तीन गांवों के किसानों ने डीसी तथा एडीसी को सौंपा ज्ञापन
मुआवजा राशि में भेदभाव किया जाए दूर
जींद
गांव कैरखेड़ी, झांझ कलां तथा झांझ खुर्द के किसानों के साथ राष्ट्रीय राजमार्ग 352 के निर्माण को लेकिर अधिग्रहित की गई किसानों की जमीन मुआवजा राशि में भेदभाव किए जाने को लेकर इनेलो जिला उप प्रधान डा. कृष्ण मिढ़ा डीसी अमित खत्री तथा एडीसी धीरेंद्र खडगटा से मिले। यहां किसानों ने कहा कि अधिग्रहित की जमीन मुआवजा राशि में भारी भेदभाव किया गया है जिसके चलते किसान अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। शीघ्र ही इस भेदभाव को दूर नहीं किया गया तो किसान आंदोलन करने को मजबूर होंगे।
गांव कैरखेड़ी, झांझ कलां तथा झांझ खुर्द के किसान शुक्रवार को इनेलो जिला उप प्रधान डा. कृष्ण मिढ़ा के नेतृत्व में डीसी तथा एडीसी से मिले। डा. कृष्ण मिढ़ा ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग 352 के निर्माण को लेकर जींद हलका के तीन गांव कैरखेड़ी, झांझ कलां तथा झांझ खुर्द के किसानों की जमीन अधिग्रहित की गई है। इस जमीन अधिग्रहण को लेकर जो मुआवजा राशि किसानों को दी जा रही है वो बेहद ही कम है। इन तीन गांवों के किसानों को मात्र 28 लाख रुपए प्रति एकड़ राशि ब्याज सहित उपलब्ध करवाई गई जबकि साथ लगते अन्य गांव अहिरका, खटकड़ के किसानों को 48 से 60 लाख रुपए तक की मुआवजा राशि उपलब्ध करवाई गई है। जिससे साफ जाहिर होता है कि किसानों के साथ भेदभाव किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गांव कैरखेड़ी, झांझ कलां तथा झांझ खुर्द शहर के निकट हैं और गांव खटकड़ शहर से बहुत दूर है। बावजूद इसके खटकड़ गांव के किसानों को अधिग्रहित की गई जमीन की 48 से 60 लाख रुपए तक की राशि दी जा रही है। उन्होंने कहा कि किसानों के लिए उसकी जमीन मां के समान होती है। किसान कभी भी नहीं चाहता कि उसकी जमीन बिके लेकिन सरकार द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग के लिए जमीन को अधिग्रहित किया गया है, इसी के चलते किसानों ने अपनी जमीन अधिग्रहित होने दी लेकिन अब सरकार उन्हीं किसानों के साथ भेदभाव कर रही है। उन्होंने कहा कि वो किसी भी स्तर पर किसानों के साथ इस भेदभाव को सहन नहीं करेंगे। शुक्रवार को इसी भेदभाव को दूर करवाने की मांग को लेकर डीसी तथा एडीसी को मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा गया है। बावजूद इसके अगर किसानों के साथ किए गए इस भेदभाव को दूर नहीं किया गया तो वो कोई भी आंदोलन करने से पीछे नहीं हटेंगे। इस मौके पर गांव झांझ कलां के सरपंच सतीश गोयत, भूपेंद्र जुलानी, संतराम रायचंदवाला, कुलदीप गिल पिंडारा, ठंडी खोखरी, राजेंद्र फौजी दरियावाला, मोहित शर्मा सहित तीन गांवों के किसान मौजूद रहे।
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