढ़ा है, उसके प्वाइंट लिखने हैं। 22 मिनट के बाद हम भूल जाते हैं कि हम कि हमें क्या भूलना है और क्या याद रखना है। यदि हम ब्रेन डायरी में प्रतिदिन के मुख्य बिंदु लिखेंगे तो हमारी याददाश्त मजबूत बनेगी। तीसरा विजुलाइजेशन थैरेपी के बारे में बताया। यदि हम पढऩे के बाद एक मिनट तक सोचें कि हमने क्या-क्या पढ़ा है तो हमें ज्यादा समय तक याद रहेगा। हम पिक्चर, मैच, गाने आदि ज्यादा समय तक याद रखते हैं क्योंकि इनके बारे में हम सोचते हैं। दोस्तों से इस विषय पर बातें करते हैं, इसलिए यदि हम पढऩे के बाद उस विषय के बारे में विजुलाइजेशन करें तो हमें हमेशा याद रहेगा। प्राचार्या रश्मि विद्यार्थी ने आचार्य पवन का हार्दिक धन्यवाद किया तथा बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि डीएवी स्कूल हमेशा ही बच्चों के सर्वमुखी विकास के लिए प्रयासरत रहता है, इसलिए यह ब्रेन प्रोग्रामिंग करवाई गई।
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